11 अक्टूबर रविवार को रायपुर में पत्रकार न्याय यात्रा। देश के कई नामी पत्रकार होंगे शामिल

11 अक्टूबर रविवार को रायपुर में पत्रकार न्याय यात्रा। देश के कई नामी पत्रकार होंगे शामिल।
राजधानी रायपुर में 11 अक्टूबर रविवार को में प्रदेशभर के पत्रकारों का और एक औऱ बढ़ा आंदोलन होने वाला है जिसकी रणनीति तैयार हो गई है जिसमें
देश के कई नामी पत्रकार, बुद्धिजीवी, सामाजिक कार्यकर्ता और सिविल सोसाइटी के लोग होंगे शामिल होंगे। जहां पर
‘न्याय यात्रा’ निकालकर मांगा जाएगा ‘न्याय’, और राज्यपाल को सौंपा जाएगा ज्ञापन।
जैसा कि आप सभी जानते हैं कांकेर के वरिष्ठ पत्रकार कमल शुक्ला और सतीश यादव के साथ कांकेर थाने के भीतर और थाने के ठीक सामने मारपीट, गुंडागर्दी व जान से मारने की कोशिश की गई है। इस गुंडागर्दी में सत्तारूढ़ कांग्रेस पार्टी के लोग शामिल हैं। इसलिए कांग्रेस सरकार गुंडागर्दी करने वाले रेत माफियाओं को संरक्षण दे रही है और उन्हें बचाने पूरी ताकत झोंक दी है।
सरकार अपराधियों के ऊपर कार्रवाई नहीं कर रही है। सरकार गुंडागर्दी के इस मामले को लॉ एंड ऑर्डर का मामला भी नहीं मान रही है। इससे देशभर के पत्रकारों, विभिन्न सामाजिक संगठनों, बुद्धिजीवियों, सिविल सोसाइटी के लोगों में सरकार के प्रति काफी आक्रोश है। घटना को हुए 12 दिन बीत चुके हैं, लेकिन सरकार ने अब तक कोई कार्रवाई नहीं की है और न ही सरकार की कोई मंशा है।
वरिष्ठ पत्रकार कमल शुक्ला 3 अक्टूबर से आमरण अनशन पर हैं। पुलिस और प्रशासन के लोग उन्हें अस्पताल में भर्ती किये हैं, लेकिन उनका आमरण अनशन वहां भी जारी है। उनका शरीर दिनोदिन कमजोर होता जा रहा। उन्हें कई अन्य बीमारियां भी हैं, जिसकी वजह से हम उनके स्वास्थ्य को लेकर बेहद चिंतित हैं। मगर सरकार को इससे कोई फर्क नहीं पड़ रहा है। सरकार मानो उनकी जान लेने पर ही तुली हुई है।
कमल शुक्ला को अस्पताल ले जाने के बाद पत्रकार साथी सतीश यादव रायपुर के बूढ़ा तालाब धरना स्थल पर अनशन पर हैं। अन्य पत्रकार साथी भी धरने पर बैठे हैं। मगर सरकार के कान में जू तक नहीं रेंग रही हैं।
सरकार के इस अड़ियल और पत्रकार विरोधी रवैये के चलते प्रदेश और देश के विभिन्न हिस्सों के पत्रकार साथी 11 अक्टूबर को एक बार फिर राजधानी रायपुर में इकट्ठा हो रहे हैं और सरकार के खिलाफ एक बड़े प्रदर्शन की तैयारी है। प्रदर्शन के बाद राज्यपाल को मामले में कार्रवाई के लिए ज्ञापन सौंपा जाएगा।
आंदोलन की पूरी रूपरेखा आप सभी के समक्ष जल्द साझा की जाएगी। आप सभी से निवेदन है कि पत्रकार और पत्रकारिता हित में एक बार फिर बड़ी संख्या में रायपुर पहुंचकर पत्रकार विरोधी सरकार के खिलाफ आवाज बुलंद कीजिये। आइए, ये लड़ाई पत्रकार और पत्रकारिता को बचाने की है। इस तरह की घटनाएं प्रदेश में और कहीं न घटे और पत्रकारों को प्रदेश में काम करने का एक सुरक्षित माहौल मिल सके इसके लिए हम सबको एकजुट होकर आवाज उठानी होगी।
अपराधियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई हो और किसी भी पत्रकार के साथ इस तरह की बदसलूकी, मारपीट और गुंडागर्दी न हो, इसलिए भी आवाज उठानी होगी। इसलिए सारे मतभेदों को भुलाते हुए एक मंच पर आइए और गलत का प्रतिकार कीजिये। अपराधियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग कीजिये। अपराधियों के संरक्षण के खिलाफ आवाज उठाइये। पत्रकारों की ‘न्याय यात्रा’ में शामिल होइए।।