छत्तीसगढ़

विपरीत मौसम ओला युक्त पानी एवं नमियुक्त हवा से क्षेत्र में धान की बालियां कट कर खेतों में गिर रहे हैं

।। विपरीत मौसम ओला युक्त पानी एवं नमियुक्त हवा से क्षेत्र में धान की बालियां कट कर खेतों में गिर रहे हैं ।।

।। कुंडा न्यूज़ 

इस बरस सब के भरण पोषण करने वाले किसान एक और जहां कोविड-19 कोरोना वायरस के संक्रमण से परेशान होते रहे वही दूसरी ओर मानो प्रकृति का मार भी केवल किसानों के लिए ही है।
इस वर्ष प्रायः प्रायः लगातार विपरीत मौसम के कारण बीच-बीच में रुक रुक कर ओला युक्त बारिश होते रहा है, कभी तेज गर्मी, कभी तेज हवा, कभी तेज उमस । कुल मिलाकरके मौसम के इस मार को धान अन्नपूर्णा माता काफी हद तक सहा। जैसा कि किसान सदैव संतोषी होते हैं किसान प्रकृति के इस प्रकोप को भी सह लिया था। लेकिन जैसे ही धान की बालियां पककर तैयार हुआ और किसान उसे काटने के लिए खेतों में पहुंचे तब मालूम हुआ कि इन सब विषम परिस्थिति और विपरीत मौसम को झेलते झेलते धान की बालियां खस्ताहाल हो चुका था और कुछ खेतों में अल्प मात्रा में तो कुछ खेतों में अधिक मात्रा में धान की बालियां झड़ने लगा । इसे देखकर क्षेत्र के किसान नेता यशवंत चंद्राकर के साथ ही साथ ग्राम पंचायत पटूवा के उप सरपंच अदुराम यादव हथमुडी से बालमुकुंद चंद्रवंशी, पेंड्रीकला से सुरेश चंद्राकर ,खमरिया से पिंटू चंद्राकर, सुकली गोविंद से शंभू चंद्राकर आदि खेत एवं किसानी से संबंध रखने वाले लोगों ने क्षेत्र के कुछ एक गांव में जाकर दौरा किया। उन्होंने पाया कि सभी जगह यह बीमारी देखने में आया है जिससे आहत होकर किसान नेता यशवंत चंद्राकर ने शासन प्रशासन से मांग किया है कि इसकी क्षतिपूर्ति के लिए सरकार को 6/4 के तहत किसानों के हित को ध्यान में रखते हुए एवं किसानों के वजूद को बचाए रखने के लिए उन्हें मुआवजा अवश्य देना चाहिए और यह उसका सरकार के प्रति व्यवहारिक अधिकार भी है । अगर सरकार अन्नदाता के इस विषम परिस्थिति में कंधे से कंधा मिला कर खड़ा हो जाती है तो निश्चित ही यह सरकार का किसानों के प्रति एक बहुत बड़ी अहम भूमिका होगी ।

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