छत्तीसगढ़

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के जन्मदिन सेवा सप्ताह के दूसरे चरण 25 सिंतबर से 2 अक्टूबर तक भारतीय जनता पार्टी द्वारा विभिन्न कार्यक्रम चलाये

कांकेर: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के जन्मदिन सेवा सप्ताह के दूसरे चरण 25 सिंतबर से 2 अक्टूबर तक भारतीय जनता पार्टी द्वारा विभिन्न कार्यक्रम चलाये जा रहे है इसी कड़ी में 28 से 30 सितंबर तक आत्मनिर्भर भारत के निर्माण के लिए वोकल फार लोकल अभियान पर जिला स्तरीय प्रेस कांफ्रेस, सोशल मीडिया प्रचार प्रसार किया जा रहा है । केन्द्र की भाजपा सरकार द्वारा आत्मनिर्भर भारत के निर्माण के लिए 20 लाख करोड़ का पैकेज जारी किया गया है इसी विषय पर भाजपा जिलाध्यक्ष सतीश लाटिया, जिला महामंत्री बृजेश चैहान व दिलीप जासवाल ने संयुक्त प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से बताते हुए कहा कि कोई भी मिशन जन-भागीदारी के बिना पूरा नहीं हो सकता, सफल नहीं हो सकता इसीलिए आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक नागरिक के तौर पर हम सबका संकल्प, समर्पण और सहयोग बहुत जरूरी है, अनिवार्य है | आप लोकल खरीदेंगे लोकल के लिए वोकल होंगे तो समझिए आप देश को मजबूत करने में अपनी भूमिका निभा रहे हैं | ये भी एक तरह से देश की सेवा ही है | उन्होने आगे कहा कि कुछ ही दिन पहले स्पेश सेक्टर में ऐतिहासिक सुधार किए गए | उन सुधारों के जरिए वर्षों से लाकडाउन में जकड़े इस को सेक्टर आजादी मिली | इससे आत्मनिर्भर भारत के अभियान को न केवल गति मिलेगी, बल्कि देश टेक्नालाजी में भी आधुनिक बनेगा | अपने कृषि क्षेत्र को देखें तो इस सेक्टर में भी बहुत सारी चीजें दशकों से लाकडाउन में फसी थीं | इस सेक्टर को भी अब आजाद कर दिया गया है | इससे जहां एक तरफ किसानों को अपनी फसल कहीं पर भी किसी को भी बेचने की आजादी मिली है वहीँ, दूसरी तरफ उन्हें अधिक ऋण मिलना भी सुनिश्चित हुआ है | ऐसे अनेक क्षेत्र हैं जहाँ हमारा देश इन सब संकटों के बीच ऐतिहासिक निर्णय लेकर विकास के नये रास्ते खोल रहा है | आज देश कई चुनौतियों का मुकाबला कर रहा है. मुसीबत की दवाई मजबूती है. मुश्किल समय अवसर लेकर आता है. “कोरोना के खिलाफ भारत की लड़ाई बड़ी है. हर देशवासी संकल्प से भरा है. आपदा को अवसर में बदलना है. आत्मनिर्भर बनाने का अवसर है. आत्मनिर्भर भारत अभियान को आगे लेकर जाना है.
उन्होने आगे कहा कि “लोकल के लिए वोकल होने का समय आ गया है. देश के विकास में युवा आगे आएं. स्वदेशी सामानों का इसेमाल बढ़ाने की जरूरत है. केन्द्र सरकार की कोशिश किसानों को सशक्त बनाने की है. आत्मनिर्भरता के पाठ की शुरुआत अपने परिवार से करें. छोटे दुकानदारों से सामान खरीदें. भारत बड़ा निर्यातक कैसे बने, सोचना होगा. किसानों को कहीं भी उपज बेचने की आजादी हमारी सरकार ने दी है. हम सबको मिलकर आगे बढ़ना है.”
एक राष्ट्र के रूप में आज हम एक बहुत ही अहम मोड़ पर खड़े हैं। इतनी बड़ी आपदा, भारत के लिए एक संकेत लेकर आई है, एक संदेश लेकर आई है, एक अवसर लेकर आई है। एक उदाहरण जब कोरोना संकट शुरु हुआ, तब भारत में एक भी पीपीई किट नहीं बनती थी। एन-95 मास्क का भारत में नाममात्र उत्पादन होता था। आज स्थिति ये है कि भारत में ही हर रोज 2 लाख PPE और 2 लाख एन-95 मास्क बनाए जा रहे हैं। ये हम इसलिए कर पाए, क्योंकि भारत ने आपदा को अवसर में बदल दिया। आपदा को अवसर में बदलने की भारत की ये दृष्टि, आत्मनिर्भर भारत के हमारे संकल्प के लिए उतनी ही प्रभावी सिद्ध होने वाली है
हाल में सरकार ने कोरोना संकट से जुड़ी जो आर्थिक घोषणाएं की थीं, जो रिजर्व बैंक के फैसले थे, और जिस आर्थिक पैकेज का ऐलान हुआ है उसे जोड़ दें तो ये करीब-करीब 20 लाख करोड़ रुपए का है। ये पैकेज भारत की GDP का करीब-करीब 10 प्रतिशत है। इन सबके जरिए देश के विभिन्न वर्गों को, आर्थिक व्यवस्था की कड़ियों को, 20 लाख करोड़ रुपए का संबल मिलेगा, सपोर्ट मिलेगा। 20 लाख करोड़ रुपए का ये पैकेज, 2020 में देश की विकास यात्रा को, आत्मनिर्भर भारत अभियान को एक नई गति देगा। आत्मनिर्भर भारत के संकल्प को सिद्ध करने के लिए, इस पैकेज मेंजमीन, मजदूर, तरलता, और कानून सभी पर बल दिया गया है।
ये आर्थिक पैकेज हमारे कुटीर उद्योग, गृह उद्योग, हमारे लघु-मंझोले उद्योग, हमारे एमएसएमई के लिए है, जो करोड़ों लोगों की आजीविका का साधन है, जो आत्मनिर्भर भारत के हमारे संकल्प का मजबूत आधार है। ये आर्थिक पैकेज देश के उस श्रमिक के लिए है, देश के उस किसान के लिए है जो हर स्थिति, हर मौसम में देशवासियों के लिए दिन रात परिश्रम कर रहा है। ये आर्थिक पैकेज हमारे देश के मध्यम वर्ग के लिए है, जो ईमानदारी से टैक्स देता है, देश के विकास में अपना योगदान देता है। ये आर्थिक पैकेज भारतीय उद्योग जगत के लिए है जो भारत के आर्थिक सामर्थ्य को बुलंदी देने के लिए संकल्पित हैं।
कोरोना संकट ने हमें स्थानीय निर्माता, स्थानीय बाजार, स्थानीय सप्लाई चेन का भी महत्व समझाया है। संकट के समय में स्थानीय बाजार ने ही हमारी जरूरत पूरी की है, हमें इस स्थानीय ने ही बचाया है। आज से हर भारतवासी को अपने लोकल के लिए वोकल बनना है, न सिर्फ लोकल उत्पाद खरीदने हैं, बल्कि उनका गर्व से प्रचार भी करना है। हम भारत को आत्म निर्भर भारत बना सकते हैं। हम भारत को आत्म निर्भर बनाकर रहेंगे।

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