छत्तीसगढ़

बरसात के मौसम में भी मनरेगा के तहत रोजगार !

 

बरसात के मौसम में भी मनरेगा के तहत रोजगार !

नोवल कोरोना वायरस के संक्रमण के कारण जिले में विभिन्न राज्यों से प्रवासी श्रमिकों के गांव में आने व स्थानीय स्तर पर छोटे-छोटे उद्योग धंधे बंद होने से लोगों को रोजगार मिलना बंद हो गये हैं, ऐसे समय में बरसात के मौसम में भी महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना-दो, के तहत् जरूरतमंद परिवारों को रोजगार उपलब्ध कराया जा रहा है। उनके द्वारा काम की मांग किये जाने पर पौधारोपण, मुर्गी शेड, बकरी शेड, पक्का फर्श निर्माण, पंचायत भवन, धान चबूतरा निर्माण, गौठानों में वर्मी टांका एवं नाडेफ निर्माण, आगंनबाड़ी भवन निर्माण और प्रधानमंत्री आवास निर्माण के तहत् 95 दिवस रोजगार उपलब्ध कराया जा रहा है, इसके साथ ही अन्य हितग्राही मूलक एवं आजीविका मूलक कार्यों में भी जिले में निरंतर रोजगार प्रदाय किये जा रहे हैं। योजनांतर्गत बरसात के मौसम में 3142 लोगों को रोजगार दिया जा रहा है।
कोरोना महामारी काल में जहां जरूरत मंद परिवारों को काम की मांग के आधार पर रोजगार प्रदान किया जा रहा है, वहीं जिले के 3,376 पंजीकृत दिव्यांगजनों को भी मनरेगा के तहत रोजगार प्रदान कर मदद किया जा रहा है। जिला पंचायत के सीईओ डॉ. संजय कन्नौजे ने बताया कि इस वित्तीय वर्ष में अब तक जिले में 2 हजार 108 परिवारों को 100 दिवस कार्य दिया जा चुका है। जिले में वित्तीय वर्ष 2020-21 में दिव्यांगजनों को 22,588 मानव दिवस कार्य दिया जा चुका है, साथ ही जिले में एक वित्तीय वर्ष में गर्भवती माताओं को कम से कम 50 दिवस कार्य करने पर 01 माह का मातृत्व भत्ता 5910 रूपये प्रदान किया जा रहा है। वित्तीय वर्ष 19-20 में जिले के 12 पात्र हितग्राही को 65 हजार 340 रूपये का भुगतान कर लाभाविन्त किया गया है।
इस प्रकार कोरोना महामारी व बरसात के मौसम में भी जरूरतमंद लोगों और दिव्यांगजनों को काम की मांग करने पर निरंतर रोजगार प्रदाय किया जा रहा है, जिससें उन्हें आर्थिक मदद मिल रही है वहीं दूसरी ओर गांव में परिसम्पतियों का निर्माण भी हो रहा है। ग्रामीणों के लिए गौठान और वहां मुर्गी शेड, बकरी शेड के निर्माण से आजीविका के नये आयाम विकसित हो रहे हैं।

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