छत्तीसगढ़दुर्ग भिलाई

करंट से मरने वाले अपने ही श्रमिक के दोषी अधिकारियों पर तीन साल बाद भी नही की बिजली कंपनी कार्यवाही

जबकि जांच में अधिकारी पाया गया दोषी

दुखी पीडि़त परिवार आप के साथ मिले एसपी से की न्याय लगाई गुहार

भिलाई। छग स्टेट पॉवर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी के अधिकारी के लापरवाही के कारण उसके ही कंपनी के एक श्रमिक की मौत मामले में तीन साल बाद भी विद्युत वितरण कंपनी अपने अधिकारी पर कार्यवाही नही कर रही है। तीन साल तक मृतक के पीडि़त परिवारों को न्याय नही मिलने पर शुक्रवार को मृतक के परिजन आम आदमी पार्टी के साथ एस पी प्रखर पांडे से मिले और न्याय की गुहार लगाई। इस पर एसपी ने उन्हे कार्यवाही का आश्वासन दिया। बता दे कि इस मामले की जांच उप अभियंता द्वार कराई गई जिसमे सहायक अभियंता एन आर छिपा दोषी पाये गये थे, लेकिन आज तक उनके विरूद्ध कोई कार्यवाही नही हुई।

आप पाटी्र और पीडि़त परिवार ने एसपी को सौँपे गये ज्ञापन में कहा है कि 26 मार्च 2016 को छत्तीसगढ़ विद्युत वितरण कंपनी ने मीटर लगाने सहायक अभियंता एनआर छिपा ने पांच मीटर एफओसी कर्मचारी विकास व लुकेश कुमार सोनी को जारी किया था। चार मीटर लगाने के बाद दोनों कर्मचारी शिवाजी नगर खुर्सीपार निवासी सुनील त्यागी के घर पहुंचे थे। मीटर लगाने के बाद कनेक्शन देने सहायक अभियंता ने लुकेश सोनी को इलेक्ट्रिक पोल पर चढ़ाया था। चालू लाइन में बिना सुरक्षा के कनेक्शन करते समय लुकेश सोनी करंट की चपेट में आ गया था। इस घटना में लुकेश सोनी ऊंचाई से गिर गया था। घटना के बाद उसे सेक्टर नौ अस्पताल पहुंचाया गया। आईसीयू में जगह नहीं होने पर उसे स्पर्श अस्पताल में भर्ती कराया गया। स्थिति में सुधार नहीं होने पर अपोलो बीएसआर ले जाने पर उपचार के दौरान घायल श्रमिक की मौत हो गई।

उप अभियंता आरके देवांगन की जांच रिपोर्ट में उल्लेख

सूचना का अधिकार के तहत विभाग से मिली जानकारी के अनुसार मामले की जांच राज्य विद्युत निरीक्षक आरके देवांगन ने जांच की थी। जांच में घटना का उल्लेख करते हुए जांच अधिकारी ने अभिमत दिया है कि मृतक श्रमिक लुकेश कुमार विद्युत खंबे में चढऩे अधिकृत नहीं था। कार्य करते समय उसे किसी तरह का सुरक्षा यंत्र भी उपलब्ध नहीं कराया गया था।  कनिष्ठ यंत्री गुनेश्वर प्रसाद शिवारे ने भी घटना से संबंधित तथ्य को छिपाया है। जांच अधिकारी ने दोषी अधिकारियों के खिलाफ अनुसंसा की है।

कार्यपालक निर्देशक का गोलमोल जवाब

अशोक कुमार, कार्यपालन निदेशक ने कहा कि मामले में विभागीय जांच हुई है। जांच रिपोर्ट में यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि घटना इलेक्ट्रिकल है या मैकेनिकल। 15 दिन पहले हमने जांच अधिकारी को स्थिति को स्पष्ट करने पत्र लिखा है। पोस्ट मार्टम रिपोर्ट और पुलिस विवेचना में श्रमिक की मौत का कारण इलेक्ट्रीक शॉक से नहीं बल्कि ऊंचाई से गिरने से होना बताया है। पत्र का जवाब आने के बाद ही हम कोई निर्णय ले पाएंगे।

आप पार्टी कार्यकर्ता मेहरबान सिंह, ने बताया कि इस मामले में विभागीय जांच के अलावा राज्य विद्युत निरीक्षक ने भी जांच की है। दोनों रिपोर्ट में सहायक अभियंता को दोषी बताया गया है। सूचना का अधिकार के तहत मिली कॉपी से स्पष्ट हुआ है। हमने जांच रिपोर्ट के साथ कार्रवाई के लिए एसपी कार्यालय में आवेदन प्रस्तुत किया है।

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