अब प्रशासन का फोकस वर्मी कंपोस्ट पर, नई टंकियों के निर्माण पर दिया जा रहा जोर
तेजी से करें वर्मी कंपोस्ट का कार्य-कलेक्टर
डॉ.भुरे ने पाटन ब्लाक के गांवों पाहंदा, जमराव, उफरा में किया सघन दौरा
दुर्ग। कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर नरेंद्र भुरे ने बुधवार को पाटन ब्लाक के गांवों पाहंदा, जमराव और उफरा का सघन दौरा किया। यहां उन्होंने वर्मी कंपोस्ट की स्थिति का निरीक्षण किया। कलेक्टर ने कहा कि शासन द्वारा गोबर की खरीदी की जा रही है। इससे गौपालकों को आय हो रही है। गौठान समितियों के आय के अवसर तब खुलेंगे जब वे इसका वर्मी कंपोस्ट बनाएंगे। अपनी गांव में गोबर की आवक के मुताबिक वर्मी कंपोस्ट बनाने के लिए टैंक की संख्या सुनिश्चित कर लें। अभी कई जगहों में वर्मी टैंक बन चुके हैं और कई जगहों पर निर्माणाधीन हैं। कुछ जगहों पर नाडेप के टैंक हैं। उन्हें वर्मी टैंक में बदल लें। उन्होंने कहा कि यह कार्य युद्धस्तर पर होना चाहिए। सीईओ पाटन को उन्होंने इस संबंध में विशेष रूप से मानिटरिंग कर सभी गौठानों में नये वर्मी कंपोस्ट के निर्माण के कार्य पूरे करने कहा। कलेक्टर को पाहंदा गौठान समिति के सदस्यों ने बताया कि इस बार रोकाछेका की वजह से फसल काफी सुरक्षित है। यहां लावारिस मवेशियों को भी रखा गया है। उनके चारे आदि का प्रबंध किया गया है। यहां के पदाधिकारियों ने बताया कि तेजी से गोबर की आवक हो रही है। वर्मी कंपोस्ट के निर्माण का कार्य आरंभ कर दिया गया है। कलेक्टर ने तीनों ही गौठानों में कहा कि वर्मी कंपोस्ट की बेहतर गुणवत्ता के लिए कृषि विभाग द्वारा उपलब्ध कराये जा रहे अर्थ वर्म ले लें। साथ ही तकनीकी रूप से जैसे ट्रेनिंग दी गई है। उसके मुताबिक कार्य करें। गौठान समितियों के पदाधिकारियों को उन्होंने बताया कि जितनी जल्दी वर्मी कंपोस्ट बनेगा, उतनी तेजी से नये गोबर के भंडारण के लिए जगह खाली होती जाएगी। इस बारे में गौठान समिति के सदस्य भलीभांति विचार कर लें, फिर अनुमान के मुताबिक वर्मी टैंक पर कार्य करें। कलेक्टर ने कहा कि जिन गौठानों के विकास के लिए कुछ किया जाना है। वहां पंचायत इस संबंध में आवश्यक कार्रवाई करें। इसके साथ ही कलेक्टर ने 20 तारीख को होने वाले गोबर के भुगतान के संबंध में भी आवश्यक कार्रवाई कर लेने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि गौठानों को आजीविका केंद्र के रूप में विकसित करना है। इसके लिए समूहों को आवश्यक ट्रेनिंग दें। जिला पंचायत सीईओ श्री सच्चिदानंद आलोक ने बताया कि विविध उत्पादों के संबंध में एसएचजी को प्रशिक्षण दिया जा रहा है। गौठान के भीतर मुर्गी शेड आदि के प्रकरण स्वीकृत कर लिये गए हैं। चारागाहों में नैपियर और अन्य उच्च गुणवत्ता के घास रोपना सुनिश्चित कर लें। मछली पालन एवं अन्य गतिविधियों को भी बढ़ावा दें। इस दौरान एसडीएम पाटन विनय पोयाम एवं सीईओ मनीष साहू भी उपस्थित थे।