छत्तीसगढ़

न नगाड़े की थाप,न पलाश के फूलों की रंग,परंपराओं को बिसरा रही युवा पीढ़ी

सबका संदेस न्यूज छत्तीसगढ़ सकरी- पहले बसंत पंचमी के बाद गांव-गांव में युवाओं द्वारा नगाड़े की थाप पर फाग गीत गाया जाता था। युवाओं की टोली को नगाड़ा बजाने के लिए होली का इंतजार रहता है। इसी तरह पहले पलाश के फूल टेसू छोटे-छोटे बच्चो एकत्रित कर उससे रंग बनाते थे और होली में उसी रंग का उपयोग करते थे लेकिन अब समय के साथ ग्रामीण क्षेत्र में न नगाड़े की थाप सुनाई देती और न ही टेसू से बनाया रंग ही देखने को मिलता है। अलबत्ता, होली के दिन कई गांवों में औपचारिक रूप से नगाड़ा बजाकर रस्म अदायगी की जाती है।

 

 

 

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