गर्मी बढने के साथ ही सूखने लगा है जल स्तर, भीषण गर्मी में गहरायेगा जलसंकट
भिलाई। जैसे जैसे गर्मी बढते जा रही है, वैसे वैसे जल स्तर सूखते जा रहा है, इसके कारण आने वाले समय में पेयजल का संकट काफी गहरा होने वाला है। भीषण गर्मी में जल सकंट न हो इसके लिए सभी को एक बात का ध्यान रखना होगा। वर्षा जल को भूगर्भ में पहुंचाना अब हर नागरिक की पहली जिम्मेदारी होनी चाहिए। घटते भूजल स्तर का सबसे उत्तम उपाय हर भवन वाटर हार्वेस्टिंग से युक्त हो तथा निस्तारी जल भी जमीन के भीतर जाये इसका उपाय आवश्यक हो गया है। इसे क्रान्तिकारी रुप में क्रियान्वित किया जाना होगा, ताकि आने वाले समय में शुद्ध पेयजल के लिए जुझना न पड़े। निगम सभागार में आयोजित भूजल संरक्षण रैन वाटर हार्वेस्टिंग प्लानिंग के लिए आयोजित कार्यशाला में आयुक्त एस0के0 सुंदरानी ने उक्त बातें कहीं।
आयुक्त सुंदरानी ने आगे कहा कि हमें घर से निकलने वाले वर्षा एवं निस्तारी जल को वापस भूमि के अंदर भेजने के उपाय पर सोचना होगा और इसके लिए नागरिकों के बीच जन जागृति लाना है। जिसके लिए निगम ने टीम गठित किया है जो प्रचार-प्रसार एवं नुक्कड़ नाटक के माध्यम से पानी बचाने के लिए लोगों की बीच उपाय को प्रचारित करेगा, हम सभी को जल संरक्षण के लिए अपनी जिम्मेदारी निभानी होगी। प्रारंभिक रुप से हम अपने छत में गिरने वाले बरसाती पानी को वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम के माध्यम से भूगर्भ में भेजने के लिए रिहायसी एवं व्यवसायिक तथा सरकारी भवनों में शत्-प्रतिशत वाटर हार्वेस्टिंग लगाना होगा।
आयुक्त ने कहा कि आने वाले समय में हमें संयुक्त प्रयास करके घर का पानी घर में, मोहल्ले का पानी मोहल्ले में, वार्ड का पानी वार्ड में तथा शहर से निकलने वाले सभी तरह के पानी सीधे जमीन के भीतर जाये इस दिशा में प्रयास करना होगा हमारी कोशिश होनी चाहिए कि बहुत कम मात्रा में पानी नदी में समाहित हो और वह भी साफ हो। निगम भिलाई नालों का पानी साफ नदी में जाये इस दिशा में प्रयास करते हुए नालों तथा नाली में जाली लगा रहा है। आयुक्त ने सभी जोन आयुक्तों को निर्देशित किया है कि समयानुसार सभी जोन कार्यालय में कार्यशाला आयोजित कर भूजल संरक्षण की दिशा में अधिकारी, कर्मचारियों के साथ-साथ लोगों को जागरुक करें। बैठक में उपायुक्त अशोक द्विवेदी, तरुण पाल लहरे, नोडल अधिकारी डीके वर्मा, सहायक नोडल अधिकारी रवि सिन्हा सहित निगम के अधिकारी, कर्मचारी उपस्थित थे।