छत्तीसगढ़दुर्ग भिलाई

रेन वाटर हार्वेस्टिंग नही बनाने मकान मालिकों पर भिलाई निगम ने अपनाया कड़ा तेवर

जो नही बनाये हैं उनका एफडीआर होगा राजसात और हर साल लगेगा जुर्माना

भिलाई। लोगों को बारिश का पानी सहेजने के लिए हर साल लगतार जागरूक करने के बाद भी लोगों की उदासीनता को देख कर भिलाई नगर निगम रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम नही बनाने वाले मकान मालिकों पर अब कड़े तेवर अपनाने जा रही है। जो नही बनाये हैं, उनका एफडीआर निगम राजसात करेगी इसलिए जो बनवा लिये हैं वे भी उसका साक्ष्य निगम में 15 दिन के अंदर प्रस्तुत करके अपना एफडीआर वापस ले ले यदि साक्ष्य जमा नही करेंगे तो उनका भी राशि निगम राजसात करेगी। इसके अलावा जब तक रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम नही बनाया जायेगा तो हर साल उनसे जुर्माना वसूला जायेगा। नगर निगम ने इसके लिए बकायदा आम सूचना का विज्ञापन प्रकाशित कर लोगों को सूचना दी है।  इस आम सूचना का मजलूम यही है कि जिन्होंने अपने भवन में रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम का निर्माण करा लिया है वे साक्ष्य सहित एफडीआर वापसी हेतु 15 दिन के भीतर आवेदन प्रस्तुत कर दें, नही तो एफडीआर की राशि को राजसात कर लिया जाएगा। 23 जुलाई 2020 को उपायुक्त नगर निगम भिलाई के द्वारा जारी इस आम सूचना में जिन्होंने रेन वाटर हार्वेस्टिंग का निर्माण नहीं कराया है उन्हें भी 15 दिवस की अवधि में निर्माण कराते हुए निगम के मुख्य कार्यालय स्थित भवन अनुज्ञा शाखा में आवेदन प्रस्तुत करने को कहा गया है। ऐसा नहीं किए जाने की स्थिति में एफडीआर की राशि राजसात करने के साथ ही शासन के नियम अनुसार प्रति 100 वर्ग मीटर भूमि पर 1000 रुपए की दर से पेनाल्टी अधिरोपित किया जाएगा।

गौरतलब रहे कि वर्षा जल को व्यर्थ बहकर शहर से बाहर निकल जाने से रोकने के लिए शासन ने 150 वर्ग मीटर अथवा 1500 वर्गफुट से अधिक के पक्के छत वाले निजी आवासों पर रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम निर्माण किए जाने को अनिवार्य किया है। निगम से भवन अनुज्ञा प्राप्त करने के दौरान रेन वाटर हार्वेस्टिंग निर्माण किए जाने  के विरुद्ध 110 रुपए प्रतिवर्ग मीटर अथवा 11 रुपए प्रति वर्गफुट की दर से एफडीआर के रुप में आवेदन से राशि जमा कराई जाती है। भवन पूर्णता प्रमाण पत्र लेने के दौरान रेनवाटर हार्वेस्टिंग निर्माण का साक्ष्य प्रस्तुत करने पर एफडीआर की राशि आवेदन को निगम लौटा देता है। लेकिन प्राय: देखा जाता है कि अनेक भवन स्वामियों ने न तो रेन वाटर हार्वेस्टिंग का निर्माण कराने और न ही एफडीआर की राशि वापस लेने के प्रति खासा दिलचश्पी रहती है। जबकि एफडीआर के रूप में निगम कोष में जमा राशि से भी कम खर्च पर रेनवाटर हार्वेस्टिंग का निर्माण कराया जा सकता है। लेकिन ज्यादातर लोगों में जागरुकता नहीं होने से आज भी शहर में 1500 वर्गफुट से अधिक के भूखण्ड पर निर्मित अनेक मकानों में रेनवाटर हार्वेस्टिंग का निर्माण नहीं होने से बारिश का पानी सहेजने की कोशिशों को घटका लग रहा है।

गिर रहा है लगातार भूजल स्तर जिससे जल संकट की बनी रहती है स्थिति

यहां पर यह बताना भी लाजिमी होगा कि भूजल का स्तर लगातार गिरता चला जा रहा है। इसके चलते गर्मी के दिनों में शहर के अनेक वार्डों में जलसंकट की स्थिति का सामना करना पड़ता है। लोगों के निजी बोर गर्मी के मौसम में जरुरत के अनुरुप पानी उगलने में दम तोडऩे लगते हैं। इस स्थिति में रेनवाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम कारगर साबित हो सकता है। शासन स्तर पर भी इस दिशा में लगातार योजनाबद्ध तरीके से प्रयास किया जा रहा है। बावजूद इसके लोगों की अपने निजी भवनों में इस सिस्टम को अपनाने के प्रति उदासीनता टूटने का नाम नहीं ले रही है। अब निगम प्रशासन ने 15 दिवस के भीतर रेनवाटर हार्वेस्टिंग निर्माण कराने की चेतावनी देकर फिर एक बार लोगों में प्रेरणा जगाने का काम किया है।

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