छत्तीसगढ़

धैर्य मिठास सच्चाई और नम्रता रूपी संपत्ति आवश्यक- ज्योतिष

*धैर्य मिठास सच्चाई और नम्रता रूपी संपत्ति आवश्यक- ज्योतिष*

स्कूली विद्या प्राप्त करने के साथ साथ, धैर्य मिठास सच्चाई और नम्रता रूपी संपत्ति से धनवान एवं विद्वान् बनें। यही असली संपत्ति और विद्या प्राप्ति का लक्षण है।
हम यह नहीं कहते, कि आप स्कूल कॉलेज में पढ़ाई न करें, विद्या न पढ़ें। डिग्री न लेवें। रुपया पैसा कमा कर धनवान न बनें। यह सब हो, तो अच्छी बात है।
परंतु स्कूल कॉलेज की डिग्री भी हो, घर में खूब संपत्ति = मकान मोटर गाड़ी सोना चांदी आदि भी हो। यह सब होने के बाद भी, यदि आपके व्यवहार में सभ्यता नम्रता सच्चाई ईमानदारी सरलता और मिठास नहीं है, तो वह भौतिक धन और स्कूल कॉलेज की डिग्री किस काम की?
धन इसलिए नहीं होता, कि उससे अभिमानी होकर दूसरों को दुख दिया जाए। दूसरों पर अन्याय किया जाए। उनका शोषण किया जाए। स्कूल कॉलेज डिग्री या गुरुकुल की पढ़ाई लिखाई इसलिए नहीं होती, कि लोगों को इसका प्रदर्शन किया जाए, कि मैं इतना पढ़ा लिखा हूं। विद्या का प्रयोजन प्रदर्शन करना नहीं है, बल्कि “विद्या ददाति विनयम्” इसके अनुसार विद्या तो नम्रता देती है। विद्या पढ़कर भी यदि नम्रता नहीं आई, तो विद्या प्राप्ति का क्या लाभ हुआ? कुछ नहीं। अर्थात् केवल किताब पढ़ने से विद्या नहीं आती। किताब पढ़ लेना तो मात्र अक्षरज्ञान है। इसके साथ साथ व्यक्ति में सभ्यता और नम्रता अवश्य आनी चाहिए। इसलिए डिग्री प्राप्त कर लेना मात्र जीवन की सफलता नहीं है। विद्या के साथ-साथ नम्रता सभ्यता मधुरता सेवा परोपकार दान दया इत्यादि उत्तम गुण भी धारण करने होंगे, तभी वह पूर्ण विद्या कहलाएगी, और तभी वह सुखदायक होगी।
इसी प्रकार से कुछ भौतिक धन संपत्ति प्राप्त कर लेना ही समृद्धि नहीं कहलाती। यदि व्यक्ति भौतिक धन-संपत्ति सत्ता अधिकार आदि को प्राप्त करके अभिमान के कारण दूसरों को दुख देता है, दूसरों पर अन्याय करता है, तो उसका यह धन और जीवन दोनों व्यर्थ एवं निष्फल हैं। भौतिक धन के साथ-साथ सेवा परोपकार दान दया आदि उत्तम गुणों को भी अवश्य धारण करें। यही असली संपत्ति है। यही आपको और दूसरों को सुख देने वाली है।
*जिनके पास विद्या भले ही कम है, परंतु उनमें नम्रता सभ्यता आदि उत्तम गुण विद्यमान हैं। जिनके पास धन भले ही कम है, फिर भी उनमें सादगी सरलता सुशीलता यथाशक्ति सेवा इत्यादि गुण विद्यमान हैं, तो अनपढ़ गरीब होते हुए भी उनका जीवन सफल है। वे वास्तव में धनवान और विद्वान् माने जाएंगे।

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