जिला जनसंपर्क कार्यालय नारायणपुर (छत्तीसगढ़) में दशोन्तिन कुमेटी को काबिज भूमि का मिला वन अधिकार का पत्र District Public Relations Office in Narayanpur (Chhattisgarh) Dashontin Kumeti received a letter of forest right for the possession of the land
जिला जनसंपर्क कार्यालय नारायणपुर (छत्तीसगढ़) में
दशोन्तिन कुमेटी को काबिज भूमि का मिला वन अधिकार का पत्र
नारायणपुर 1 अगस्त 2020- मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की मंशानुरूप दूरस्थ अंचलों में अनुसूचित क्षेत्र में निवास करने वाले वनवासियों को चिंता से मुक्ति मिलने लगी है। कई वर्षों से वनों पर काबिज किसानों के वन अधिकार पत्र प्राथमिकता से बनाए जा रहे है। नारायणपुर जिले की पालकी निवासी श्रीमति दशोन्तिन कुमेटी परिवार के साथ खेती बाड़ी करके जीवनयापन करती रही है। छत्तीसगढ़ शासन के द्वारा उन्हें वन अधिकार का पत्र दिया गया है। ग्राम पालकी चारांे ओर से जंगल से घिरे हुआ एक गांव है, जहां वनांे पर आश्रित कई किसान निवास करते है। राज्य शासन के दिशा निर्देश में वनों में निवास करने वाले किसानों एवं अनुसूचित जनजाति के परिवारों को वन अधिकार पत्र दिया गया है।
बातचीत करने पर ग्राम पालकी में रहने वाली श्रीमति दशोन्तिन कुमेटी ने बताया कि वे और उनका परिवार कई वर्षो से इस गांव में निवास करते हैं। लगभग 25 वर्षों से इस भूमि पर खेती-किसानी कर रही है। जब उन्हें पता चला कि सरकार वनभूमि पर काबिज किसानों को उनकी भूमि का अधिकार पत्र दे रही है, तो उसने भी आवेदन दिया था। जिस पर कार्य कार्यवाही कर विभाग द्वारा उन्हें शीघ्र ही काबिज भूमि लगभग 1.50 एकड़ का वन अधिकार पत्र प्रदान किया। उसने बताया कि अन्य कोई कार्य नहीं आने के कारण वह जीविका उपार्जन के लिए खेती-किसाानी का काम करती हैं। श्रीमति दशोन्तिन ने बताया कि आवास योजना के तहत उनके परिवार के लिए पक्का मकान बनाया गया है, जिसमें वह अपने परिवार के साथ रहते हैं। वे बताती हैं कि पहले कच्चे मकान में बारिश के मौसम में असुविधा होती थी एवं मरम्मत कार्य में भी बहुत खर्च होता था, अब पक्का आवास होने के कारण बारिश के दौरान ज्यादा मरम्मत करने की आवश्यकता नही पड़ती। वनाधिकार पत्र मिलने से वे और उनका अब खुश हैं। जिसके लिए मैं और मेरा पूरा परिवार प्रदेश के मुखिया श्री भूपेश बघेल का धन्यवाद देते हैं।