छत्तीसगढ़

हर सप्ताह जा रही है 4 लोगों की जान सड़क दुर्घटना में

हर सप्ताह जा रही है 4 लोगों की जान सड़क दुर्घटना में
जांजगीर
अजय शर्मा जिला ब्यूरो चीफ सब का संदेश
जांजगीर जिले में लोग बड़ी संख्या में सड़क दुर्घटना के शिकार हो रहे हैं यातायात पुलिस की उदासीनता व लोगों में जागरूकता के अभाव में सड़क दुर्घटना पर रोक नहीं लग पा रही है इसके चलते हर सप्ताह 4 लोगों की जान सड़क दुर्घटना में जा रही है नाबालिक व नशे में वाहन चलाने वालों पर नकेल नहीं कसा जा रहा है सर्वाधिक दुर्घटना भारी वाहनों के खर्राटे भरने से हो रही है जिले में कृषि के साथ-साथ औद्योगिक विकास भी हो रहा है औद्योगिकरण के चलते यहां भारी वाहनों की आवाजाही बढ़ने लगी है साथ ही परिवहन साधनों में इजाफा होने से सड़कों में वाहनों का दबाव भी बढ़ने लगा है। इसमें दो पहिया ट्रैक्टर बस ट्रक व ट्रेलर वाहनों की संख्या साल दर साल बढ़ती जा रही है सड़कों में वाहनों के दबाव के साथ ही सड़क दुर्घटना भी बढ़ने लगी है इसके चलते जिले में सड़क हादसे की संख्या में भी लगातार बढ़ती जा रही है जिले में दिनोंदिन छोटे वाहनों सहित भारी वाहनों का दबाव बढ़ता जा रहा है इसके लिए यातायात विभाग द्वारा शहरों के बाहर वाहन चेकिंग की जा रही है यातायात विभाग द्वारा केवल छोटे वाहन चालकों के दस्तावेज की जांच कर खानापूर्ति कर दी जाती है जबकि जिले की सड़कों में भारी वाहन चालक बेखैब भार्रते भरते हैं लेकिन यातायात विभाग द्वारा ऐसे वाहन चालकों पर कार्यवाही नहीं की जा रही है। जबकि अधिकांश सड़क दुर्घटना लोगों में जागरूकता का अभाव होने के साथ ही साथ लापरवाही पूर्वक वाहन चलाने से होती है। लेकिन जिले में यातायात विभाग द्वारा भारी वाहन चालकों पर कार्यवाही नहीं की जाती है। हालांकि कोरोना संक्रमण की रोकथाम व बचाव के लिए केंद्र व राज्य सरकार द्वारा 24 मार्च से 30 जून तक संपूर्ण लॉकडाउन किया था जिसके चलते विगत 3 माह तक सड़कों पर सन्नाटा पसरा रहा हालांकि लॉकडाउन के चलते आवाजाही नहीं होने के चलते सड़क हादसों के आंकड़ों में कमी आई मगर lock-down खुलने के बाद यातायात व्यवस्था चरमरा गई और जुलाई माह में माह भर के भीतर 58 सड़क हादसा हुई इनमें 31 लोगों की जान चली गई जबकि चार गंभीर रूप से घायल हो गए यहां विभागीय उदासीनता के चलते जिले में लोग बड़ी संख्या में सड़क दुर्घटना के शिकार हो रहे हैं। जिले की सड़कें हर सप्ताह 4 लोगों के खून से लाल हो रही है यातायात पुलिस के तमाम प्रयासों के बाद भी सड़क दुर्घटना पर रोक नहीं लग पा रही है। जिले में अव्यवस्थित पार्किंग भी कारण जिला मुख्यालय सहित जिले के अन्य शहर की सड़कों पर क़ार ट्रक व अन्य वाहनों को लोग अव्यवस्थित ढंग से अपनी दुकान या घर के सामने खड़ी कर देते हैं। इससे भी सड़क दुर्घटनाएं होती है। नशे में चलाते हैं वाहन चालाक बड़ी तादाद में शराब पीकर वाहन चलाते हैं इससे आए दिन दुर्घटना होती है ऐसे में वाहन चालकों की जांच किया जाना भी आवश्यक है मगर वाहन चालकों की नियमित जांच नहीं की जाती इसके लिए वाहन मालिकों पर भी करवा ही का प्रावधान होना आवश्यक है ताकि वे भारी वाहन नशे के आदी ड्राइवरों के हवाले ना करें और किसी भी जान दुर्घटना में ना जाए मगर इस तरह की कार्यवाही नहीं होती वह ओवरलोड पर एफ आई आर नहीं केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्रालय द्वारा ओवरलोड वाहन चालकों के खिलाफ अपराधिक प्रकरण दर्ज करने का निर्देश 4 साल पहले दिया गया था मगर ओवरलोड ने भी जुर्माना लेकर चालकों को छोड़ दिया जाता है।

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