केशकाल में स्कूल के बाहर चैपाल लगाकर पढाई तुहर दुवार योजना के तहत बच्चों का पढाई प्रारंभ
केशकाल। राज्य परियोजना समग्र शिक्षा विभाग छ.ग. शासन रायपुर के पत्र क्रमांक 465 आदेश दिनांक 02 अगस्त 2020 आदेश के परिपालन में जिला मीशन समन्वयक राजीव गांधी शिक्षा मिशन (सर्व शिक्षा अभियान) कोण्डागांव जिला कोण्डागांव छ.ग. का आदेश क्रमांक 1600 दिनांक 6 अगस्त 2020 के तहत जिला के सर्व विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी एवं खण्ड स्त्रोत समन्वयक को जारी पत्र विषय अंतर्गत पढाई तुहर दुवार के आॅफलाईन माॅडल मोटर सायकल गुरूजी के क्रियान्वयन हेतु प्रारंभिक तैयारी के लिये कोरोना की वजह से हुई स्कूल की तालाबंदी को ध्यान में रखकर बच्चों की पढाई के विभिन्न वैकल्पिक योजनाओं पर कार्य किया जा रहा है। इसी कडी में आकांक्षी जिलों में बच्चों की पढाई की निरंतता को बनाये रखने एवं उनकी उपलब्धी में सुधार हेतु मोटर सायकल गुरूजी के नाम से इस योजना क्रियान्वयन हेतु निम्न तैयारी करके रखने का निर्देश दिया है, जिसमें 1 से लेकर 5 तक दी गई बिन्दुओं में निर्देशित जानकारी के तहत शिक्षकों को क्रियान्वयन जो आस पास के पारा मोहल्ला में जाकर बच्चों को छोटे-छोटे समूहों सीखने में सक्रिय रह सके। प्रत्येक चयनित/इच्छुक शिक्षकों को कुछ पारा/मोहल्ले की जिम्मेदारी देते हुये उनके नाम के साथ पारा/मोहल्ले की सूची तैयार कर पारा के पढने वाले स्कूली बच्चों एवं पालकों को विश्वास मंे लेते हुये मोहल्ला/पारा में स्कूल के बाहर चैपाल लगाकर पढाने का व्यवस्था प्रारंभ करने का निर्देश दिया गया। इसी आदेश निर्देश के तहत दिनांक 7 अगस्त 2020 की सुबह केशकाल के पुराना ब्लाॅक काॅलोनी हर्रापडाव टीन सेड से बना हुआ मंच पर प्राथमिक शाला ब्लाॅक काॅलोनी हर्रापडाव के बच्चों को बिठाल कर कोरोना डिस्टेंन्स का पालन करते हुये स्कूल के शिक्षक शिक्षिकाएं पढाना प्रारंभ किया गया है।
ब्लाॅक हर्रापडाव के प्राथमिक शाला के शिक्षक सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार कोरोना संक्रमण को रोक लगाने हेतु बच्चों को डिस्टेंस का दूरी बनाकर पढाई करने वाले स्थान के बाहर पानी एवं सैनेटाईजर की उपयोग का पालन करते हुये शासन का आदेश निर्देश का पालन करने का जानकारी शिक्षक सूत्रों ने दिया है। सरकार इस प्रयास के बच्चों में एवं पालकों में कितना शिक्षा के प्रति कारगर साबित होगा यह तो राज्य शासन के आदेश के तहत सभी स्कूलों में नियमित रूप से पढाई शुरू होेने के बाद अर्द्धवार्षिक परीक्षा एवं वार्षिक परीक्षा परिणाम आने के बाद ही कोरोना लाॅकडाउन में बंद पडे स्कूलांे के परीक्षा परिणाम से शासन प्रशासन को जानकारी मिलेगा कि राज्य शासन द्वारा शुरू किया गया इस अभियान में स्कूल में पढने वाले बच्चों का भविष्य कितना सफल हुआ।