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नगर पालिका ठेकेदार ने सीएमओ पर निविदा फार्म के बदले पैसे की मांग का लगाया आरोप, विधायक ने पत्रकारों से की बदसलूकी, काले कारनामों को छुपाने के लिए मीडिया से बना रहे दूरी

नगर पालिका ठेकेदार ने सीएमओ पर निविदा फार्म के बदले पैसे की मांग का लगाया आरोप, विधायक ने पत्रकारों से की बदसलूकी, काले कारनामों को छुपाने के लिए मीडिया से बना रहे दूरी देवेन्द्र गोरले- पार्ट – 14

डोंगरगढ- पत्रकार सुरक्षा कानून की घोषणा के बल पर सरकार बनाने वाली कांग्रेस पार्टी ही आज पत्रकारों की ही सबसे बड़ी दुश्मन बन गई है आय दिन पत्रकारों को झूठे आरोपों में फंसाने, जान से मारने की धमकी, पत्रकारों से अभद्र व्यवहार आम बात हो गई है। देश का चौथा स्तंभ कहे जाने वाले पत्रकारों की जड़ो को खोखला करने का प्रयास कांग्रेस पार्टी के नेता व पार्टी का सरंक्षण प्राप्त अधिकारी कर रहे हैं। हम बात कर रहे हैं छत्तीसगढ़ प्रदेश की आराध्य नगरी कहलाने वाली डोंगरगढ नगर की जहां पर ना सिर्फ राजनीतिक सरंक्षण प्राप्त अधिकारी बल्कि खुद विधायक भी पत्रकारों के दुश्मन बने बैठे हैं। लगातार विधायक भुनेश्वर बघेल व मुख्य नगर पालिका अधिकारी हेमशंकर देशलहरा के द्वारा पत्रकारों से अभद्र व्यवहार एवं उन्हें नीचा दिखाने का प्रयास किया जा रहा है। कुछ ऐसा ही आज विधायक निवास में हुआ जहां पर ठेकेदारों के द्वारा नगर पालिका से सम्बंधित समस्या का ज्ञापन सौपने के दौरान मीडिया को कैमरा बंद करने एवं बाहर जाने की बात कही गई। ऐसा पहली बार नहीं हुआ है इसके पूर्व भी 9 जुलाई को नगर पालिका में आयोजित परिषद की बैठक में भी मीडिया को बैठक को कवरेज करने से मना करते हुए बाहर जाने के लिए कहा गया, सीएमओ के द्वारा महिला पत्रकार से अभद्र व्यवहार किया गया साथ ही पत्रकार प्रकाश शर्मा के साथ भी दुर्व्यवहार किया गया और झूठे आरोप लगाते हुए उनके खिलाफ थाने में मामला दर्ज करवाया गया और विधायक का सरंक्षण होने के कारण पुलिस ने भी अब तक इस मामले में कोई कार्यवाही नहीं की जो कहीं ना कहीं विधायक भुनेश्वर बघेल एवं मुख्य नगर पालिका अधिकारी के मंसूबो को बयां करते हैं। कि यह डोंगरगढ में अपने मन मुताबिक कार्य करवाना चाहते हैं और कमीशन के चक्कर में किसी भी हद तक जा सकते हैं फिर चाहे वह कार्य नियम के अंदर हो या नियम विपरीत कोई फर्क नहीं पड़ता इसलिए मीडिया से दूरी बनाये रखना चाहते हैं।

क्या है मामला- हुआ यह कि विधायक निधि, पार्षद निधि व अन्य निधि से 59 लाख 54 हजार रुपये की लागत की 25 जून की तारीख में 9 निर्माण कार्यो की निविदा प्रकाशन की गई थी जिसका टैंडर फार्म लेने की आज आखिरी तिथि थी यह निविदा 25 जुलाई को निविदा खोली जानी है जिसमें सीएमओ हॉउस में पूर्व से पूर्ण हो चुका नाली निर्माण कार्य भी शामिल हैं जिसकी खबर हमनें एक माह पूर्व ही प्रकाशित कर दी थी लेकिन नगर पालिका डोंगरगढ द्वारा अपने चुनिंदा ठेकेदार को ही टेण्डर फार्म दिए जाने के कारण बाकी ठेकेदार ने जब टेंडर फार्म देने आग्रह किया तो सीएमओ हेमशंकर देशलहरा व इंजीनियर विजय मेहरा वहां से एक एक कर बिना फार्म दिए चलते बने जिसको लेकर ठेकेदारों में आक्रोश का माहौल बन गया इस बीच एक ठेकेदार विजय अग्रवाल ने दीवाल में सर पटका और चक्कर खाकर गिर गए। जब ठेकेदारों के साथ विवाद हो रहा था तो सीएमओ व इंजीनियर दोंनो पालिका से निकलकर सीधे विधायक निवास चले गए जो इस और इशारा करता है कि यह सब कुछ जो हो रहा था उसका कंट्रोल रूम विधायक निवास है। सीएमओ ने ही इंजीनियर विजय मेहरा को भी विधायक निवास में बुला लिया और वही से थाने में फोन करके पुलिस को नगर पालिका में मामला शांत करवाने भेजा।

नायब तहसीलदार को सौंपा ज्ञापन- नगर पालिका में बढ़े तनाव के बाद एक-एक करके सभी अधिकारी कर्मचारी शाम 5 बजे के बाद घर चले गए पर ठेकेदार विजय अग्रवाल को निविदा फार्म नहीं दिया गया जिसके बाद कुछ ठेकेदारों ने एसडीएम की अनुपस्थिति में नायब तहसीलदार प्रीति लारोकर को ज्ञापन सौंपा और ज्ञापन के माध्यम से टैंडर को निरस्त करने की मांग की गई। इसके बाद सभी विधायक निवास पहुंचे जहां पर पत्रकारों के साथ बदसलूकी करने के बाद ठेकेदार बिना बातचीत के ही लौट गये और सीएमओ के विधायक निवास से बाहर निकलने के बाद ठेकेदार ने सीएमओ को खरी खोटी सुनाई।

ठेकेदार ने सीएमओ पर पैसे मांगने के लगाए आरोप- ठेकेदार विजय अग्रवाल ने मीडिया से बातचीत करते हुए बताया कि उन्होंने निविदा फार्म लेने के लिए नगर पालिका से 200 रुपये की रसीद कटवाई थी लेकिन उसके बाद भी उन्हें निविदा के फार्म नहीं दिए गए पहले तो सीएमओ देशलहरा के द्वारा 2 हजार रुपए का नास्ते का बिल भरने की बात कही, फिर 10 हजार रुपए की मांग की और कहा कि ऊपर देना पड़ता है, कभी कहा नवाज खान से बात कर लो जबकि सूत्रों के अनुसार इस मामले से उनका कोई लेना देना नहीं है फिर सीएमओ ने किसके कहने पर उनका नाम लिया इस बात का खुलासा भी बाद में हो सकता है, कभी इंजीनियर से बात कर लो इस तरह नये-नये तरीको से ऊपर से नीचे नीचे से ऊपर पालिका भवन में घुमाते रहे लेकिन टैंडर फार्म नहीं दिया गया। उन्होंने कहा यदि उन्हें टैंडर फार्म नहीं दिया गया तो वे नगर पालिका भवन में ही आत्मदाह कर लेंगे जिसकी सम्पूर्ण जवाबदेही सीएमओ व इंजीनियर की होगी।

नेता प्रतिपक्ष ने कहा- जब नगर पालिका में माहौल बिगड़ा तो नेता प्रतिपक्ष अमित छाबड़ा भी मौके पर पहुंचे और ठेकेदार को समझाइश देते हुए ज्ञापन सौंपने की सलाह दी और सभी ठेकेदारों को लेकर तहसील कार्यालय पहुंचे जहां पर उन्होंने ज्ञापन दिया। इस दौरान नेता प्रतिपक्ष के अलावा ठेकेदार विजय अग्रवाल, आशीष अग्रवाल, सूरज साहू , हरीश मोटघरे, डी के एस राव, केशव नरेडी सहित अन्य उपस्थित थे।

अमित छाबड़ा ने मीडिया से बातचीत करते हुए बताया कि इस आशय की शिकायत उन्होंने सांसद सन्तोष पांडे से दूरभाष के माध्यम से कर दी ही उन्होंने उचित कार्यवाही का आश्वासन दिया है। निविदा प्रकिया नियमतः होनी चाहिए घर बैठे अपने चहेते को टैंडर फार्म देना नियम विरुद्ध है इसकी उच्च जांच होनी चाहिए।

कुल मिलाकर अब डोंगरगढ में पत्रकार सुरक्षित नहीं है इन नेताओं व अधिकारियों के गुर्गे कभी भी

 

 

पत्रकारों के खिलाफ बड़ा षड्यंत्र रच सकते हैं, अपने अधिकारों का दुरुपयोग कर किसी भी झूठे आरोप में फंसा सकते हैं इसलिए जल्द ही शासन ने इस ओर ध्यान नहीं दिया तो स्थिति बिगड़ सकती है, उग्र आंदोलन या धरना प्रदर्शन की भी सम्भावना है।

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