किरंदुल शहीदे कर्बला मुहर्रम का त्योहार मुस्लिम
किरंदुल शहीदे कर्बला मुहर्रम का त्योहार मुस्लिम समुदाय के लोगों ने अपने अपने घरों में अदब व एहतराम के साथ मनाया मुस्लिम समुदाय के सबसे बड़े धर्म गुरु हजरत मोहम्मद सल्लल्लाहो अलैहि वसल्लम के नवासे हजरत इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम की याद में मनाते है मुस्लिम समुदाय के अनुसार मोहर्रम का महीना नया साल का महीना होता है इसे पहला महीना कहा जाता है नए साल मोहर्रम की 10 तारीख को इस्लामी महीने के नए साल मे शहीदे कर्बला की याद में सभी ने अपने अपने घरों में फातिहा खानी दुरूद खानी की और बारगाह ए खुदा बंदी में मुल्क में अमन व सुकून की दुआएं की खास तौर पर इस मुल्क से कोरोना वायरस जैसी बीमारी से निजात के लिए अपने परवरदिगार से दुआएं की ताकि मुल्क में सभी कोरोना महामारी जैसी बीमारी से निजात पा सके हजरत इमाम हुसैन की शहादत हमें इंसाफ त्याग एवं बलिदान का संदेश देती है मोहर्रम के अवसर पर सच्चाई की राह पर चलने का संकल्प लेना चाहिए मजदूरों की मदद करनी चाहिए बेसहारों को सहारा देना चाहिए क्योंकि यही इस्लाम मजहब सिखाता है आपको बता दें कोविड-19 के कारण सरकार की गाइडलाइन का पालन करते हुए मुस्लिम समुदाय के लोगों ने इस बार कोई तकरीर प्रोग्राम जुलूस नहीं किए जिससे इस बार का मोहर्रम का त्यौहार फीका रहा