छत्तीसगढ़दुर्ग भिलाई

प्लांट गैरेज ने इन-हाउस रिवैम्पिंग कर कई क्रिटिकल उपकरणों को बनाया उपयोगी

ईडी वक्र्स बी पी सिंह ने किया उद्घाटन

भिलाई। भिलाई इस्पात संयंत्र के एसएमएस-2 और एसएमएस-3 द्वारा स्टील निर्माण की प्रक्रिया की सहयोगी गतिविधियों के लिए ट्रैक टाइप लोडर सीएटी-953 डी का उपयोग चैबीसों घंटे (24 बाई 7) किया जाता है। यह उपकरण निर्धारित सीमित समय के भीतर प्रत्येक हीट टैपिंग साइकल के पूर्ण होने के पश्चात् कन्वर्टर्स के नीचे बने क्षेत्र को तैयार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इस प्रकार इस उपकरण के इस्तेमाल से प्रत्येक चक्र के बाद उत्पादन प्रक्रिया को निरंतर जारी रखने में सहयोग प्रदान करते हुए सक्षम बनाता है। इस उपकरण का उपयोग इस्पात संयंत्र के हॉट और चुनौतीपूर्ण वातावरण में कार्य संपादित करने हेतु किया जाता है। यह उपकरण मूल रूप से  आयातित है, जो कैटरपिलर फ्रांस में निर्मित है और इसमें उन्नत इलेक्ट्रॉनिक्स, आनुपातिक रूप से नियंत्रित वायरलेस कनेक्टेड सोलोनॉइड आधारित सेंट्रली नियंत्रित सीपीयू सिस्टम है, जो इंजन और हाइड्रोलिक सिस्टम के कार्यान्वयन के प्रचालन नियंत्रण और निगरानी के लिए दिए गए है ।

इसी तरह के ट्रैक लोडर बीएसपी नम्बर-714 जो कि एसएमएस-3 में काम करते समय इसके  डीजल टैंक में आग लगने के कारण इसके विभिन्न तार और नियंत्रण प्रणाली क्षतिग्रस्त हो गई थी, जिसके कारण इसे चलाना संभव नहीं था। यह मशीन नॉन-आपरेशनल हो चुकी थी। इस उपकरण के डीजल टैंक को केबिन के नीचे रखा गया है और इसकी डिजाइन बेहद विषम आकार व साइज का होने के कारण उपलब्ध स्थान में फिट करना अत्यधिक दुष्कर कार्य था। क्षतिग्रस्त पूर्जों की अनुपलब्धता और उपकरण प्रणालियों की जटिलता को ध्यान में रखते हुए इसका रिपेयर मशीन के अधिकृत निर्माता/एजेंसी द्वारा कराने हेतु योजना बनाई गई। जिसकी अनुमानित लागत 35 लाख रुपये थी। प्लांट की जरूरत को ध्यान में रखते हुए, प्लांट गैरेज के प्रबंधक ललित यादव, चार्जमैन, एस के गुप्ता, सीनियर तकनीशियन एस वी एन त्रिपाठी, बीरेश्वर मंडल, अजय धुर्वे  तकनीशियन दीपक पंडित ने इस क्रिटिकल इक्यूपमेंट का मरम्मत इन-हाउस करने का बीड़ा उठाया।

इसी तरह बीईएमएल निर्मित मिनी एक्सकेवेटर्स बीएसपी नम्बर-339 के अंडर-कैरिज और स्विंग सिस्टम में लगातार आ रही समस्याओं के चलते इसकी उपलब्धता निरंतर बाधित हो रही थी। इस उपकरण की उपलब्धता सुनिश्चित करने हेतु प्लांट गैरेज की टीम ने कमर कसी। इस लॉकडाउन अवधि में ही इसे सुधारने का संकल्प लिया। इसे सुधारने हेतु प्लांट गैरेज के वरिष्ठ तकनीशियन अनिल हेडाऊ, बैसाख राम, एस भार्गव, शिवराम सिंह तथा तकनीशियन बाबू राव ने इस कार्य को अपने हाथों में लिया। इस टीम ने मिलकर आंतरिक संसाधनों का उपयोग करते हुए इस उपकरण के विभिन्न कलपुर्जों का निर्माण व हाइड्रोलिक सिस्टम की मरम्मत व अन्य रिपेयर कार्यों को संपादित करते हुए इसे नया स्वरूप प्रदान किया। इस प्रकार मिनी एक्सकेवेटर्स को ब्लास्ट फर्नेस के उत्पादन हेतु उपयोगी बनाया गया और इसकी विश्वसनीयता भी बढ़ी। आंतरिक संसाधनों से रिपेयर के चलते बहुमूल्य मुद्रा की बचत हुई। इसके अतिरिक्त ब्लास्ट फर्नेस के उत्पादन को सुचारू बनाने में भी मदद मिली।

आंतरिक संसाधनों से रिपेयर किए गए इन क्रिटिकल इक्वीपमेंट्स का उद्घाटन गत दिवस संयंत्र के कार्यपालक निदेशक वक्र्स बी पी सिंह ने किया। इस अवसर पर संयंत्र के कार्यपालक निदेशक (वक्र्स) बी पी सिंह ने प्लांट गैरेज टीम को इस महत्वपूर्ण उपलब्धि के लिए बधाई दी और उत्पादन के सुचारू संचालन में उनके द्वारा दिए गए योगदान को सराहा।

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