आज भिलाई में राष्ट्रीय अग्निशमन सेवा दिवस का आयोजन
अग्नि दुर्घटनाओं को रोकने दिखायेंगे जवान अनेक करतब
भिलाई। भिलाई इस्पात संयंत्र के मुख्य अग्निशमन सेवा केन्द्र, परिसर में रविवार 14 अप्रैल,को प्रात: 8.30 बजे राष्ट्रीय अग्निशमन सेवा दिवस का आयोजन किया जा रहा है। इस समारोह में बीएसपी के कार्यपालक निदेशक संकार्य पी के दाश मुख्य अतिथि होंगे। ज्ञात हो कि हर वर्ष राष्ट्रीय अग्निशमन सेवा दिवस 14 अप्रैल को गृहमंत्रालय भारत सरकार के निर्देशानुसार पूरे देश में मनाया जाता है।
इस अवसर पर आयोजित समारोह में अग्निशमन सेवा के जवानों द्वारा आकर्षक परेड का आयोजन किया गया है। मुख्य अतिथि पी के दाश परेड की सलामी लेंगे तथा शहीद स्मारक पर पुष्पांजलि अर्पित करेंगे। समारोह में शहीद अग्निवीरों को दो मिनट का मौन रखकर श्रद्धांजलि दी जायेगी और अग्निशमन कार्मिकों द्वारा देश और संयंत्र के प्रति पूर्ण निष्ठा व समर्पण से कार्य करने की शपथ ली जायेगी। इसके अलावा इस अवसर पर मुख्य अग्निशमन अधिकारी द्वारा वार्षिक प्रतिवेदन प्रस्तुत किया जायेगा।
इस दौरान अग्निशमन यंत्रों, उपकरणों एवं बचाव कार्यों का प्रदर्शन भी किया जायेगा। यह प्रदर्शन इस समारोह का विशेष आकर्षण है। जिनमें मुख्य रूप से हॉस्पिटल की आग, प्राथमिक अग्निशामक यंत्रो के प्रचालन की विधि एवं सावधानियाँॅ, कार्य के दौरान असावधानी से ऑयल टैंक में लगी आग, घरेलू एलपीजी सिलेन्डर में आग लगने पर घरेलू उपाय, फ्यूल डिपो में आग के दौरान बचाव कार्य, आग पर काबू करने के प्रर्दशन शामिल है।
इस कार्यक्रम का उद्देश्य लोगों का ध्यान अग्नि सुरक्षा की ओर आकर्षित करना एवं उनमें अग्नि सुरक्षा के प्रति जागरूकता पैदा करना है ताकि जन एवं धन की रक्षा की जा सके एवं अग्नि दुर्घटना में कमी लाकर राष्ट्रीय नुकसान को कम किया जा सके। इस अवसर पर अग्निशमन सेवा विभाग द्वारा आयोजित विभिन्न प्रतियोगिता के विजेताओं को मुख्य अतिथि द्वारा पुरस्कृत किया जायेगा।
ज्ञात हो कि 14 अप्रैल, 1944 को मुम्बई डाक यार्ड में हुई भीषण अग्नि दुर्घटना में 66 अग्निशमन वीरों ने आग से जूझते हुए अपने प्राणों का बलिदान दिया था। इन्हीं की याद में प्रति वर्ष 14 अप्रेैल को राष्ट्रीय अग्निशमन सेवा दिवस मनाया जाता है।
गर्मी के दिनों में होती है सर्वाधिक अग्नि दुर्घटना:
आकड़ों के अनुसार गर्मी के दिनों में सर्वाधिक अग्नि दुर्घनाएंँ होती हैं जिसमें मुख्यत: खेत तथा खलियानों में पैरावट, सूखी जंगल-झाडिय़ाँॅ, वाहनों, घरों में एसी तथा इलेक्ट्रिकल उपकरणों, शादी समारोह के पंडालों की अग्नि दुर्घनाएंँ शामिल हैं। राष्ट्रीय अपराध रिकार्ड ब्यूरो के आकड़ों के अनुसार भारत में प्रति दिन अग्नि दुर्घटना से 62 लोगों की जान जाती है। यह अपघाती मृत्यु का तीसरा सबसे बड़ा कारण है।
एल.पी.जी. से होने वाली घरेलू अग्नि दुर्घटनाओं को रोकने के उपाय:
एल. पी. जी. में उपयोग होने वाले सामान जैसे स्टोव्ह, रबरपाईप एवं रेग्युलेटर इत्यादि आई.एस.आई. मार्क का होना चाहिये जो सुरक्षा मानकों को पूरा करता हो। गैस बर्नर की सफाई हर छह माह में अधिकृत संस्था द्वारा अवश्य करायें। सोने से पहले गैस सिलिंडर के रेग्युलेटर को अवश्य बंद करें। गैस के रिसाव को साबुन युक्त पानी डालकर चेक करें। गैस रेग्युलेटर को बंद कर बर्नर ठंडा होने के बाद ही कीटनाशक का प्रयोग करें।
किसी तरह गैस रिसाव की गंध का एहसास होता है तो:-
सिलेण्डर के रेग्युलेटर को बंद करें। अगर संभव हो तो गैस एप्लायंसेस को बंद करें। घरों में जलने वाले दीये अथवा अगरबत्ती, मोमबत्ती को तुरंत बंद कर दें। बिजली के स्वीच को चालू अथवा बंद न करें यथा स्थिति में रहने दें। क्योंकि विद्युत के स्पार्क से आग लग सकती है। दरवाजे एवं खिडक़ी को खोल दें जिससे कि गैस बाहर जा सके क्योंकि एल.पी.जी. गैस हवा से भारी होती है।