भिलाई-चरोदा निगम में नये परिसीमन के बाद भी 8 वार्डों में पुराना जातिगत ही रहेगा आरक्षण
कई वार्डों से दूर नहीं हुई आबादी की विसंगति
शांति पारा वार्ड में सबसे कम तो उरला में सबसे अधिक जनसंख्या
भिलाई। भिलाईतीन-चरोदा नगर निगम में नये परिसीमन के बाद आबादी के लिहाज से उरला सबसे बड़ा तो शांतिपारा वार्ड सबसे छोटा हो गया हैं। इस बार की परिसीमन में आठ वार्डों में पुराना जातिगत आरक्षण ही बने रहने की जानकारी मिली है। इन वार्डों के सीमा में कोई खास परिवर्तन नहीं किया गया है जिसके कारण ऐसी स्थिति है। वहीं शहरी क्षेत्र के कई वार्डों की सीमा में हुए बदलाव के बाद भी आबादी की विसंगति बनी रहने से विवाद की स्थिति उभरने लगी है।
भिलाई-चरोदा नगर निगम के 40 वार्डों का नये सिरे से परिसीमन कर दावा आपत्ति आमंत्रित कर दी गई है। परिसीमन के इस नये प्रस्ताव का जातिगत आरक्षण वाले 8 वार्डों में कोई असर नहीं होने से सामान्य वर्ग के दावेदारों मे निराशा छा गई है। इसमें वार्ड क्रमांक 5 दादर पथर्रा, वार्ड 12 डबरापारा वार्ड 14 नेहरूनगर, वार्ड 31 देवबलोदा शिवमंदिर, वार्ड-33 देवबलोदा सागर पारा, वार्ड 34 जी केबिन चरोदा, वार्ड 35 जी केबिन पीपी यार्ड कालोनी तथा वार्ड 40 गनियारी शामिल है। इसमें वार्ड 12 डबरापारा और वार्ड 14 नेहरूनगर अनुसूचित जनजाति वर्ग के लिए तथा बाकी के छह वार्ड अनुसूचित जाति वर्ग के लिए नगर निगम के पिछले चुनाव के लिए भी आरक्षित रखे गए थे। इस बार भी ये सभी 8 वार्ड अपनी पुरानी आरक्षण के साथ बने रहेंगे।
दरअसल, निगम की कुल आबादी और इसमें अनुसूचित जाति व जनजाति वर्ग के प्रतिशत के आधार पर 40 में से 8 वार्डों को आरक्षित किया जाना जरुरी है। इसमें से दो वार्ड अनुसूचित जनजाति व छह वार्ड अनुसूचित जाति वर्ग के लिए तय है। खास बात है कि नये परिसीमन के बावजूद जातिगत आरक्षण वाले वार्ड 35 जी केबिन पीपी यार्ड कालोनी को छोड़ बाकी के सात वार्डों की सीमा में कोई बदलाव नहीं किया गया है।
नया परिसीमन वर्ष 2011 की जनगणना को आधार मानकर किया गया है। लिहाजा सीमा परिवर्तन नहीं होने से जातिगत आबादी में बदलाव की संभावना क्षीण रह गई। वार्ड 35 से सूरज नगर को अलग करके सिरसाकला बस्ती वार्ड में जोडऩे के बावजूद अनुसूचित जाति वर्ग के आबादी में कोई फर्क नहीं पड़ा है। इस स्थिति में इन सभी 8 वार्डों की स्थिति पुराने परिसीमन के अनुरुप ही जातिगत आरक्षण के साथ बनी रहेगी। इससे इन वार्डों में रहने वाले सामान्य व अन्य पिछड़ा वर्ग से पार्षद पद की दावेदारी करने के इच्छुक लोगों की उम्मीदों को झटका लगा है।
परिसीमन के नियमों के अनुसार प्रत्येक वार्ड की जनसंख्या पूरे निकाय क्षेत्र में लगभग एक समान रहनी चाहिए। छत्तीसगढ़ नगर पालिक निगम अधिनियम 1956 की धारा 10 की उपधारा (3) में इस बात का स्पष्ट उल्लेख है। बावजूद इसके भिलाई-चरोदा निगम के नये परिसीमन में इस नियम की अनदेखी की गई है जिससे कहीं एकदम अधिक तो कहीं बेहद ही कम आबादी रह गई है। खासकर भिलाई-3 व चरोदा शहरी क्षेत्र में भौगोलिक क्षेत्र की बाध्यता नहीं रहने के बावजूद आबादी में नजर आ रही विसंगति से परिसीमन पर विवाद की आशंका उभरने लगी है। कुल 40 में से उरला वार्ड ऐसा है जहां सबसे अधिक 3629 जनसंख्या रखी गई है। जबकि भिलाई-3 के शांतिपारा वार्ड में महज 1147 की जनसंख्या शामिल रहने से विसंगति स्वत: ही स्पष्ट हो रही है।
सभापति जैन ने कहा पार्षदों से भी लेना था सुझाव
निगम सभापति विजय जैन ने कहा कि परिसीमन से पूर्व वर्तमान पार्षदों से सुझाव लिए जाने थे। पार्षदों को वार्डों की भौगोलिक स्थिति की बेहतर जानकारी रहती है। लेकिन अधिकारियों ने अपने कुछ सुपरवायजरों के माध्यम से परिसीमन कर दिया। इसके चलते आबादी के साथ ही भौगोलिक दृष्टि से भी वार्डों का परिसीमन त्रटिपूर्ण हो गया है। इस ओर कलेक्टर व निगम आयुक्त का ध्यानाकर्षण कराया गया है। उम्मीद है जनभावना के अनुरुप परिसीमन को बदला जाएगा।
हर वार्ड में 2450 होनी थी आबादी
भिलाई-चरोदा नगर निगम क्षेत्र की कुल आबादी 98008 है। इस लिहाज से इसे पूरे 40 वार्डों में बराबर-बराबर विभाजित किए जाने से प्रत्येक वार्ड में आबादी का आंकड़ा लगभग 2450 रहता। इसमें 10 से 15 प्रतिशत कम या अधिक किए जाने का प्रावधान है। लेकिन नये परिसीमन में कई वार्डों की आबादी में जमीन आसमान का अंतर भिलाई निगम के जैसा ही दिख रहा है। हालांकि ग्रामीण वार्डों में भौगोलिक दृष्टि से नियम का अक्षरस: पालन संभव नहीं हो सकता था लेकिन शहरी क्षेत्र में आबादी की विसंगति को नये परिसीमन से दूर किया जाना कोई मुश्किल काम नहीं था।
जातिगत आंकड़े पर भी है संदेह
परिसीमन के साथ ही वार्डोंं की कुल जनसंख्या और उसमें अनुसूचित जाति व जनजाति वर्ग की संख्या स्पष्ट करते हुए सूची बनाई गई है। इस सूची के अवलोकन करने से कुछ वार्डों के सम्मुख दर्शाये गये अनुसूचित जाति व जनजति के आंकड़े पर संदेह हो रहा है। वार्ड क्रमांक 15 बजरंग पारा वार्ड में अनुसूचित जाति व जनजाति के आंकड़े पर संदेह हो रहा है। वार्ड क्रमांक 15 बजरंग पारा वार्ड में अनुसूचित जाति 23 तथा अनुसूचित जनजाति की आबादी 26 बताई गई है। जबकि इस वार्ड के उडिय़ा पारा में ही लगभग 35 परिवार ऐसे हैं जो अनुसूचित जाति मे आते हैं। ऐसे में इस वर्ग की आबादी पूरे वार्ड में महज 23 बताया जाना कहीं न कहीं आबादी के आंकड़ों में गड़बड़ी की संभावना को बल दे रहा है।