मासूम पर जुल्म ढाने वाले दम्पत्ति पुलिस की हिरासत में

पुलिस को है बाल तस्करी का शक
दुग। जिले की पहचान अब मुख्यमंत्री और गृहमंत्री के जिले के रूप में पूरे प्रदेश में हो रही है लेकिन अब इस दुर्ग जिले में बाल तस्करी का गोरखधंधा जमकर पनपने लगा है। सांई नगर के उरला निवासी एक देशमुख परिवार के यहां से दो नाबालिग बच्चियां मिली है। इन बच्चियों के शरीर में कई यातना के निशान है और बताया जाता है कि इसके साथ लैंगिक अत्याचार भी किया जाता है। जब इस दम्पत्ति से इन बच्चियों के बारे मे पूछा गया तो देशमुख ने कहा कि उन्हें गोद लिया गया हेै, लेकिन गोद लेने का या अन्य किसी तरह का प्रमाण वे पेश नही कर पाये। ये दोनो बच्चियां उनके पास अवैध तरीके से थी।
यह मामला सामने तब आया जब एक अप्रैल को दुर्ग के साईं नगर के एक मकान में दो मासूम बच्चियों को चाइल्ड लाइन की टीम ने रेस्कयू किया लेकिन जब इन मासूम बच्चियों से पूछताछ की गई तो मामला चौकाने वाला निकला,चाइल्ड लाइन की टीम को 1098 चाइल्ड हेल्प लाइन से जानकारी मिली थी की एक दंपत्ति कही बाहर से दो बच्चियों को लाकर अपने घर मे रखे हुए है और अक्सर उनके साथ मारपीट भी किया करते है मौके पर पहुंची टीम ने बच्चियों से जुड़े दस्तावेज मांगे लेकिन दंपत्ति ने कोई भी रिकार्ड होने से मना कर दिया दंपत्ति का कहना था की हमने दोनों बच्चियों गोद लिया है लेकिन उससे भी जुड़ा कोई रिकार्ड नहीं दिखा पाए जिसके बाद इस दम्पति से पूछताछ की गई.आपको बता दे कि चार साल की मासूम बच्ची के शरीर में कई जगहों पर गंभीर चोट के निशान है जिससे समझा जा सकता है कि मासूमो को किस तरह प्रताडि़त किया जा रहा था दोनों बच्चिया पैसो से खरीद कर अन्य जिले या राज्य से लाइ गई थी बच्चियों को यातना देने वाले दंपत्ति सरकारी अस्पताल में नर्स के पद पर पदस्थ है और पति रेलवे में नौकरी करता है तो वही उसकी बहन सहकारी बैंक में राजनंदगांव में पदस्थ है जिला महिला बाल विकास विभाग और बच्चो की न्यायिक संस्था सीडब्लूसी ने इस पुरे मामले को पुलिस को सौप दिया है. मोहन नगर थाना प्रभारी राजेश बागड़े ने बताया कि एक बच्ची की उम्र महज 4 साल तो दूसरी की 7 साल है बहरहाल मोहन नगर पुलिस ने उक्त दम्पति के खिलाफ जेजे और पोस्को एक्ट के तहत मामला दर्ज कर लिया है फिलहाल मामले की छानबीन की जा रही है मामले में अभी कई और खुलासे होने की संभावना है .