छत्तीसगढ़

जिले के साढे़ छः हजार शिशुवती माताओं को दी जा रही है स्तनपान की जानकारी

जिले के साढे़ छः हजार शिशुवती माताओं को दी जा रही है स्तनपान की जानकारी
1 से 7 अगस्त तक मनाया जा रहा है विश्व स्तनपान सप्ताह कांकेर आंगनबाड़ी कार्यकताओं के माध्मय से लगभग साढ़े छः हजार शिशुवती माताओं को चित्र एवं परिचर्चा, गृहभेंट और विड़ियों के माध्यम से स्तनपान की जानकारी दी जा रही है। जिला महिला एवं बाल विकास अधिकारी सी.एस. मिश्रा ने जानकारी दी है कि कोविड-19 संक्रमण के दौरान विश्व स्तनपानल सप्ताह मनाया जा रहा है। कोरोना काल की वजह से जिले के सभी आंगनबाड़ी केन्द्र बंद है, इसलिए आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के द्वारा हितग्राहियों को घर-घर जाकर नवजात तथा दो वर्ष तक के शिशुओं का वजन लेकर आवश्यक जांच की जा रही है। आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के द्वारा शिशुवती माताओं को सतत स्तनपान तथा उसका महत्व भी परिचर्चा के माध्यम से दी जा रही है। इस अभियान के तहत शिशुवती माताओं को सुपोषित भोजन जैसे-रोटी, चांवल, दाल, हरी सब्जियां, अंकुरित अनाज, गुड़, रेडी-टू-ईट, अण्डा एवं दूध इत्यादि के नियमित सेवन करने की समझाईश दी जा रही है। नोवल कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए स्वच्छता का विशेष रखने तथा स्तनपान कराने के पूर्व हाथ को साबुन से अच्छी तरह से धोने के लिए भी जागरूक किया जा रहा है। महिलाओं को स्तनपान एवं कार्य को दृढ़तापूर्वक करने के लिए आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के माध्यम से जागरूकता किया जा रहा हैं। कलेक्टर के.एल. चौहान के निर्देशन में गतवर्ष स्तनपान को प्रोत्साहित करने के लिए कलेक्टर परिसर कांकेर और एसडीएम कार्यालय भानुप्रतापपुर में स्तनपान कक्ष का निर्माण भी किया गया है।
जिले के सभी विकासखण्ड में विश्व स्तनपान सप्ताह के अवसर पर छः महिने तक के बच्चों को प्रत्येक दो घण्टे के अंतराल में स्तनपान तथा तीन वर्ष तक के बच्चों को प्रत्येक एक घण्टे के अंदर स्तनपान कराने की जानकारी दी जा रही है। स्तनपान समय पर कराने से बच्चों में रोगो से लडने की क्षमता में वृद्धि होती है, साथ ही कुपोषण दर में कमी लाई जा सकती है। विश्व स्तनपान सप्ताह के अवसर पर जिले के 6 हजार 540 शिशुवती माताओं को स्तनपान कराने की सही जानकारी दी जा रही है।

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