कोरोना काल में आगामी गणेशोत्सव के संबंध में कलेक्टर ने जारी किये दिशा निर्देष
यदि कोई व्यक्ति मुर्ति स्थापना स्थल पर जाने के कारण संक्रमित हो जाता है तो ईलाज का संपूर्ण खर्च मूर्ति स्थापित करने वाले व्यक्ति अथवा समिति द्वारा किया जायेगा
कोण्डागांव। कार्यालय कलेक्टर द्वारा जारी विज्ञाप्ति अनुसार जिले में नोवेल कोरोना वायरस के संक्रमण के नियत्रण एवं रोकथाम को दृिष्टगत रखते हुए आगामी गणेशोत्सव के संदर्भ में विशेष दिशा निर्देश कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी श्री पुष्पेन्द्र कुमार मीणा द्वारा जारी किये गए है चूकिं वर्तमान में जिले में कोरोना पोजिटिव प्रकरणो की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है और त्यौहारी मौसम के मद्दे नजर संक्रमण को रोकने एवं नियत्रण रखने हेतु सभी संबंधित उपाय अमल में लाया जाना उचित एवं आवश्यक हो गया है अतः गणेशोत्सव के आयोजन के बारे में शासन के आदेश पर आवश्यक निर्देश दिये गये है।
इसके अनुसार मुर्ति की ऊचाई एवं चैड़ाई 4×4 फीट से अधिक नही होनी चाहिए एवं मूर्ति स्थापना वाले पंडाल का आकार भी 15×15 फीट से अधिक नहीं होगा इसके अलावा पंडाल के सामने कम से कम 5000 वर्गफीट की खुली जगह की व्यवस्था होनी चाहिए साथ ही इस खुली जगह में कोई भी सड़क अथवा गली का हिस्सा प्रभावित नही होगा। मंडल एवं पंडाल में दर्शको एवं आयोजको के बैठने हेतु कुर्सी नही लगाये जायेगें एवं किसी भी एक समय में मंडप में 20 से अधिक व्यक्तियों की उपस्थिति नहीं होगी।
दर्षनार्थियों के नाम पता एवं मोंबाइल नंम्बर कराने होगें दर्ज
मुर्ति स्थापित करने वाले व्यक्ति अथवा समिति द्वारा एक रजिस्टर संधारित किया जायेगा जिसमें दर्शन हेतु आने वाले भी व्यक्तियों के नाम, पता मोंबाइल नम्बर दर्ज किया जायेगा ताकि उनमें से कोई व्यक्ति कोरोना संक्रमित होने पर कान्टेक्ट ट्रेसिंग किया जा सके। मुर्ति दर्शन एवं पूजा में शामिल होने वाला कोई भी व्यक्ति बिना मास्क के पंडाल में प्रवेश नही करगे साथ मुर्ति स्थापित करने वाले व्यक्ति अथवा समिति द्वारा सैनेटाइजर, थर्मल स्क्रीनिंग, हेडवाश की व्यवस्था की जायेगी एवं फिजिकल डिस्टेसिंग का पालन करते हुए दर्शनार्थियों के आगमन एवं प्रस्थान की पृथक से व्यवस्था बेरिकेटिंग के माध्यम से होगा। यदि कोई व्यक्ति मुर्ति स्थापना स्थल पर जाने के कारण संक्रमित हो जाता है तो ईलाज का संपूर्ण खर्च मूर्ति स्थापित करने वाले व्यक्ति अथवा समिति द्वारा किया जायेगा
पंडालों में भण्डारा, जगराता अथवा सांस्कृतिक कार्यक्रमों की नही होगी अनुमति
जारी निर्देश अनुसार कंटेनमेंट जोन में मूर्ति स्थापना की अनुमति नहीं होगी। यदि पूजा की अवधि के दौरान उपरोक्त क्षेत्र कंटेनमेंट क्षेत्र घोषित हो जाता है तो तत्काल पूजा समाप्त करने होगी मूर्ति स्थापना के दौरान एवं विसर्जन के समय अथवा विसर्जन के पश्चात किसी भी प्रकार के भोज भण्डारा, जगराता, अथवा सांस्कृतिक कार्यक्रमों पर प्रतिबंध रहेगा साथ ही पूजा स्थल में वाद्य यंत्र, ध्वनि विस्तारक यंत्र या डीजे बजाने की अनुमति नही होगी न ही मूर्ति स्थापना एवं विसर्जन के दौरान प्रसाद, चरणामृत या कोई भी खाद्य एवं पेय पदार्थ वितरित होगें। मूर्ति विसर्जन के लिए एक से अधिक वाहन की अनुमति नहीं होगी साथ ही विसर्जन में पिकअप, टाटाएस (छोटा हाथी) से बड़े वाहन का उपयोग प्रतिबंधित होगा एवं इस दौरान वाहन में किसी भी प्रकार के अतिरिक्त साज सज्जा, झांकी की अनुमति नही होगी। विसर्जन के लिए 4 से अधिक व्यक्ति नही जा सकेगें और वे भी मूर्ति के वाहन में ही बैठेगें। विसर्जन के लिए प्रयुक्त वाहन को पंडाल से ले कर विसर्जन स्थल तक रास्ते में कही भी रोकने की अनुमति नही होगी।
सार्वजनिक स्थलो में मूर्ति स्थापना के लिए लेनी होगी अनुमति
यद्यपि घरो में गणेश जी की मूर्ति स्थापित करने को लेकर कोई बंधन नही है परन्तु सार्वजनिक स्थलो में मूर्ति स्थापित करने के लिए कम से कम 7 दिवस पूर्व नगरपालिका/नगरपंचायत/ग्राम पंचायत के संबंधित कार्यालय में निर्धारित शपथ पत्र मय आवेदन देना होगा एवं अनुमति प्राप्त होने के उपरान्त ही मूर्ति स्थापित करने की अनुमति होगी। यह आदेश तत्काल प्रभावशील होगा तथा निर्देश के उल्लंघन करने पर एपीडेमिक डिसीज एक्ट एवं विधि अनुकुल नियमानुसार अन्य धाराओं के तहत कठोर कार्यवाही की जायेगी।