मिशन स्वराज के मंच पर, ‘भारत में बेरोज़गारी और महंगाई की समस्या और उसके निदान’ विषय पर हुई सार्थक वर्चुअल चर्चा – प्रकाशपुन्ज पाण्डेय
*मिशन स्वराज के मंच पर, ‘भारत में बेरोज़गारी और महंगाई की समस्या और उसके निदान’ विषय पर हुई सार्थक वर्चुअल चर्चा – प्रकाशपुन्ज पाण्डेय
समाजसेवी और राजनीतिक विश्लेषक प्रकाशपुन्ज पाण्डेय ने मीडिया के माध्यम से बताया कि आज रविवार, ६ सितंबर २०२० को दोपहर २ बजे गूगल मीट के ज़रिए एक वर्चुअल चर्चा का आयोजन किया गया जिसका विषय था’ भारत में बेरोज़गारी और महंगाई की समस्या और उसके निदान’। इस चर्चा में भारत के विभिन्न हिस्सों से वक्ताओं ने भाग लिया जिसमें निम्नलिखित अतिथि गण शामिल हुए –
बाबूलाल शर्मा – वरिष्ठ पत्रकार, रायपुर, छत्तीसगढ़
वीरेंद्र पाण्डेय – पूर्व विधायक, रायपुर, छत्तीसगढ़
हरि भाऊ राठौर – पूर्व, एमपी और महाराष्ट्र विधान परिषद के सदस्य, मुम्बई, महाराष्ट्र
क्रांति धोटे राउत – जिलाध्यक्षा, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी, महिला विभाग, यवतमाल, महाराष्ट्र
प्रकाशपुन्ज पाण्डेय – समाजसेवी, राजनीतिक विश्लेषक और फाउंडर – मिशन स्वराज २०२०, रायपुर, छत्तीसगढ़
प्रकाशपुन्ज पाण्डेय ने बताया कि यह कोई राजनीतिक चर्चा नहीं थी और ना ही या कोई मीडिया डिबेट। इस चर्चा का एकमात्र उद्देश्य था कि देश के तमाम बुद्धिजीवियों को एकत्रित कर इस ज्वलंत विषय पर एक सार्थक संवाद हो, जिसका संदेश सभी पार्टियों और समाज में व्यापक रूप से पहुंचे।
चर्चा के दौरान बाबूलाल शर्मा ने देश की आज़ादी से पहले महात्मा गांधी की देश की परिकल्पना के बारे में बताया कि कैसे महात्मा गांधी ग्राम सुराज के बारे में सोचते थे, कैसे वे विकेंद्रीकरण के बारे में सोचते थे और कैसे वे सोचे थे कि हमारे देश में ही कितने अवसर हैं कि अगर उन्हें उचित प्रकार से इस्तेमाल करें तो हमारे देश की बहुत सी समस्याएं दूर हो जाएंगी। यद्यपि उन्होंने कहा कि सरकारों की इच्छा शक्ति की कमी से बेरोज़गारी की समस्या दूर करना उनके बस की बात नहीं है लेकिन दूसरी ओर उन्होंने छत्तीसगढ़ में ‘नरवा, गरवा, घुरवा और बाड़ी योजना’ की पहल की भी तारीफ़ की।
वीरेंद्र पाण्डेय ने कहा कि भारत की सबसे बड़ी गलती है कि भारत अपनी संस्कृति और अपनी कार्यशैली को छोड़कर पाश्चात्य संस्कृति और पश्चिमी देशों की कार्यशैली को अपनाने में लगा हुआ है इसीलिए कृषि प्रधान देश में आज यह दशा हुई है उन्होंने कहा कि हमारी जो भौगोलिक स्थिति है उसको देखते हुए हमें कृषि क्षेत्र में बड़े-बड़े प्रयोग करने चाहिए ताकि कृषि से और इस पर आधारित रोजगार का उत्सर्जन उपाय क्योंकि करुणा काल में भी जब देश की जीडीपी २३.९% गिर चुकी है उस समय भी कृषि से जो आए हैं वह ३.४% दर्ज की गई है।
हरि भाऊ राठौर ने कहा कि महाराष्ट्र में रोजगार की स्थिति अन्य प्रदेशों के मुकाबले ठीक है। लेकिन कोरोना काल के कारण महाराष्ट्र और उसकी आर्थिक राजधानी मुंबई को बहुत बड़ी तादाद में नुकसान हुआ है। उन्होंने कहा कि अभी असल में दिक्कत नहीं आई है दिक्कत तो कोरोना काल खत्म होने के बाद आने वाली है। क्योंकि अब तक केवल किसान ही आत्महत्या कर रहे थे लेकिन आने वाले समय में नवयुवक और बेरोजगार लोग भी इसके लिए प्रयास कर सकते हैं, लेकिन उन्होंने आश्वासन दिया कि वह ऐसा होने नहीं देंगे और वह महाराष्ट्र सरकार से अपील करेंगे कि महंगाई और बेरोज़गारी को दूर करने के लिए उचित दिशा में सार्थक कदम उठाए जाएं जिसके लिए उनकी सरकार वचनबद्ध है।
“विदर्भ का शेर” के नाम से प्रसिद्ध स्व. जामवंत राव धोटे की सुपुत्री क्रांति धोटे ने भी अपने पिता के समान ही बेबाक़ी से इस चर्चा में अपनी राय रखी। उन्होंने शराबबंदी की भी पहल की, कि कैसे शराब के कारण युवा पथभ्रष्ट हो रहे हैं और उससे भी बेरोज़गारी बढ़ रही है। उन्होंने भी महात्मा गांधी के ग्राम स्वराज की कल्पना का समर्थन किया और ज़िम्मेदारी से कहा कि ‘हां आज के परिदृश्य में हमारा देश अगर उनके आदर्शों और विचारों को अपना ले तो देश दोबारा सोने की चिड़िया बन जाएगा इसमें कोई शक नहीं’ उन्होंने यह भी कहा कि ‘मैं अपनी सरकार से अपील करूंगी की अपने कार्यकाल में संपूर्ण महाराष्ट्र में शराबबंदी लागू करे’। उन्होंने कहा कि महिलाएं भी इस महंगाई और बेरोज़गारी की समस्या के कारण बहुत प्रभावित हो रही हैं लेकिन उन्हें उम्मीद है कि संपूर्ण समाज मिलकर एक संपूर्ण स्वराज स्थापित करेगा और उन्होंने मिशन स्वराज 2020 को बहुत शुभकामनाएं दी और उम्मीद की कि यह संवाद ऐसे ही चलता रहेगा।
*प्रकाशपुन्ज पाण्डेय, मिशन स्वराज, रायपुर, छत्तीसगढ़*
7987394898, 9111777044