सहायक अभियंता कार्यालय छग गृह निर्माण मंडल का मामला
सहायक अभियंता कार्यालय छग गृह निर्माण मंडल का मामला
हाउसिंग बोर्ड के एसडीओ और ईई ढकार रहे मेंटनेस की राशि
जांजगीर। सहायक अभियंता छग गृह निर्माण मंडल जांजगीर कार्यालय में आए दिन अफसरों की काली करतूत उजागर होती रहती है। जिसके कारण यह विभाग हमेशा मीडिया की सूर्खियों में छाया रहता है। ऐसा ही एक मामला फिर उजागर हुआ है। जिसने अफसरों की पोल खोल दी है।
पूरा मामला है हाउसिंग बोर्ड हसदेव विहार काॅलोनी का जहां प्रति माह वसूले गए मेंटनेस की राशि का हिसाब बताने में अफसरों का पसीना छूट रहा है। बता दें, जिला पंचायत के सामने हाउसिंग बोर्ड की 471 मकानें बनी हुई है। जिसमें से पांच-छह मकानों को छोड़कर सभी मकानों का हैण्डओवर खरीददारों को कर दिया गया है। वर्तमान में सभी मकानों से मेंटनेस के नाम एसडीओ पीके मिश्रा द्वारा हर महिना 200 रूपए की वसूली करवाई जा रही है। जिससे काॅलोनी में पेयजल,साफ-सफाई , मेंटनेस और नाली की सफाई कार्य कराया जा सके। लेकिन वसूली की राशि को काॅलोनी की मूलभूत सुविधाओं में खर्च करने के बजाय अफसरों द्वारा अपनी जेब में भरा जा रहा है।
अगर मेंटनेस की राशि का सही उपयोग काॅलोनी में होता। तो काॅलोनी का ऐसा हाल-बेहाल नही होता। काॅलोनी की वर्तमान हालात काफी खराब है। कुछ जगहों को छोड़कर पूरी काॅलोनी में साफ-सफाई और नाली जाम की समस्या बनी हुई है। यहां तक पानी की टंकी का नियमित साफ-सफाई नहीं होने के कारण पीने के पानी में किड़े-मकोड़े तक आ रहे है। जबकि इसी कार्यो के मेंटनेस के लिए काॅलोनी वासियों द्वारा प्रति माह दो सौ रूपए का भुगतान हाउसिंग बोर्ड के अफसरों को किया जाता है। लेकिन अफसर इसे अपनी बाहरी कमाई समझ अपनी जेब में भर रहे है। इसके लिए कागजों में फर्जी कार्य भी दर्शाया जा रहा है।
मुख्य कार्यपालन अभियंता एलपी बंजारे और सहायक अभियंता पीके मिश्रा द्वारा मेंटनेस की राशि में खेल खेला जा रहा है। क्योंकि ईई श्री बंजारे भले ही कोरबा में पदस्थ है लेकिन वह रहते है जिला पंचायत के सामने बने हाउसिंग बोर्ड काॅलोनी में इस लिए सहायक अभियंता कार्यालय के हर कार्यो में उनकी सीधी दखल रहती है और अधिकत्तर वह काॅलोनी के आस-पास ही टहलते मिलते है। दोनों अफसरों से मेंटनेस की राशि का हिसाब पूछने पर उनके पास कोई जानकारी नहीं है। तथा एक-दूसरे से जानकारी ले लेने की बात कह रहे है। इससे साफ प्रतित होता है दोनों अफसरों द्वारा मेंटनेस की राशि में बंदरबाट किया जा रहा है और काॅलोनी की वर्तमान हालात भी यही बयां कर रही है। हाउसिंग बोर्ड के उच्चाधिकारियों को मामले में संज्ञान लेकर उचित कार्रवाई करनी चाहिए