किसान ने मांगा राज्यपाल से इच्छा मृत्यु

*किसान ने मांगा राज्यपाल से इच्छा मृत्यु*
सूदखोरों और पुलिस से प्रताड़ित होकर किसान बेदलाल साव ने राज्यपाल से मांगा इच्छा मृत्यु ज्ञात हो कि किसान ने पूर्व में सूदखोरों से ब्याज में रकम ली थी जो ब्याज तय हुआ था वह मूल और ब्याज सहित रकम लौटा देने के बाद भी सूरज सलूजा ने उसके ट्रेक्टर CG 06 E 8800 स्वराज 855 FE को गौरटेक निवासी महेन्द्र नायक को 3लाख 15 हजार रु में बेच दिया । दूसरे भरतलाल साहू ने फर्जी लिखा पढ़ी कर 6 लाख रु का चेक बाउंस का केश किया है और 4 लाख 50 हजार का चेक बाउंस कराकर रखा है और धमकी देता है कि उस चेक को भी कोर्ट में लगाऊंगा । तीसरे मनीष आहूजा ने दबाव बनाकर डरा धमका के चेक में हस्ताक्षर करा कर 2 -2 लाख रु का चेक बाउंस का केश किया है तीनों की ब्याज सहित रकम लौटाने के बाद भी उन्होंने मुझे शारिरिक व मानसिक रूप से प्रताड़ित किये हैं
प्रताड़ित होता देख मैंने पुलिस से न्याय की गुहार लगाई परन्तु बसना पुलिस ने मेरे लिखित शिकायत लेने से मना कर दिया मजबूरन मुझे बसना डाकघर के माध्यम से 5 अप्रैल 19 को शिकायत की 6 अप्रैल 19 मुझे धारा 155 की फैना बसना थाना प्रभारी श्री राकेश खुटेश्वर द्वारा बिना जाँच के दे दिया जाता है मैंने फिर 11 अप्रैल 19 को गृहमंत्री छ ग पुलिस महानिदेशक पुलिस महानिरीक्षक रायपुर कलेक्टर महासमुन्द पुलिस अधीक्षक महासमुन्द और पुलिस अनुविभागीय अधिकारी सरायपाली से की जाँच की जाय तब 20 अप्रैल 19 को पुलिस अधीक्षक महासमुन्द से बसना थाना पत्र आता है कि 4 दिन के अंदर आवेदक अनावेदक और गवाहों का बयान कार्यालय भेजें और कार्यवाही सुनिश्चित करें चूँकि बसना थाना ने मुझे बिना जाँच के धारा 155 की फैना दे दिये थे फिर मुझे सरायपाली थाना से श्री धनेश टंडेकर का फोन आता है कि तुमने जो शिकायत की थी उसकी जाँच सरायपाली से होगी सभी का बयान लेने के बाद कोई कार्यवाही नही की उल्टा मुझे सरायपाली थाना प्रभारी श्री प्रदीप मिंज द्वारा समझौता का दबाव बनाया गया तो मैंने इसकी शिकायत 16 जुलाई 19 को गृहमंत्री छ ग पुलिस महानिदेशक पुलिस महानिरीक्षक रायपुर कलेक्टर महासमुन्द पुलिस अधीक्षक महासमुन्द और पुलिस अनुविभागीय अधिकारी सरायपाली से की फिर मुझे 29 जुलाई 19 को फिर मुझे सरायपाली थाना प्रभारी श्री मिंज द्वारा धारा 155 की फैना दे दिया गया अनावेदक के बयानों से जो मैंने शिकायत किया था सही पाया गया फिर मैंने 5 अगस्त 19 को मुख्यमंत्री छ ग को शिकायत की कि मेरे प्रकरण की CID जाँच हो नही तो पूरे परिवार सहित 15 अगस्त 19 को आत्मदाह कर लेंगे तब 9 अगस्त 19 अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक श्री देवव्रत सिरमौर द्वारा बुलाया जाता है कि तुमने जो 16 जुलाई 19 को शिकायत किये थे उसकी जाँच मेरे द्वारा किया जाना है जिसमें सूरज सलूजा भरतलाल साहू मनीष आहूजा और थाना प्रभारी की जाँच हुआ था 12 अगस्त 19 को पुलिस अनुविभागीय अधिकारी श्री राजीव शर्मा द्वारा भी बुलाया जाता है जिसकी शिकायत 5 अगस्त को किया था तब अनुविभागीय अधिकारी पुलिस श्री राजीव शर्मा द्वारा मौखिक बयान लिया गया सब जाँच होने के बाद भी कुछ न होता देख 14 अगस्त 19 को मुख्यमंत्री जनदर्शन कार्यलय गया तब मुझे वहाँ से पुलिस द्वारा मुझे गिरफ्तार कर लिया जाता है और सरायपाली थाना लाया उसी दिन मेरे ट्रेक्टर CG06E 8800 को लावारिस हालत धारा 102 में जप्त किया जाता है तब मैं 21 अगस्त जेल से आने के बाद पूरे जाँच प्रकरण की सूचना के अधिकार के तहत निकलवाया मैंने सम्पूर्ण दस्तावेज का अध्ययन किया मैंने पाया कि सूरज सलूजा भरत लाल साहू और मनीष आहूजा के खिलाफ शिकायत किया था वह जाँच में पाया गया परन्तु सभी पुलिस जाँच में अपने अधिकार का गलत उपयोग कर सूदखोरों से मिलीभगत कर मुझे न्याय से वंचित कर दिया मैंने कलेक्टर महासमुन्द से धरना प्रदर्शन की अनुमति भी मांगी थी तब मैंने 17 दिसंबर से 23 दिसंबर तक धरने में भी बैठा लेकिन आज तक न्याय नही मिला है मैंने जो सुना है कि पुलिस थाने में अमीरों का ही चलता है गरीबों की नही जो मेरे जाँच से सही साबित हुआ क्या पुलिस सिर्फ अमीरों की ही थाना में सुनने के लिये बैठी है गरीबों की नहीं
*बेदलाल साव*