छत्तीसगढ़दुर्ग भिलाई

आज शंकराचार्य टेक्निकल कैंपस में सस्टेनेबल एंटरप्राईजेस अवार्ड का आयोजन

जागृति सेवा संस्था द्वारा आयोजित यह प्राग्राम छग में हो रहा पहली बार

11 साल में 12 सौ लोग बने उद्योगपति-यश शर्मा

पवन ए विंड ऑफ चेंज एवं जागृति सेवा संस्था द्वारा छत्तीसगढ में पहली बार 29 मार्च को प्रात: 11 बजे से दोपहर 1 बजे तक श्री शंकराचार्य टेक्रिकल कैंपस में सस्टेनेबल एंटरप्राईजेस अवार्ड का आयोजन किया जा रहा है। इस अवसर पर जागृति सेवा संस्था की मुंबई की मैनेजिंग ऑपरेशन मैनेजर, नगर के जाने माने प्रतिष्ठित उद्यमी एवं शंकराचार्य कॉलेज के अध्यक्ष आई पी मिश्रा एवं प्राचार्य श्रीमती रक्षा सिंह सहित पवन ए विंड ऑफ चेंज समिति एवं जागृति संस्था के पदाधिकारी प्रमुख रूप से उपस्थित रहेंगे।

उक्त जानकारी पवन ए विंड ऑफ चेंज के यश शर्मा एवं जागृति सेवा संस्था की प्रगति पहिति ने एक पत्रकारवार्ता में दी। श्री शर्मा ने आगे बताया कि सस्टेनेबल इंटरप्राईजेस अवार्ड जल संरक्षण, कृषि एवं  वाटर रिसायकलिंग के लिए तीन पुरस्कार दिया जाता है। जिसमें पहला पुरस्कार ढाई लाख दूसरा पुरस्कार 1 लाख एवं तीसरा पुरस्कार 50 हजार रूपये दिया जाता है। श्री शर्मा ने आगे बताया कि उद्यम से राष्ट्र निर्माण का उद़देश्य लिए पिछले 11 साल से सामाजिक विकास के लिए यह कार्य जागृति संस्था कराती है। इसमें जागृति सेवा संस्था के प्रतिनिधियों द्वारा लोगों को उके द्वारा चलाये जा रहे अनेकों कार्यक्रमों में बारे में विस्तार में बताया जाता है। इस प्रकार के कार्यक्रम के माध्यम से हमारे देश के लोगों में उद्यम करने एवं आगे बढने की सोच को बढावा देना चाहते हैं।

यश शर्मा ने बताया कि जागृति संस्था द्वारा पिछले 11 साल से कराये जा रहे ऐसे कार्यक्रमों से जानकारी लेकर तथा प्रभावित होकर संस्था के गाईड लाईन मिलने से 12 सौ लोग अब तक अपना उद्योग लगा चुके हैं। हमारे संस्था से कई प्रभावी लोग भी जुडे है जो किसी अच्छे कार्यों में पैसा लगाने तैयार रहते है, इसमें यदि कोई उद्योग लगाना चाहते है या अन्य किसी प्रकार का बडा कार्य करना चाहते है और उनके पास पूंजी नही है तो उसकी भी व्यवस्था जागृति संस्था द्वारा कराई जाती है।

हमारी संस्था से जुडऩे के बाद जो उद्योग क्षेत्र से जुडकर उद्यमी बनना चाहते है तो उनका पंजीयन कर हर साल के दिसंबर या जनवरी में जागृति यात्रा मुंबई से 15 दिन के लिए निकलती है, जिसमें पूरी तरह परखने के बाद मात्र 5 सौ लोगों को इस यात्रा में जाने पंजीयन कर भेजा जाता है, जहां उद्योगों के बारे में उन्हे पूरी जानकारी मिलती है, और वे अपना उद्योग लगाते है। यह यात्रा उडि़सा, यूपी, दिल्ली सहित अन्य स्थानों से होते हुए 8 हजार की दूरी तय कर वापस मुंबई पहुंचती है, और इस यात्रा को भारत के रेल प्रशासन द्वारा जागृति यात्रा के नाम से ट्रेन चलाई जाती है और यह यात्रा इसी ट्रेन से की जाती है। और उसमें उद्यमी और इसस जुडे तथा संस्था के अन्य जानकार लोग रहते है, ये आपस में मिलकर एक दूसरे को समझते है और जानकारी देते है, जिसका लाभ उन्हें मिलता है और उनको उद्योग लगाने में पूरी मदद मिलती है।

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