कोरोनां संक्रमण के चलते इस बार मंदिर और पंडाल में रहा श्रद्धालुओं की कमी

मुंगेली। कोरोनां संक्रमण के चलते इस बार मंदिर और पंडाल में रहा श्रद्धालुओं की कमी
मुंगेली/ जिले में महामाया मंदिर में कोरोना काल का असर दिखने लगा है। कोरोना वायरस को लेकर बरती जा रही एहतियात के दौरान ही इस बार जिला प्रशासन ने मंदिरों एवं दुर्गा पंडाल आयोजकों के लिए कई कड़े निर्देश जारी किए है। शहर के मध्य सोनार पारा स्थित मां महामाया का मंदिर भी सुना लग रहा है मन्दिर के पुजारी प्रहलाद नाथ जोगी ने बताया की 350 वर्ष पहले नाथ जोगीयो के द्वारा माँ महामाया की जाग्रत प्रतिमा स्थापित की गई थी तब से महामाया मन्दिर श्रद्धालुओं का आस्था का प्रतीक बना हुआ है मुंगेली के आस पास से भी कई लोग यहाँ दर्शन को आते है और अपनी मनोकामना पुर्ण होने का माँ से आशीर्वाद की कामना भी करते है मगर इस बार कोई भव्य पंडाल या तोरणद्वार-स्वागत द्वार नहीं बनाया गया है। वहीं जारी निर्देश के मुताबिक मंदिरों में भी सिर्फ पूजन कार्य ही किया जाएगा। भीड़ नहीं लगायी जाएगी। साथ ही दुर्गा पूजा पर लगने वाले मेला को भी रोक दिया गया है जिससे इस बार नवरात्रि की पूजा फीकीं नजर आ रही है ।
जिले में कई जगहों पर वृहद मेला का आयोजन किया जाता रहा है। कई दशकों से आ रही परंपरा इस बार टूट गयी है। वहीं लोगों ने इस बार दुर्गा पूजा को लेकर मेला के बंद होने पर नाराजगी जताई है कि दुर्गा पूजा में भीड़ पर रोक है लेकिन दुर्गा पूजा हमारी संस्कृति से जुड़ी हुई है और इसपर बंदिश लगाना कहीं से उचित नहीं है। पूजा को लेकर इस बार दुर्गा मंदिरों में बाहरी क्षेत्र में कोई पंडाल का निर्माण नहीं किया गया है। शहर के आगर खेल परिसर, अस्थाई बस स्टैंड, रेस्ट हाउस अन्य जगहों पर दुर्गा पूजा धूमधाम के साथ मनाई जाती है लेकिन इस बार मंदिर के बाहर कही भी भव्य पंडाल का निर्माण नहीं किया गया है। पहले पूजा आयोजकों द्वारा सबसे बड़ा पंडाल लगाने की आपस में होड़ मची रहती थी। लेकिन इस बार तो पंडाल कहीं बना ही नहीं है।
मनीष नामदेव मुंगेली