छ.ग.में एथेनॉल बनाने की मंजूरी किसानों युवाओं के लिए खुशखबरी
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महामारी के दौर में छत्तीसगढ़ के किसानों के लिए खुशखबरी सामने आई है. प्रदेश को बायो एथेनॉल बनाने की मंजूरी मिल गई है. राज्य का अतिरिक्त धान अब बायो एथेनॉल बनाने में इस्तेमाल होगा. इससे अतिरिक्त धान के भंडारण की समस्या खत्म होगी. छत्तीसगढ़ में धान से एथेनाल बनाने की प्रक्रिया जल्द शुरू हो जाएगी। वहीं फूड प्रोसेसिंग प्लांट के लिए काम तेज हो गया है। धान से एथेनॉल बनाने की योजना को केन्द्र से मंजूरी मिल चुकी है। प्रदेश के 6 जिलों में प्लांट लगाने का काम भी जल्द शुरु हो जाएगा। जिससे प्रदेश के युवाओं को रोजगार मिलेगा, छत्तीसगढ् की आर्थिक स्थिति सुदृढ बनेगी। छ.ग.आर्थिक विकास और रोजगार की दिशा में अग्रसर हो रहा है। जिला कांग्रेस कमेटी दुर्ग शहर के पूर्व अध्यक्ष व पूर्व महापौर आर.एन.वर्मा ने छ.ग.के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की प्रशंसा करते हुए कहा कि जब पहली बार विधानसभा में धान से एथेनाल वाली बात कही थी, तब भाजपा के लोगों ने मजाक बनाया था।भूपेश सरकार की सोच, दूरदर्शिता का ही परिणाम है जो हम आज यह कार्य जनहित में कर रहे है।
एक ओर जहॉ पूरा देश विश्वव्यापी महामारी कोरोना कोविड-19 से जूझ रहा है वहीं छ.ग.की भूपेश सरकार व्दारा लगातार कोरोना संक्रमण काल में भी छत्तीसगढ़ सरकार लोगों को रोजगार दिलाने और नए निवेश के लिए लगातार प्रयास कर रही थी, इसी का परिणाम है कि संक्रमण के इस दौर में भी राज्य के बेहतर प्रयासों के कारण केन्द्र सरकार ने धान से एथेनाल बनाने की अनुमति दे दी है।आर.एन.वर्मा ने कहा है कि छ.ग.राज्य के सरकार व्दारा प्रदेश के प्रमुख रूप से धान उत्पादक 6 जिलों में एथेनाल प्लांट लगाने का जो निर्णय लिया गया है वह भी प्रशंसनीय एवं कारगर कदम है क्योंकि बालोद, दुर्ग, रायपुर, बिलासपुर, बलौदाबाजार और जांजगीर-चांपा में धान का उत्पादन अधिक होता है साथ ही इन जिलों में ज्यादा क्षमता वाले भंडार गृह भी हैं। इन छह जिलों में प्लांट स्थापित होने से वहां के युवाओं को रोजगार भी मिलेगा। साथ ही निवेशकों को उद्योगनीति के तहत रियायतें दी जाएंगी।