जिले में समस्त मस्जिदों में शांति पूर्वक जश्ने ईद मिलादुन्नबी मनाया गया

किरंदुल दंतेवाड़ा
जिले में समस्त मस्जिदों में शांति पूर्वक जश्ने ईद मिलादुन्नबी मनाया गया बाद नमाज जुमा किरंदुल में सुन्नी मदीना मस्जिद के मौलाना इकबाल रजा ने परचम कुशाई की रस्म अदा की गई हुजूर अकरम सल्लल्लाहो वसल्लम की शान में मन कबत कलाम ए पाक की तिलावत की गई
तत्पश्चात समस्त हिंदुस्तान में अमन की दुआएं मांगी गई आपको बता दें कोरोना वायरस महामारी के कारण इस बार मुस्लिम समुदाय के द्वारा जुलूस का एहतमाम नहीं किया गया शासन के बताए हुए गाइडलाइन के अनुसार सोशल डिस्टेंसिंग का ख्याल रखते हुए झंडारोहण किया गया इस बार मिलादुन्नबी के दौरान लोगों में मायूसी देखी गई क्योंकि हर साल ईद मिलादुन्नबी के मौके पर मुस्लिम समुदाय द्वारा जुलूस निकालकर नगर भ्रमण कर नाते पाक पेश कर लोग खुशियां मनाते हैं लेकिन इस बार कोरोना महामारी के कारण मुस्लिम समुदाय के लोग जुलूस नहीं निकाल पाए आपको बता दें मुस्लिम समुदाय के सबसे बड़े धर्मगुरु पैग़ंबर इस्लाम के संस्थापक हुजूर अकरम सल्लल्लाहो अलेही वसल्लम का जन्म दिवस इस बार शांति पूर्वक मनाया गया मुस्लिम समुदाय के लोगों ने अपने अपने घरों में पैग़ंबरे इस्लाम के शान में खैराजे अकीदत पेश की और देश में अमन व शांति और खास कर कोरोना वायरस जैसी महामारी से निजात के लिए अपने परवरदिगार से दुआएं मांगी मुस्लिम समुदाय ने बताया कि इस बार शासन के बताए हुए निर्देश का पालन करते हुए मिलादुन्नबी का त्यौहार सोशल डिस्टेंसिंग में मनाया गया है अगर खुदा ने चाहा तो आने वाले वर्ष में हर्षोल्लास के साथ हम अपने प्यारे नबी के शान में मिलादुन्नबी मनाएंगे क्योंकि इस महामारी में हमें अपनों से ज्यादा देश का ख्याल है क्योंकि हम अगर भीड़ भाड़ इकट्ठा करेंगे तो हो सकता है बीमारियां फैले और हम ऐसा हरगिज़ नहीं चाहते कि हमारे वजह से किसी दूसरे भाइयों को परेशानी हो क्योंकि हमारे नबी ने हमें सिखाया है कि हमारे वजह से किसी दूसरे को परेशानी नहीं होनी चाहिए हुजूर का पैगाम हमेशा यही रहा है कि अपने मुल्क अपने पड़ोसी का ख्याल रखें यहां तक के हुजूर ने फरमाया कि अगर तुम्हारे पड़ोस में कोई भूखा है तो अपना भोजन उस भूखे शख्स को खिलाओ ताकि उसकी भूख मिट सके बताने का मतलब यह है कि उन्होंने पड़ोसी का नाम लिया उन्होंने यह नहीं बताया कि वह हिंदू है या मुस्लिम है उनका कहना है लफजे पड़ोसी मतलब पड़ोसी कोई भी हो सकता है उन्होंने यह दर्शाया है की सभी आपस में प्रेम व भाईचारा के साथ रहे मुस्लिम धर्म ऐसा धर्म है कि सभी आपस में मिल जुल कर रहते हैं और एक दूसरे का ख्याल रखते हैं इस दौरान सुन्नी मदीना मस्जिद के सदर जमील खान सचिव मोहम्मद नौशाद रफीक खान उपस्थित थे ।