जिले मे कुपोषण से निपटने से हेतु आयुर्वेद चिकित्सा भी है सषक्त माध्यम – कलेक्टर

जिले मे औषधि संरक्षण के संबंध मे स्थानीय वैद्यो एंव आयुष चिकित्सको की होगी कार्यषाला
कोण्डागांव । ’’बीमारियो के उपचार के अनेक माध्यमो मे आयुर्वेद चिकित्सा सर्वश्रेष्ठ माना गया है यह कहा जा सकता है कि मानव के स्वस्थ जीवन का आधार आयुर्वेद है, अगर हम आयुर्वेदा आधारित जीवन शैली, आचार व्यवहार, खान-पान, का अनुसरण करेंगें तो निष्चित रूप से एक स्वस्थ जीवन के अधिकारी होगें। जिले मे कुपोषण की समस्या से निपटने के लिए आयुर्वेद की बड़ी भूमिका हो सकती है। इसके लिए सभी आयुष चिकित्सको को एक बेहतर रणनीति बनानी होगी’’
दिनांक 05 अप्रैल को फरसगांव विकासखण्ड के ग्राम बोरगांव स्थित दण्डकारण्य बुनकर सोसायटी भवन मे आयोजित आयुष चिकित्सको की समीक्षा बैठक मे जिला कलेक्टर नीलकण्ठ टीकाम ने उक्ताषय के विचार प्रकट किये। इस मौके पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डाॅ0विरेन्द्र ठाकुर, जिला महिला बाल विकास अधिकारी वरूण नागेष, जिला आयुर्वेद चिकित्सक डाॅ0 चन्द्रभान वर्मा, परियोजना अधिकारी इमरान अख्तर सहित जिले के आयुष चिकित्सक उपस्थित थे । जिला कलेक्टर ने आगे कहा कि बस्तर संभाग औषधि पेड़-पौधे की दृष्टि से एक समृद्ध क्षेत्र है। परन्तु कई बार हम जानकारी के अभाव मे उससे लाभान्वित नही हो पाते अतः आयुष विभाग का यह दायित्व है कि वह क्षेत्र मे पाये जाने वाले वन औषधियो के संरक्षण, उसके महत्व एंव उपयोगिता कि विषय मे जनसामान्य को परिचित करायें।उसके साथ ग्रामीणो को अपने खाली पड़े हुए खेतो एंव बा़िड़यो मे औषधि गुण वाले पौधे लगाने के लिए प्रोत्साहित किया जाना चाहिये ताकि उसके व्यवसायिक कृषि की संभावना को तलाषा जा सके। इसी तरह उन्होने जिले के छात्रावास एंव आश्रम मे योग कक्षाये नियमित रूप से प्रारंभ करने का निर्देष देते हुए कहा कि योग प्राचीन भारतीय परंपरा एंव संस्कृति की अमूल्य देन है योग मात्र व्यायाम ने नही है। योग हमारी जीवन शैली मे परिवर्तन लाकर हमारे अन्दर जागरूकता उत्पन्न करता है। अतः नई पीढ़ी को शुरूवात से ही योग का महत्व बताना चाहिये जिससे कि वे योग को दिनचर्या का अंग बना सके।
इस दौरान आयुष विभाग द्वारा आंगन बाड़ी केन्द्रो के माध्यम से संचालित हो रही विभागीय गतिविधि की जानकारी देते हुए बताया गया कि सुपोषण चैपाल, पोषण पखवाड़ा, मे निषुल्क चिकित्सा षिविरो का आयोजन, ग्राम मे ही सर्वाेपयोगी औषधियो का निर्माण, जड़ी बुटी की पहचान एंव घरेलु उपचार, मलेरिया एंव उल्टी दस्त से बचाव, उपचार जैसे कार्यक्रम नियमित रूप से आयोजन किये जाते है। समीक्षा बैठक के अन्त मे जिला कलेक्टर के द्वारा स्थानीय वैद्यो एंव आयुष चिकित्सको की संयुक्त कार्यषाला आयोजित करने की भी बात कही गई।
सबका संदेस ब्यूरो, कोंडागाँव 9425598008