छत्तीसगढ़दुर्ग भिलाई

विद्युत अनुभाग के ये भी है कोरोना योद्धा जो चुनौती स्वीकार कर कठिन दौर को अवसर में बदल दिया

भिलाई। कभी आपने सोचा कि यह लॉक डाउन घर पर बंद रह कर आसानी से कैसे कट रहा हैघ् कोई विकट समस्या क्यों नहीं आई। बिना मोबाईल, बिना बिजली और बिना पानी के 47 दिन गुजारने की कल्पना भर करके देखिये। यह ऐसे ही कर्मवीरों का योगदान है। इस्पात नगरी भिलाई को निर्बाध विद्युत आपूर्ति करने वाली भिलाई इस्पात संयंत्र के नगर सेवाएं विभाग के विद्युत अनुभाग के अधिकारियों और कार्मिकों की टीम है जिसने इस चुनौती भरे समय में अपनी ओर से कोई कसर नहीं छोड़ी है। इन्होंने इस दौरान और बेहतर सुविधा देने का प्रयास किया ताकि लोग लॉक डाउन में घर से बाहर न जायें। इन्होंने चुनौती को अवसर में बदल दिया इस आषा में कि जीत उनकी ही होगी। इन कार्मिकों के जस्बे को सलाम।
    भिलाई इस्पात संयंत्र के विद्युत अनुभाग के प्रभारी महाप्रबंधक (विद्युत) दिनेष कुमार और उनकी टीम से ”कोरोना कोविड-2019 की चुनौती और लॉकडाउन का समयÓÓ पर चर्चा करने का अवसर प्राप्त हुआ। सभी से बात करना तो संभव नही था किन्तु कुछ चुनिंदा कर्मवीरों से ही इस संबंध में चर्चा हो पाई। इस संबंध में श्री दिनेष कुमार ने कहा कि बिजली का आज के दौर में क्या महत्व है इसे हम सभी बहुत अच्छे से समझते है और इसके बिना काम चल ही नहीं सकता यह भी जानते है। लॉक डाउन के दौरान सभी कार्य सामान्य दिनों की तुलना में बेहतर तरीके से संपन्न हुए। यह सब टीम के सदस्यों का सहयोग, उत्साह और समर्पण की वजह से हुआ है। उन्होने बताया कि हमारी टीम ने इस चुनौती भरे समय को भी एक अवसर के रूप लिया और कई अच्छे काम भी कर डालें।
    शासन के निर्देष पर सेक्टर-4 में बोकारो हास्टल में बनाये गये कोरंटाईन सेंटर में विद्युत अनुरक्षण का कार्य देखने वाले राम किशोर कोरी ने बताया कि षुरू में हम बहुत भयभीत थे। कैसे काम करेंगे। किन्तु मन में एक ज़स्बा था कि चुनौती भरा एक समय आया है, कुछ करके दिखाना होगा। बाद में विभाग से सभी को तत्काल एन-95 मॉस्क उपलब्ध हो गये और हमने कोरंटाईन सेंटर में रिकार्ड समय में 150 कमरें को दुरस्त करके दिया।  इस्पात नगरी भिलाई का प्रथम कोराना मरीज खुर्सीपार क्षेत्र से आया था। उस क्षेत्र की पूरी बिजली को संभालने वाले चार्जमैन श्री चिन्नप्पा रानू ने कहा कि साहब षुरू-षुरू में बहुत डर लगा किन्तु अधिकारियों का सहयोग और मॉरल सपोर्ट ने इस चुनौती से निपटने की षक्ति दी। हम सभी ने रात-दिन कुछ नहीं समझा और डटे रहे। इस दौर ने साहब हम सभी को बहुत कुछ सिखा दिया है।
    सेक्टर-4 और 5 के प्रभारी राज किषोर प्रसाद ने बताया कि जब पहली बार पता चला कि बोकारो हास्टल में कोरंटाईन सेंटर बनाया जा रहा है तो इसे एक चुनौती के रूप में लिया और एक गर्व भी महसूस हुआ कि हम भी देष और समाज के लिये काम आ रहे है। पुलिस, डाक्टरों की तरह हम भी बिना डरें अपना योगदान दे रहे है। बहुत कम समय में सेक्टर-4 के कोरंटाईन सेंटर को दुरस्त करके दिया।
    हाई टेन्शन लाईन के टेकनीषियन श्री मन्नू लाल गोंड ने बहुत ही संक्षिप्त षब्दों में कहा कि इस दौर में हम सभी अपने-अपने क्षेत्र में पूरी सजगता से डटे रहे और समय का सदुपयोग करते हुए सभी व्यवस्थाओं को दुरूस्त करते रहे। नियमित और निरंतर मानिटरिंग के कारण कोई समस्या आने ही नहीं दी। इसी विभाग में सेक्टर-9 क्षेत्र के प्रभारी श्री बी आर बोरकर ने चर्चा में तुरंत ही कहा कि सर पूरे देष और समाज के लिये यह परीक्षा की घडी रही है और मुझे खुषी है कि इसमें हम पास हो गये है। आगे और भी कठिन दौर नजर आ रहा है देखते है कि इस पर कैसे विजय प्राप्त होगी। इस दौरान हम सभी ने सारी सावधानियों का बहुत ध्यान रखा कि हम कही इनफेक्ट न हो जाये। सभी ने फिजिकल डिस्टेसिंग का पूरा पालन किया है।
    विद्युत अनुभाग के ए सी सेक्षन को हैंडल करने वाले मो. बषीर अहमद खान ने कहा कि मैन पॉवर की कमी और उस पर 50 प्रतिषत की उपस्थिति कम होने के बावजूद सभी परिस्थितियों को बडी अच्छी तरह से संभाला। यह जीवन का बहुत बडा अनुभव रहा। कभी ऐसा बिरला समय नहीं देखा था। अधिकारियों का पूरा सहयोग रहा और कोरंटाईन सेंटर में काम करना निष्चित तौर पर चुनौती भरा रहा। इस दौरान किसी को भी कोई परेषानी न हो यह कोशिश रही।
    सिविक सेंटर और सेक्टर 10 क्षेत्र के प्रभारी सुनील कुमार ने कहा कि हम सभी ने काम के साथ-साथ इस समय को बहुत इंजाय भी किया है। काम में कोई मुरव्वत नहीं बरती। कमर्षियल लोड बंद होने के कारण लोड सामान्य रहा जिससे फाल्ट नहीं आया। लोड बढने पर ही फाल्ट आता है। कम लोड के कारण निवासियों को कोई परेषानी नहीं हुई। हम सभी का पूरा ध्यान अपने कस्टमर पर था कि ऐसे दौर में इन्हें कोई परेषानी न हो।  हाई टेन्षन लाईन (एच टी) के मेंन्टेनेन्स का कार्य संभालने वाले श्री संजय कुमार उपाध्याय बताते है कि हमने पूरी कोषिष की कि सभी लाईने दुरूस्त रहे और कोई भी बाधा न आये। पूरा प्रयास रहा कि 24 घंटे निर्बाध विद्युत आपूर्ति बनी रहे, नहीं तो लोग घरो से बाहर आ जायेंगे और लॉक डाउन का उल्लंघन हो जाता। इससे फैलाव का खतरा बढ़ जाता। सर काम तो सभी करते है पर कठिन समय में कुछ बेहतर कर जाने को ही लोग याद करते है। हमारे योगदान को भी लोग एक दिन अवष्य मानेंगे। 
    इसी विद्युत विभाग में Ÿरणबीर कुम्भ,जसपाल सिंह, आर पी पाटिल, कुमार राम निषाद, गाजी राम, राम आषीष यादव,अनिल साहू,  राम, मोहम्मद मुस्तकीन, राजेन्द्र यारदा, सुनील तिवारी, रामेन्द्र अग्रवाल, जयंती लाल पटेल, ओम प्रकाष षर्मा, रमन्ना रेड्डीबलराम सिंह ठाकुर, लोमेष साहू जैसे अनेक जाबांज है जिनके कारण ही यह लॉक डाउन आसानी से कैसे कट गया पता ही नहीं चला। इस्पात नगरी के निवासियों कोई दिक्कत नहीं आई। 

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