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बीएसपी के एचआरडी विभाग ने राजस्व प्राप्ति में दिया योगदान

भिलाई। एक पुरानी कहावत है कि हम अपनी ऊर्जा जिस क्षेत्र में केंद्रित करते हैं उस क्षेत्र में हमें निश्चित ही सफलता मिलती है। इस कहावत को चरितार्थ करते हुए भिलाई इस्पात संयंत्र के मानव संसाधन विकास विभाग ने संकटकाल में राजस्व प्राप्ति पर विशेष ध्यान केन्द्रित किया।

इसके फलस्वरूप वर्तमान वित्तवर्ष के पहले पांँच महीनों में 4.43 लाख रुपये का राजस्व प्राप्त करने में सफल रहा। विदित हो कि विगत वित्तवर्ष 2019-20 में एचआरडी विभाग ने कुल 5.56 लाख रुपये के राजस्व की प्राप्ति की थी। एचआरडी विभाग ने इस वर्ष मार्च में वोकेशनल ट्रेनिंग की दर में संशोधन किया था। इस क्षेत्र में एक दशक से अधिक समय के बाद प्रशिक्षण दरों को संशोधित किया गया, जिसका लाभ मिलने लगा है।  इसके अतिरिक्त पहली बार पॉलीटेक्नीक व्या याताओं को औद्योगिक प्रशिक्षण प्रदान करने का बीड़ा उठाया गया। इसके तहत 9 और 10 के दो बैचों में इन्हें प्रशिक्षित कर राजस्व अर्जित किया गया। ज्ञातव्य हो कि एआईसीटीई के दिशा-निर्देशों के अनुसार, सभी पॉलीटेक्नीक व्याख्याताओं को तीन सप्ताह का औद्योगिक प्रशिक्षण प्राप्त करना अनिवार्य है। कोविड-19 प्रोटोकॉल के मद्देनजर कम संख्या में 9 या 10 प्रशिक्षणार्थियों को बैच बनाकर प्रशिक्षण प्रदान किया गया। इसके अलावा छात्रावास के किराए की वसूली से भी राजस्व की प्राप्ति हुई।

निरंतर फॉलो-अप के चलते बोर्ड ऑफ अप्रेंटिस एंड ट्रेनिंग (बीओएटी) से स्टाइपन्ड राशि की वापसी संभव हो सकी। अप्रेंटिस टे्रनिंग के तहत ग्रेजुएट/डिप्लोमा ट्रेड अप्रेंटिस को किए गए भुगतान की 25 प्रतिशत स्टाइपन्ड राशि के रिफंड का प्रावधान है। इसी प्रकार, क्षेत्रीय प्रशिक्षण निदेशालय आरडीएटी द्वारा प्रति आईटीआई ट्रेड अपें्रटिस प्रशिक्षण के तहत रुपये 1500/- राशि वापस की जाती है। इस राशि की वापसी हेतु भी एचआरडी विभाग द्वारा प्रयास किया जा रहा है।

इसी क्रम में अक्टूबर, 2020 में बीएसपी द्वारा राइट्स के तकनीशियनों को यूआरएम में लैश बट वेल्डिंग पर प्रशिक्षण प्रदान करने जा रही है, जिससे राजस्व प्राप्ति के इस मुहिम को बल मिलेगा।  कोविड-19 से उत्पन्न परिस्थितियों के सामान्य होने के पश्चात् नगरनार आयरन एंड स्टील लिमिटेड के स्थापना हेतु भूमि प्रदान करने वाले 350 व्यक्तियों को आवश्यक औद्योगिक प्रशिक्षण प्रदान करना प्रस्तावित है, जो राजस्व प्राप्ति में सहायक सिद्ध होगा।

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