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एमएसएमई उद्योगों के लिए वर्ष 2020 को विश्व आपदा वर्ष घोषित किया जाए-के के झा

उद्योग पूरी गति पकड़ सकें इसके लिए 20 प्रतिशत कोविड-19 लोन और दिए जाने की मांग

भिलाई। एमएसएमई  उद्योग संघ के अध्यक्ष के.के.झा ने केंद्र सरकार से वर्ष 2020 को कोविड-19 वर्ष घोषित करने की मांग की है. साथ ही इस वर्ष को विश्व आपदा वर्ष के रूप में मनाये जाने की बात कही है. उन्होंने कहा है कि एमएसएमई उद्योग अपनी पूरी गति से काम कर सके इसके लिए एमएसएमई उद्योगों को 20 प्रतिशत कोविड-19 लोन (जीईसीएल)और दिया जाए तथा दिसंबर माह तक मोनिटेरियम बढ़ा दिया जाए। जिससे उद्योग संचालकों को राहत मिल सके।

झा ने कहा है कि, लॉकडाउन के चलते पिछले तीन-चार माह से एमएसएमई उद्योगों का काम पूरी गति नहीं पकड़ पा रहा है। पूर्व में केंद्र सरकार ने एमएसएमई उद्योगों के लिए 30 प्रतिशत कोविड-19 लोन देकर सहायता की है। इससे अधिकांश उद्योग 50 प्रतिशत अपनी गति पकड़ चुके हैं। लेकिन अतिरिक्त सहायता न मिलने से यह गति फिर धीमी न पड़ जाए तथा शेयर मार्केट की तरह यह कहीं लुढ़क न जाए। इसके लिए जरूरी है कि 20 प्रतिशत कोविड-19 लोन, गवर्नमेंट एमरजेंसी क्रेडिट लोन दिया जाए तथा मोनिटेरियम पीरियड बढ़ा दिया जाए। इसके मिलने से उद्योग अपनी पूरी क्षमता से काम शुरू कर सकेंगे।

झा ने आगे कहा कि, वर्तमान में एक बार फिर छत्तीसगढ़ प्रदेश में पूर्ण रूप से लॉक डाउन की स्थिति है। इसी तरह कभी किसी राज्य में, कभी किसी प्रदेश में लॉकडाउन लगा दिया जा रहा है। इससे उद्योगों का काम प्रभावित हो रहा है। उद्योग संचालकों के साथ-साथ यहां कार्यरत श्रमिक अपने आप को असुरक्षित महसूस कर रहे हैं। झा ने कहा है कि, कोई उद्योग माल बना भी रहा है तो उसके पेमेंट आएगा या नहीं, इसकी अनिश्चितता बनी हुई है। इसलिए उद्योगपति माल बनाने में डर रहे हैं। कहीं ट्रांसपोर्ट बंद है तो कहीं छोटी गलियों में वाहन नहीं जा पा रहे हैं। इसके कारण दुविधा की स्थिति बनी हुई है। उद्योग संचालकों ने माल बना कर रखा है लेकिन वे उसकी डिलीवरी नहीं कर पा रहे हैं।

उन्होने केंद्र शासन से 30 प्रतिशत कोविड-19 लोन मिलने के बाद एमएसएमई उद्योगों का प्रोडक्शन कुछ बढ़ा है। लेबर भी वापस आ गए हैं। काम में गति आने लगी है, लेकिन इस गति को बनाए रखने के लिए अभी और आर्थिक मदद की जरूरत है। उन्होंने कहा कि हमारे प्रधानमंत्री ने जिस आत्मनिर्भरता की बात की है उसे उद्योग संचालकों ने गंभीरता से लिया है। जिसके चलते अपने उद्योगों में नए कलपुर्जे व नई तकनीक का प्रयोग कर रहे हैं। जिसके कारण कोविड-19 लोन का अधिकांश पैसा उसमें ही खर्च हो रहा है। ऐसी स्थिति में उनकी आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं है।

झा ने बताया कि, उन्होंने प्रधानमंत्री, वित्त मंत्री, उद्योग मंत्री को पत्र लिखकर एमएसएमई उद्योगों की स्थिति से अवगत कराया है तथा उनके समक्ष अपनी मांगें रखी हैं। उन्होंने बताया कि पिछले माह इस्पात राज्यमंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते से जब उनकी दूरभाष पर चर्चा हुई थी तब मंत्री को इन सभी बातों से अवगत कराया गया था। यदि यह सहायता मिल जाए तो न केवल एमएसएमई उद्योग बल्कि वे सारे ट्रेड जो प्रभावित हो रहे हैं सभी को इसका लाभ मिलेगा।

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