बस्तर सांसद दीपक बैज ने संसद में आदिवासियों के हितों व स्थानीय नौजवानों के रोजगार हेतु बुलंद की आवाज
लोकसभा दिल्ली में अधिनियम 377 के अंतर्गत उठा नगरनार का मामला
राजा ध्रुव।जगदलपुर – बस्तर के खनिज संपदा का दोहन वर्षों से चल रहा है एनएमडीसी का नगरनार स्टील प्लांट बस्तर को केंद्र सरकार निजीकरण कर रही है प्लांट हेतु 610 हेक्टेयर निजी जमीन अधिग्रहित है 211 हेक्टेयर जमीन छत्तीसगढ़ की प्लांट के इस्तेमाल हेतु है आदिवासियों के हित की रक्षा हेतु इस क्षेत्र में पेसा कानून 1996 लागू है नियमों की अनदेखी करते हुए नगरनार प्लांट का निजीकरण अव्यवहारिक है 20 हजार करोड़ लागत से तकरीबन 15 वर्षों से बन रहे प्लांट से धुआ निकलने वाला ही था कि सरकार इसे निजी हाथों में बेच रही है बस्तर की जनता आंदोलित है प्लांट में नौकरी का सपना टूटते देख नौजवान आक्रोशित है जनता की भावनाओं के विरुद्ध राष्ट्र की संपदा बेची जा रही है
उक्त मामले को बस्तर सांसद दीपक बैज ने अधिनियम 377 के अंतर्गत सदन में सरकार के समक्ष संसद पटल पर लिखित में रखा जिसका जवाब सदन के द्वारा बस्तरवासियों को लिखित में दी जाएगी