छत्तीसगढ़दुर्ग भिलाई

भिलाई इस्पात संयंत्र की नब्ज है, इंन्टीग्रेटेड कंट्रोल सिस्टम

भिलाई। भिलाई इस्पात संयंत्र की नब्ज के रूप में काम करने वाला विभाग है, इन्टीग्रेटेड कंट्रोल सिस्टमजिसे हम इंकास विभाग के नाम से जानते हैं। इस विभाग का प्रमुख कार्य है फाइबर ऑप्टिक डेटा नेटवर्क का रखरखाव, पीएलसी आधारित सिस्टम का मेंटेनेंस, हॉट शॉप्स व मिल्स में प्रोसेस ऑटोमेशन को चलाने हेतु पीएलसी स्पेयर्स की खरीदी, विभिन्न ब्रेकडाउन्स का निराकरण आदि।

इंकास की शुरुआत वर्ष 1986 में हुई। यह विभाग हमारे संयंत्र में प्लांट स्वचालन और कम्प्यूटरीकरण तथा डेटा संचार के क्षेत्र में प्रमुख भूमिका निभा रहा है। 1986 से पहले, संयंत्र में अधिकांश उपकरण कंप्यूटर संगत नहीं थे। परन्तु संयंत्र के ऑटोमेशन के लिए कंप्यूटर संगत प्रक्रिया को लागू करना इसकी पहली आवश्यकता थी। इसलिए विभाग के लिए पहला काम कंप्यूटर संगत प्रक्रिया संकेतों को प्राप्त करने के लिए उचित उपायों की पहचान कर इसे प्राप्त करना था। इस जरूरत को विभाग ने इंस्ट्रूमेंटेशन विभाग और प्रोडक्शन शॉप्स के सक्रिय सहयोग के साथ पूरा किया। यह स्वचालन की दिशा में पहला कदम था।

महाप्रबंधक प्रभारी इंकास के शंकरसुब्रमण्यन ने स्टील प्लांट के क्रमिक ऑटोमेशन की प्रक्रिया को समझाते हुए बताया कि हमारे संयंत्र में 5 अलग-अलग स्तर के ऑटोमेशन सिस्टम लगे हुए हैं। लेवल-0 में सेंसरों और माप उपकरणों का उपयोग किया गया है, लेवल-1 क्षेत्र विशेष में स्थानीय स्तर पर प्रक्रिया नियंत्रण प्रणाली का उपयोग किया जा रहा है, लेवल-2 में शॉप लेवल ऑटोमेशन शामिल है, लेवल-03 के तहत केंद्रीय निगरानी प्रणाली और प्रबंधन सूचना प्रणाली लगाई गई है, लेवल-04 में ईआरपी/एमईएस के माध्यम से व्यापारिक लेनदेन के लिए ऑटोमेशन किया गया है। उन्होंने आगे कहा कि इंकास का गठन विभिन्न उत्पादन और सेवा इकाइयों में स्वचालन प्रणाली की पहचान, अवधारणा और कार्यान्वयन के लिए किया गया था और यह उनकी सुचारू कार्यप्रणाली को सुनिश्चित करता है।

इंकास विभाग का कार्यक्षेत्र प्लांट, माइंस तथा अस्पताल से लेकर टाउनशिप क्षेत्र में फैला हुआ है। प्लांट के भीतर के क्षेत्र को 5 जोन में विभाजित किया गया है-आयरन जोन, स्टील जोन, मिल्स जोन, एनर्जी मैनेजमेंट जोन और नेटवर्किंग ग्रुप। विभाग का सम्पर्क अपने फाइब्रो ऑप्टिक नेटवर्क के माध्यम से संयंत्र के प्रत्येक क्षेत्र के कोने-कोने में है। इसके अलावा, इंकास विभाग संयंत्र की नई परियोजनाओं के तहत लगे विभिन्न विभागों जैसे यूआरएम, ब्लास्ट फर्नेस-8, कोक ओवन बैटरी-11 एवं एसएमएस-3 में अत्याधुनिक ऑटोमेशन की अवधारणा, सिस्टम को बनाए रखने, डेटा साझा करने के लिए नेटवर्क कनेक्शन, उत्पादों के डिस्पैच तथा ब्रेकडाउन्स के समाधान हेतु अपनी भूमिका का बखूबी निर्वहन कर रहा है।

इंकास विभाग के महाप्रबंधक एम पी सिंह ने बताया कि प्लांट और टाउनशिप क्षेत्र में व्यवसाय और प्रक्रिया अनुप्रयोगों को चलाने के लिए, 2 कोर स्विच, 15 एरिया स्विच/राउटर्स, 4 एग्रेगेशन स्विच और 500 से अधिक एज स्विच लगाए गए हैं। साथ ही संचार व्यवस्था को सुचारू रूप से चलाने हेतु एक प्रतिबद्ध सर्वर सिस्टम को मेंटेन किया जाता है जिसके माध्यम से संचार की आवश्यकता को बनाए रखने के लिए ईमेल, इंटरनेट प्रॉक्सी और एंटीवायरस जैसी इन्फ्रास्ट्रक्चर सेवाएँ प्रदान की जाती हैं। लगभग 500 किमी फाइबर ऑप्टिक नेटवर्क के माध्यम से संयंत्र के लगभग 6000 उपयोगकर्ताओं तथा टाउनशिप के 750 उपयोगकर्ताओं को जोड़ा गया है। वे आगे कहते हैं कि ईआरपी के माध्यम से डेटा साझा करना, सेल नेट के माध्यम से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग सुविधा, प्लांट के अंदर उपकरणों से डेटा कैप्चर करने और डेटा की उपलब्धता सुनिश्चित करने के बाद केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को सांविधिक प्रदूषण उत्सर्जन संबंधित पर्यावरण डेटा उपलब्ध कराया जाता है। विभाग द्वारा संयंत्र के उत्पादन गतिविधियों को सक्षम और सुचारू बनाए रखने पर विशेष ध्यान केंद्रित किया जाता है।  वर्ष 2013 से इंकास में कार्यरत् ओसीटी श्री कुंचे साई किरण का कहना है कि उन्हें खुशी है कि उन्हें आयरन जोन में प्रोसेस ऑटोमेशन कार्य को संपादित करने का मौका मिला है। जिसके तहत सॉफ्टवेयर्स व पीएलसी प्रोग्रामिंग को अपडेट करने से लेकर वर्चुअल सर्वर की उपलब्धता सुनिश्चित करने के साथ-साथ एचएमआई क्लाइंट के माध्यम से नेटवर्किंग को सक्षम बनाने में अपना योगदान दे रहे हैं। उन्हें गर्व है कि एसपी-3, कोक ओवन बैटरी-11, ब्लास्ट फर्नेस-8 और ओएचपी-बी में मॉडेक्स परियोजनाओं की कमीशनिंग में सहयोग प्रदान किया है।

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