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लॉकडाउन में मजदूरों का हो रहा बुरा हाल, महाराष्ट्र से पैदल ही निकल पढ़े UP और नेपाल – Bad condition of laborers in lockdown walking cycling towards their native in nepal and up | maharashtra – News in Hindi

महाराष्ट्र से पैदल ही निकल पड़े UP और नेपाल, कहा- लॉकडाउन में तो जीना मुश्किल हो गया

मजदूर निकले पैदल ही नेपाल की ओर (फोटो-प्रतीकात्मक)

लॉकडाउन (Lockdown) में यातायात की सभी सेवाएं बंद होने के कारण ये मजदूर महाराष्ट्र (Maharashtra) के भिवंडी से पैदल या साइकिल से ही अपने घर की तरफ जाने के लिए मजबूर हैं.

नई दिल्ली. देश में फैले कोरोना वायरस (Coronavirus) के प्रसार को रोकने के लिए 3 मई तक देशव्यापी लॉकडाउन (Lockdown) घोषित किया गया. जिस कारण जो व्यक्ति जहां था, वहीं फंस के रह गया. कई ऐसे मजदूर हैं जो अपने घरों से दूर दूसरे राज्य या शहर में काम करते हैं, वे भी वहीं फंस गए. यातायात की सभी सेवाएं बंद होने के कारण ये मजदूर पैदल या साइकिल से ही अपने घर की तरफ जाने के लिए मजबूर हैं. कई किलोमीटर चलकर ये अपने-अपने राज्य तक पहुंच रहे हैं. इनके आगे दूरी भी आड़े नहीं आई, इन मजदूरों का कहना है, यहां रह कर भूखे मरने से अच्छा अपने गांव लौट जाना है. ऐसे ही कई सारे मजदूर महाराष्ट्र के भिवंडी से नेपाल और उत्तर प्रदेश के लिए निकल पड़े हैं.

नहीं मिल रहा रहा किराना
इन मजदूरों का कहना है कि ना तो हमें सैलरी मिल रही है और ना ही किराना अगर इसी तरह चलता रहा तो जीना मुश्किल हो जाएगा. नेपाल के रहने वाले हल्बूराम बताते हैं कि एक ही कमरे में आठ से दस लोग रह रहे हैं ना तो कमाई का कोई साधन है और अपने देश जाने के लिए कोई वाहन. ऐसे में हम लोगों ने पैदल ही अपने घर जाने का निर्णय लिया. इनके पास सर एक बैग और पानी की बोतल का सहारा है. भिवंडी के सैकड़ों मजदूर अपने राज्य जानें के लिए परेशान हैं ये लोग यूपी और नेपाल की तरफ निकल पड़े हैं.

1700 किमी दूर है गांवनेपाल भारत की सीमा से लगा हुआ है, हल्बूराम ने कहा कि मेरा गांव करीब 1700 किमी दूर है लेकिन जाना मेरी मजबूरी है. अगर नहीं गए तो यहां रह कर मर ही जाएंगें. बस भगवान से यही प्रार्थना है कि हम अपने गांव सही सलामत पहुंच जाएं. पैदल चलने के अलावा हमारे पास दूसरा कोई विकल्प नहीं अगर रास्ते में कुछ मिला तो ठीक वरना अब तो निकल ही गए हैं.

भिवंडी से यूपी के सुल्तानपुर पैदल निकल पड़ा
एक अन्य मजदूर ने बताया कि लॉकडाउन के बाद से ही हम लोग काम पर नहीं गए. हम लोगों को के पास खाने का सामान जितना था सब ख़त्म हो गया, सैलरी भी नहीं मिली की राशन खरीद सकें ये कहना भिवंडी के पॉवर लूम में काम करने वाले कई मजदूरों का है. वे लोग भिवंडी से यूपी के सुल्तानपुर पैदल जानें के लिए मजबूर है. भिवंडी से इनके गांव की दूरी 1450 किलोमीटर है. खाने की किल्लत के कारण ये मजदूर साइकिल से अपने गांव जा रहे हैं.

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First published: April 30, 2020, 9:11 AM IST



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