छत्तीसगढ़दुर्ग भिलाई

फाइलेरिया से बचाव व उपचार की जानकारी दी गई, Information about prevention and treatment of filaria

मरीजों को जरूरी दवाइयां का वितरण किया गया
दुर्ग / राष्ट्रीय वेक्टर जनित रोग नियंत्रण कार्यक्रम जिला स्तरीय फाइलेरिया नियंत्रण कार्यक्रम के अंतर्गत आज डॉ. सरोश जमिल डब्ल्यूएचओ समन्वयक रायपुर द्वारा दुर्ग के शासकीय जिला अस्पताल परिसर में फाइलेरिया विकृत के बचाव एवं रखरखाव की जानकारी मरीजों को दी गई। जिसके अंतर्गत मरीजों को पैरों की साफ-सफाई का डेमो दिखाया गया। जिले के पुराने फाइलेरिया के मरीजों को घरेलू रोग प्रबंधन की जानकारी दी गई एवं जिला मलेरिया विभाग दुर्ग द्वारा दवाई कीट, डीईसी, एल्बेन्डाजोल व सामग्री जैसे साबुन, कीट, टावेल, लोशन, टब, मग्गा आदि मरीजों को वितरित किया गया। हाइड्रोसील के एक भी नए मरीज नहीं पाए गए । पुराने 196 मरीजों को बुलाया गया था, उनमें से 28 मरीज कैंप में आए व फाइलेरिया के 2 नए मरीज पाए गए। जिले के बीईटीओ, सुपरवाइजर, आरएचओं, स्वास्थ्य संयोजक, लैब टेक्नीशियन आदि को ट्रेनिंग दिया गया। जिससे कि मरीजों को भी फिल्ड में हाथी पाव से बचाव की जानकारी दे सके। डॉ सरोश जमिल डब्ल्यूएचओ समन्वयक रायपुर द्वारा बताया गया कि फाइलेरिया हाथी पाव बीमारी का संक्रमण आमतौर पर बचपन होता है और यहां क्यूलेक्स मच्छर के काटने से होता है लेकिन लक्षण सात-आठ वर्ष बाद दिखाई देते हैं। अगर समय रहते फाइलेरिया का इलाज नहीं किया गया तो यहां लाइलाज बीमारी में बदल जाता है। इसलिए डीईसी/ एल्बेन्डाजोल की दवाई का सेवन वर्ष में एक बार जरूर करें। साथ ही सातवें स्टेज के मरीजों को विकलांग प्रमाण पत्र समाज एवं कल्याण विभाग से जिला मेडिकल बोर्ड द्वारा प्रदान किया जाना सुनिश्चित किया गया। हाथी पांव से बचाव के उपाय – अपने पैर को साबुन और साफ पानी से रोज धोइये, एक साफ व मुलायम कपड़े से अपने पैर को पोंछिए, जितना हो सके अपने पैर को आरामदायक स्थिति में उठाए रखें, जितना हो सके व्यायाम करें, सोते समय पैर को तकिए के ऊपर उठाकर रखें, प्रति 6 माह में डीईसी एवं एल्बेंडाजोल की दवाई उम्रवार चिकित्सक के परामर्श के अनुसार ले, सोते समय मच्छरदानी का उपयोग करें,। कार्यक्रम में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. गंभीर सिंह ठाकुर जिला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. सतीश मेश्राम, सिविल सर्जन डॉ. पी बालकिशोर, जिला मलेरिया अधिकारी डॉ. सीबीएस बंजारे, डर्मेओलाजिस्ट डॉ. मोनिका जैन जिले के समस्त सभी बीईटीओ, समस्त पर्यवेक्षक प्रभारी मलेरिया निरीक्षक  कमल तिवारी, तकनीकी पर्यवेक्षक  लकी दुबे,  समरेश पटेरिया बीईटीओ सैयद असलम आदि उपस्थित थे।

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