छत्तीसगढ़

जिले के ग्रामीण व शहरी इलाकों में बढ़ते साइबर क्राइम के बढ़ते मामलों को देखते हुए बिलासपुर पुलिस ने लोगों को जागरूक

जिले के ग्रामीण व शहरी इलाकों में बढ़ते साइबर क्राइम के बढ़ते मामलों को देखते हुए बिलासपुर पुलिस ने लोगों को जागरूक करने के लिए साइबर मितान पर मुहिम 1 सितम्बर से शुरू की है। इस साइबर मितान के पहल को सफल बनाने चकरभाठा पुलिस थाना एवं सामाजिक संस्था दीनबंधु हेल्प फॉउंडेशन की युवा टीम लगातार 1 सितम्बर से प्रयासरत हैं और अब तक दोनों के सयुंक्त तत्वाधान में लगभग 15 हजार से अधिक नागरिकों को साइबर मितान के इस जागरूकता कार्यक्रम में सम्मिलित कर जागरूक किया जा चुका हैं। दीनबंधु हेल्प फॉउंडेशन व चकरभाठा पुलिस द्वारा साइबर क्राइम के तरीकों से रूबरू कराया जा रहा हैं व इससे बचने और शिकार होने की स्थिति में उठाए जाने वाले जरूरी कदमों की भी जानकारी दी जा रही हैं।

वैश्विक महामारी कोरोना वायरस काल के पिछले 7 महीनों के दरम्यान इंटरनेट और तकनीक का इस्तेमाल बढ़ा है। ऐसे में लोगों के साथ ठगी की घटनाओं में भी इजाफा हुआ है। अपराध के नए तौर-तरीकों को देखते हुए चकरभाठा पुलिस व दीनबंधु हेल्प फॉउंडेशन का साइबर क्राइम सेल लोगों को लगातार जागरूक कर रहे हैं। टीम द्वारा अनेक तथ्यों पर लोगो को जागरूक कर रहे हैं जैसे कि अनजान नंबरों से केबीसी (कौन बनेगा करोड़पति) लॉटरी से संबंधित मैसेज आना। इस कारण कई बार लोग झांसे में आकर खाते ही गुप्त जानकारी साझा कर रहे हैं जो कि गलत है।

ग्रामीण इलाकों के लोगों को जागरूक करने के लिए यह अभियान मुख्य रूप से चलाया जा रहा। क्योकि पढ़ाई न कर पाने की अभाव से रोजाना ठगी के शिकार होते हैं। फेसबुक के माध्यम से लोगों को साइबर अपराधों की जानकारी दी जा रही हैं। ऐसी घटनाओं या ठगी से कैसे बचा जा सकता है, इसके बारे में भी अवगत कराया जा रहा। पुलिस आंकड़ों के अनुसार साल 2020 में लॉकडाउन के दौरान साइबर क्राइम से जुड़े अधिक मामले दर्ज किए गए। ग्रामीण इलाकों के लोगों के साथ सबसे ज्यादा फोन पर ठगी के मामले सामने आए हैं। अपराधी फोन पर डेबिट कार्ड की डिटेल और पिन हासिल कर लेते हैं। जब तक व्यक्ति कुछ समझ पाए, तब तक उसके खाते से रकम उड़ा देते हैं। समाज के लोग युवाओं को जागरूक कर उसे अपराध का रास्ता छोड़ने के लिए समझाएं।

ये दी गई जानकारी : टीम ने लोगों को बताया कि वह एटीएम से रुपये निकालते समय सावधानी बरतें। अपना पिन कोड छुपाकर डालें, अपने आसपास खड़े लोगों से सावधान रहें, आस पास कोई अगर काफी देर से एटीएम में खड़ा है और रुपए नहीं निकाल रहा है तो उसकी सूचना तुरंत साइबर सेल या नजदीकी पुलिस स्टेशन में दे। बैंकों से आने वाली कॉल से सावधान रहें। अपना ओटीपी कभी किसी को न बताएं, चाहे वह अपने आप को बैंक मैनेजर बताएं।

प्रलोभनों से रहे खबरदार : टीम ने बताया कि 25 लाख का इनाम लग जाने , किसी इनाम में गाड़ी जीत जाने , टावर लगवाने, लोन लेने या अन्य किसी भी तरह के लुभावने विज्ञापन में किसी भी अज्ञात खाते में पैसा न डालें । किसी भी कंपनी का कस्टमर केयर के नंबर गूगल पर सर्च करके उपयोग न करें।

ये भी सावधानी बरतें : फोनपे ,गूगलपे या अन्य किसी यूपीआई एप पर किसी के द्वारा रिफंडिंग जैसी मैसेज के लिंक यार रिक्वेस्ट को एक्सेप्ट न करें। ऐसा करने पर आप साइबर ठगी का शिकार हो सकते हैं।

मोबाइल का कम प्रयोग जरूरी : साथ में यह भी बताया कि किस तरह मोबाइल फोन मानव जीवन पर हावी होता जा रहा है । मोबाइल फोन न आपके पास खेलने का टाइम छोड़ता है, न कसरत करने का , यहां तक कि आपकी कार्यक्षमता भी आधी कर देता है। जैसे जैसे मोबाइल फोन की लत लगती जाएगी वह आप पर हावी होता जाएगा। सबसे पहले आपकी आंखों की रोशनी जीने का फिर नींद चुरा आएगा धीरे धीरे आपके स्वास्थ्य को चौपट कर देगा। आपको उन लोगों से दूर कर देगा। मोबाइल बच्चों का बचपन चुरा लेता है।

अभियान के दौरान साइबर सेल प्रभारी सुखनंदन पटेल (निरीक्षक थाना प्रभारी), उपनिरीक्षक एस.आई यादव सर, एस. आई कमलेश्वर मिश्रा, जितेंद्र जाधव, सिद्धार्ध शंकर पांडेय दीनबंधु हेल्प फॉउंडेशन से दिनदयाल साहू, अरुण साहू, नितेश मोहले, विकास साहू, मोहनीश कौशिक, नरेंद्र लहरे, शिवम मिश्रा, जतिन, अविनाश विश्वकर्मा, शिवम अवस्थी, शुभम पटेल का विशेष सहयोग रहता हैं। इस कार्यक्रम में अन्य सहयोगी संस्था सिद्धार्थ महाविद्यालय व एल. सी. आई. टी महाविद्यालय के राष्ट्रीय सेवा योजना के कार्यक्रम अधिकारी विपिन वानी एवं स्वयं सेवकों का विशेष सहयोग रहता हैं।

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