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रायपुर chhtisgarh: डॉक्टरों की सेवाभावना है रामबाण : कोरोना फाइटर्स की कहानी

कोरोना बीमारी को हरा कर बहुत से लोग घर वापस आ चुके हैं और सबके पास अपनी-अपनी एक कहानी है। शुरूआत में कुछ भय की ,फिर खुशी की जब केयर मिलने लगी और अंत में जीत की , इस बीमारी को हराने की। ऐसी ही एक कहानी है रायपुर के ,फार्मासिस्ट  श्री गिरीश सिन्हा की जो बताते हैं कि जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद शासकीय एम्बुलेंस से 16 सितंबर को फुंडहर में बने कोविड केयर सेंटर में भर्ती हुए। गिरीश कहते है कि इस केयर सेंटर में जिस तरह से अपनापन मिला, उसके कारण आखिरी दिन मैं भावुक हो गया। मरीज एवं मौजूद डॉक्टरों एवं उनके स्टाफ में पारिवारिक सदस्यों की तरह सामंजस्य बन गया था। होम थियेटर पर नृत्य, गीत, संगीत व कॉमेडी प्रोग्राम सुनकर मरीज ठहाके लगाते इस बीमारी को भूल चुके थे। समय पर भोजन, नाश्ता, हर फ्लोर में  गर्म पानी की व्यवस्था,  साफ-सफाई और हरियाली के बीच बना यह कोविड संेटर मरीजों के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ  के लिए रामबाण औषधि का काम कर रहा है। गिरीश कहते है कि शासकीय अस्पतालों एवं कोविड सेंटर में सारी सुविधाएं मौजूद है। मरीज निश्ंिचत होकर यहां रहकर स्वास्थ्य लाभ ले सकते है।
वहीं श्री प्रसन्न दुबे, पुलिस हेड क्वार्टर में कांस्टेबल है। कोरोना की चपेट में वे कब और कैसे आए, ये तो उन्हें नहीं पता, लेकिन शुरुआती लक्षणों के तौर पर बुखार और बदन दर्द होने से उन्होंने कालीबाड़ी स्थित कोरोना जांच केन्द्र में परीक्षण हेतु अपना सैंपल दिया। प्रसन्न बताते हैं कि रिपोर्ट आने तक मन सशंकित था और भय पूरी तरह से मन में हावी होता रहा। टेस्ट के दूसरे दिन मुझे फोन पर पॉजिटिव आने की सूचना मिली, साथ ही साथ जिला प्रशासन के कंट्रोल रूम ने होम आइसोलेशन या अस्पताल में भर्ती होने के विकल्प के बारे में मुझसे जानकारी चाही। सैंपल दिए जाने के दिन से ही मैंने खुद को आइसोलेट कर रखा था, अतः होम आइसोलेशन पर रहने का निर्णय लिया एवं मुझे विश्वास होने लगा कि जिला प्रशासन एवं स्वास्थ्य अमले की निगरानी में घर पर रहकर भी मैं पूरी तरह स्वस्थ हो सकता हूं। शासकीय डॉक्टर की निगरानी में मैंने दवाइयां लेनी शुरू कर दी और कंट्रोल रूम से नियमित फोन के जरिए मेरे स्वास्थ्य की जानकारी के लिए फोन आने शुरू हो गए। डॉक्टर भी रोज सुबह शाम मेरे ऑक्सीजन लेवल, बुखार व स्वास्थ्य की जानकारी मेरे फैमिली डॉक्टर की तरह लेते रहें।
तीन दिन होम आइसोलेशन के दौरान ही रात में ब्लड प्रेशर बढ़ने, ऑक्सीजन स्तर गिरने के बाद तत्काल उन्हे एम्बुलेंस से लालपुर कोविड हॉस्पिटल भर्ती कराया गया। प्रसन्न कहते है कि व्यवस्था को लेकर मेरे मन में चिंता थी, जो वहां पहुंचते ही दूर हो गई। डॉक्टरों की सेवाभावना से और  पैरामेडिकल टीम के विनम्र व्यवहार से मुझे घर जैसा महसूस होने लगा। इस अस्पताल में साफ-सफाई का भी विशेष ध्यान रखने कई टीमें तैनात है। भोजन व नाश्ते की गुणवŸाा का भी प्रशासनिक अधिकारी सतत् निगरानी रखते हैं। मरीजों को पर्याप्त व गर्म भोजन समय पर मिले, इसकी पूरी मानिटरिंग की जा रही हैं।

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