छत्तीसगढ़

आईपीएस आत्महत्या मामला चाहे रायपुर का हो, धमतरी का हो या बिलासपुर के आई.पी.एस. राहुल शर्मा का मामला हो लगता है

राहुल शर्मा को भी इंसाफ कब मिलेगा?
प्रदेश में हो रहे अपराधों की जांच करने वाली पुलिस अपने ही आई.पी.एस. अधिकारियों के द्वारा की गई आत्महत्या के कारणों की जांच करवाने में विफल दिखाई दे रही है। सीबीआई से जांच के बाद भी जांच सिफर दिखाई दे रही है। आईपीएस आत्महत्या मामला चाहे रायपुर का हो, धमतरी का हो या बिलासपुर के आई.पी.एस. राहुल शर्मा का मामला हो लगता है आत्महत्या के कारणों की जांच ढंग से नहीं की जा सकी है। जांच हुई भी है तो शायद उस पर स्याह पोतकर उसे ठंडे बस्ते में डाल दिया गया। स्व.श्री शर्मा आत्महत्या मामले में पूर्व की रमन सिंह सरकार ने सीबीआई जांच के आदेश दिए थे और जांच पूरी कर सीबीआई ने क्लोजर रिपोर्ट सीबीआई कोर्ट को सौंप दी थी। उसके बाद इस मामले को क्यों बंद कर दिया गया इस पर संदेह की ऊंगली भी उठी थी। तत्कालिन सरकार पर जांच के लिए दबाव बनाने वाली विपक्षी दल कांग्रेस आज सत्ता में काबिज है इस समय इस आत्महत्या को प्रमुखता से उठाने वाले भूपेश बघेल आज मुख्यमंत्री है तथा रविन्द्र चौबे आज प्रदेश के कैबिनेट मंत्री हैं। आज उम्मीद की जा रही है कि श्री शर्मा के आत्महत्या के रहस्यों की परतों को उधेड़ा जावे ताकि यह समझ तो आए कि श्री शर्मा ने आत्महत्या क्यों की थी? क्या यह वास्तविक में आत्महत्या थी या योजनाबद्ध हत्या।
मुख्यमंत्री से एसआईटी गठित कर पुन: जांच की मांग की जा रही है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार तत्कालीन बिलासपुर पुलिस अधीक्षक राहुल शर्मा ने अपने सुसाईड नोट में अपने वरिष्ठ अधिकारी पर प्रताडऩा का आरोप लगाया था। ज्ञात हो कि उस समय के तत्कालीन वरिष्ठ अधिकारी पुलिस महानिरीक्षक बिलापुर रेंज जी.पी. सिंह थे जिन पर प्रताडऩा का आरोप था। सीबीआई अधिकारियों ने जी.पी. सिंह के खिलाफ विभागीय जांच की अनुशंसा की थी। लेकिन आज तक कोई विभागीय जांच राहुल शर्मा आत्महत्या प्रकरण में श्री सिंह के विरुद्ध नहीं हुई है। हैरानी की बात यह है कि जब एक आईपीएस अधिकारी के आत्महत्या प्रकरण का यह हाल है तो आम आमदी को ऐसी व्यवस्था में न्याय कैसे मिलेगा…..?
मुख्यमंत्री से न्याय की गुहार
वरिष्ठ पत्रकार नारायण लाल शर्मा ने छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को जनहित में जांच की मांग करते हुए एक ज्ञापन सौंपा था जिसमें उन्होंने लिखा था कि आई.पी.एस. राहुल शर्मा आत्महत्या प्रकरण की पुन: जांच के लिए एस.आई.टी. गठित कर जांच की जावे। बिलासपुर जिले में तैनात तत्कालीन पुलिस अधीक्षक राहुल शर्मा ने तत्कालिन पुलिस महानिरीक्षक जी.पी. सिंह और एक उच्च न्यायालय के जज की प्रताडऩा से पीडि़त होकर आत्महत्या कर ली थी। इस प्रकरण की सीबीआई द्वारा जांच भी की गई उस जांच के बाद में सीबीआई ने क्लोजर रिपोर्ट सीबीआई कोर्ट को सौंप भी दी थी। सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार तत्कालीन सीबीआई अधिकारियों ने मोटी रकम देकर मामला क्लोज कर दिया था। तत्कालिन बिलासपुर पुलिस अधीक्षक राहुल शर्मा ने अपने सुसाइड नोट में अपने वरिष्ठ अधिकारी पर प्रताडऩा का आरोप लगाया था ज्ञात हो कि उस समय के तत्कालीन वरिष्ठ अधिकारी पुलिस महानिरीक्षक बिलासपुर रेंज जी.पी.सिंह थे जिन पर प्रताडऩा का आरोप था।
सीबीआई के अधिकारियों ने जी.पी. सिंह के खिलाफ विभागीय जांच की अनुशंसा की थी। परंतु आज तक कोई विभागीय जांच राहुल शर्मा आत्महत्या प्रकरण में जी.पी. सिंह के विरुद्ध नहीं हुई है। एक आई.पी.एस. अधिकारी की आत्महत्या प्रकरण का यह हाल है, तो आम आदमी को क्या इस व्यवस्था में न्याय मिल पायेगा? यह एक गंभीर एवं विचारणीय विषय है
सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार तत्कालीन पुलिस महानिरीक्षक जी.पी. सिंह तत्कालीन पुलिस अधीक्षक राहुल शर्मा के दैनिक कार्यों में अत्यधिक हस्तक्षेप था, जिसके कारण यह घटना घटित हुई थी। इससे स्पष्ट प्रतीत होता है कि राहुल शर्मा को आत्महत्या के लिए उकसाया गया था।
महोदय आप जब प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष थे तब इस प्रकरण की उच्च स्तरीय कमेटी से आपने जांच की मांग की थी लेकिन तत्कालिन भाजपा सरकार ने जी.पी. सिंह के उपर लगें संगीन आरोप पर पर्दा डाल दिया था।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार राहुल शर्मा की पत्नी व उनके पिता आदि परिजनों को डराया धमकाया गया था। इस घटना से डरे हुए राहुल शर्मा के परिजनों ने बाद में कोई आवाज क्यों नहीं उठाई?
ज्ञापन में आगे यह भी कहा गया है कि बिलासपुर जिले में तत्कालीन समय के पदस्थ अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक आर.आई. राहुल शर्मा के सुरक्षा गार्डो, मेस के अर्दलियों, कुक, ड्राईवर, तत्कालिन पुलिस विभाग के जांच अधिकारियों, सीबीआई की तत्कालीन जांच टीम के अधिकारियों का नार्को टेस्ट, लाईव डिटेक्टर टेस्ट करवाया जाना चाहिए। इस बात की भी जांच करवाई जानी चाहिए कि ऐसी क्या मजबूरी थी कि श्री शर्मा की पत्नी और पिता ने क्यों न्यायिक जांच की मांग का उच्च स्तरीय एस.आई.टी कमेटी जांच कराने की मांगे नहीं की?
स्व. राहुल शर्मा के पिता व उनकी पत्नी गायत्री शर्मा का भी नार्को टेस्ट करवाया जाय जिससे इस बात का खुलासा हो सके कि सच्चाई क्या है और ऐसी क्या मजबूरी थी जो ये लोग खामोश हो गए? राहुल शर्मा एक बहादुर पुलिस अफसर थे फिर उनके द्वारा ऐसा कदम उठाया जाना समझ से परे है और जानने वाले व समझने वालो के दिमाग में एक ही प्रश्न आता है की वास्तव में आत्महत्या थी या योजनाबद्ध हत्या।
इस प्रकरण की विस्तृत जांच व वर्तमान पुलिस महानिदेशक जी.पी. सिंह की भूमिका की भी विभागीय जांच होनी चाहिए। जिससे पुलिस अधिकारियों व आम आदमी का मनोबल ऊंचा रहे। न्यायिक व्यवस्था पर आम आदमी का भरोसा बना रहे। ज्ञापन में यह भी उल्लेख किया गया कि मुझे पूरी उम्मीद है कि आप इस प्रकरण की जांच एक एसआईटी की टीम गठित करके करवाएंगे। साथ ही जी.पी. सिंह की विभागीय जांच करवाने की मेहरबानी करेंगे।
पूर्व मुख्यमंत्री डा. रमन सिंह ने दिया था जांच का आदेश
छत्तीसगढ़ सरकार ने भी आईपीएस अधिकारी राहुल शर्मा की कथित आत्महत्या के मामले की सीबीआई जांच के आदेश दे दिए हैं। छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह ने विधानसभा में बिलासपुर के पुलिस अधीक्षक रहे राहुल शर्मा की मौत के मामले में सीबीआई जांच कराने की घोषणा की थी। मुख्यमंत्री ने सदन में कहा, ‘Óअभी तक की जांच में आईपीएस अधिकारी राहुल शर्मा की मौत की वजह आत्महत्या लग रही है। इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना के कारणों और संदर्भों का पता लगाने के लिए समुचित जांच जरूरी होगी।ÓÓ उन्होंने आगे कहा, ‘Óइसी के मद्देनजर हमने राहुल शर्मा की मौत की परिस्थितियों और इसकी वजहों की जांच सीबीआई से कराए जाने का फैसला किया है था इस बाबत औपचारिक कार्रवाई की जा रही है।
इससे पहले, विधानसभा की कार्यवाही शुरू होते ही विपक्ष के सदस्यों ने राहुल शर्मा की मौत के मामले की जांच सीबीआई से कराए जाने की मांग की थी। विधानसभा में विपक्ष के नेता रवींद्र चौबे ने कहा था कि राहुल शर्मा की मौत किस परिस्थिति में हुई, इसका जवाब सरकार को देना होगा। विपक्ष के नेता चौबे ने कहा था कि यह सामने आना चाहिए कि किन कोयला माफियाओं के कहने पर शर्मा पर दबाव डाला जा रहा था।
मेरे पति सिस्टम की भेंट चढ़ गए : जयश्री शर्मा
शर्मा की पत्नी और भारतीय रेलवे में अधिकारी जयश्री शर्मा ने भी सीधा आरोप लगाया, ‘Óमेरे पति ‘सिस्टमÓ की भेंट चढ़ गए।ÓÓ राहुल शर्मा के पिता ने भी इस मामले की जांच सीबीआई से कराए जाने की गुहार लगाई थी।
घटना के बाद जीपी सिंह का तबादला
एस.पी. राहुल शर्मा के आत्महत्या घटनाक्रम के बाद उत्पन्न स्थिति व विपक्ष कांग्रेस पार्टी के दबाव को देखते हुए राज्य शासन ने बिलासपुर पुलिस रेंज के महानिरीक्षक जी.पी. सिंह को हटा दिया। दो महिने पहले ही श्री सिंह को बिलासपुर रेंज का आईजी बनाया गया था। श्री शर्मा की आत्महत्या के बाद कांग्रेस ने जीपी सिंह के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था। राज्य सरकार ने श्री सिंह के स्थान पर अतिरिक्त परिवहन आयुक्त बी.एस. मरावी को बिलासपुर रेंज का पुलिस महानिरीक्षक नियुक्त कर जीपी सिंह को पुलिस मुख्यालय रायपुर पदस्थ किया गया।
अब आगे देखना होगा की वर्तमान की भूपेश सरकार इस गंभीर प्रकरण को कितनी गंभीरता से लेती है और पीडि़तों को न्याय दिलाने में कितनी सफल हो पाती है।

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