हिंदी दिवस पर ऑनलाइन प्रश्नोत्तरी एवं निबंध प्रतियोगिता …. हमें अंग्रेज़ी से नही, असली दिक्कत तो अंग्रेज़ियत से है- नसीर अहमद
कोंडागांव। शासकीय गुण्डाधूर स्नातकोत्तर महाविद्यालय कोण्डागाँव में हिन्दी दिवस के उपलक्ष्य में कोविड19 महामारी के दौर में केन्द्र एवं राज्य शासन के सुरक्षा मानकों का पालन करते हुए ऑनलाइन प्रश्नोत्तरी एवं निबंध प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। इस अवसर महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ किरण नुरूटी ने कहा कि हिन्दी हमारी राजभाषा होने के साथ ही राष्ट्रभाषा एवं मातृभाषा भी है। हमें हिन्दी के विकास में निरंतर योगदान देते रहना चाहिए। आज हिन्दी राष्ट्रभाषा के दर्जा से भी ऊपर उठकर वैश्विक भाषा बनने की ओर अग्रसर है। वह दिन दूर नहीं, जब हमारी हिन्दी संयुक्त राष्ट्र संघ की अधिकारिक भाषा बन जाएगी और वह दिन स्वर्णिम अक्षरों से लिखा जाएगा।
कार्यक्रम में सहायक प्राध्यापक नसीर अहमद ने राजभाषा हिन्दी के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि हमें अंग्रेजी से नहीं बल्कि अंग्रेजियत से असली दिक्कत है। आज भले ही हम हिन्दी दिवस मना रहें हैं, किन्तु हमारे कंठ में अंग्रेजी समा चुकी है। हमें इस मानसिकता में बदलाव लाना होगा तभी हिन्दी को जीवंत बनाये रखा जा सकता है। इस अवसर पर हिन्दी विभाग के सहायक प्राध्यापक विनय कुमार देवांगन ने कार्यक्रम के उद्देश्य पर प्रकाश डालते हुए कहा कि हिन्दी विभाग के द्वारा हिन्दी भाषा के प्रचार-प्रसार के लिए जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से ऑनलाइन प्रश्नोत्तरी एवं निबंध प्रतियोगिता का भी आयोजन किया गया। वर्तमान भूमण्डलीकरण के युग में जबकि सम्पूर्ण संसार विश्व गाँव में परिवर्तित हो रही है, हमारी हिन्दी भी इससे अछूती नहीं है। मूल प्रश्न यह है कि वैश्वीकरण के इस युग में हम हमारी हिन्दी के अस्मिता और गौरव को किस प्रकार संरक्षित रख सकेंगे? निस्संदेह मीडिया और बाजार के माध्यम से आज हिन्दी जन-जन की भाषा है। लेकिन हमें यह भी ध्यान रखना होगा कि बाजारवाद की कीमत पर हिन्दी की अस्मिता से कोई खिलवाड़ न हो। इसके साथ ही उन्होंने कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए समस्त महाविद्यालयीन स्टाफ एवं अधिकारी-कर्मचारियों प्रति आभार प्रकट किया। इस अवसर पर महाविद्यालय के प्राध्यापक पुरोहित सोरी, शशिभूषण कन्नौजे, शोभाराम यादव, श्रीमती रूपा सोरी, डॉ आशीष आसटकर, श्रीमती चित्रकिरण पटेल एवं समस्त महाविद्यालयीन कर्मचारी उपस्थित रहें।