महिला पार्षद को आंटी कहने पर सभापति पर बिफरे पार्षद
महापौर ने संभाला मामला और कराया माहौल शांत
भिलाई निगम के सामान्य सभा में एलईडी और पेयजल को लेकर गरमाया रहा सदन
कोसा नाला विकास के प्रस्ताव को बहुमत से गिरा या विपक्ष ने
भिलाई। पिछले दस जुलाई को नगर निगम में होने वाली सामान्य सभा निगम के नेता प्रतिपक्ष के कोरोना पॉजेटिव होने की आशंका के कारण निरस्त होने के बाद आज नगर निगम भिलाई की सामान्य सभा हुई। सामान्य सभा शुरू होते ही सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच जमकर काफी देर तक तीखी नोकझोंक होता रहा। विपक्ष के सीनियर पार्षद वशिष्ठ नारायण मिश्रा ने सर्वप्रथम पानी का मुद्दा उठाते हुए सभापति से पूछा कि 90 प्रतिशत पानी दुर्ग ग्रामीण को मिलेगा और 10 परसेंट भिलाई नगर निगम क्षेत्र के रहवासियों को मिलेगा । इस संबंध में प्रशासनिक पत्राचार आखिरकार क्यों नहीं हुआ, कहां कमी रह गई इसका जवाब सत्ता पक्ष व निगम के अफसर दें. क्योंकि परिसीमन होने के बाद रिसाली नया नगर निगम बन गया, भिलाई नगर निगम उसे पहले भी सहयोग करता था और आगे भी करेगा। युवा पार्षद पियुष मिश्रा ने 9000 एलईडी लाइट कहां कहां लगी कौन सी एजेंसी थी मामले की जांच करने की मांग की है साथ ही अर्चना जैन की बनी कंपलेक्स की उच्च स्तरीय जांच की मांग राज्य सरकार से की है। समान्य सभा में वशिष्ठ नारायण मिश्रा ने आगे कहा कि यहां पूरा देश कोविड-19 से लड़ रहा है और चिंता कर रहा है लेकिन राज्य सरकार नरवा गरवा घुरवा बाड़ी के कामों में ही मस्त और व्यस्त हैं. उन्हें लोगों के अनाज की चिंता नहीं है उन्होंने गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि 56 करोड़ की राशि बिना सामान्य सभा के अनुमति से ठेकेदारों को भुगतान कर दी गई है. जिन लोगों ने निगम क्षेत्र में जमीन लिया पर बनवाया नहीं है ऐसे कई लोगों ने लगभग 4 करोड रुपए निगम के खाते में जमा कराएं हैं. खाली पड़े 253 प्रकरण पर आज तक कोई कार्यवाही नहीं हुई। वहीं पानी के मामले में अब तक हर वर्ष निगम टैंकर व ट्रक के माध्यम से पानी की सप्लाई करते आ रहा है. पार्षद छोटे लाल चौधरी जो कि एक व्यापारी भी है उन्होंने अपने स्वयं के व्यय 7 से 8 लाख क्षेत्र की जनता के लिए अब तक इतने सालों से अपने खर्चों पर जनता को पानी पिलाने का दायित्व उठाया. लेकिन खुर्सीपार के पार्षद अनिल सिंह व अन्य पार्षद कहां से पानी की व्यवस्था कर पाएंगे, बीएसपी क्षेत्र में पाइप लाइन बिछाने की आखिरकार क्या जरूरत थी और किसके परमिशन से पाइपलाइन बिछाया गया. जबकि बीएसपी के रहवासी आज भी बदबूदार और गंदा पानी पीने के लिए मजबूर है। टाउनशिप के कई सेक्टरों में सेक्टर आज उजाड़ हो चुके हैं उनके सिवरेज और पाइपलाइन के मामलों में निगम और बीएसपी के अफसरों की क्या रणनीति है उसे भी स्पष्ट किया जाये। कोई भी फिल्टर प्लांट चलाना इतना आसान काम नहीं है उसके लिए संचालन व संधारण की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। नीला पीला हरा रंग का पाइप जो बिछाया जा रहा है वह अमरावती की कंपनी को काम देने के लिए किया गया था लेकिन इस कंपनी ने किसी भी प्रकार से गाइडलाइन का पालन नहीं की है। आज कई जगह पर लाइन बिछ गया है। कई जगह टंकी भी बन गई है लेकिन नलों में प्रेशर नहीं आ रहा है और पानी भी लोगों को नहीं मिल पा रहा है..
अमृत मिशन के तहत 242 करोड रुपए के लागत से 66 एमएलडी तथा पुरैना में दो एमएलडी का फिल्टर प्लांट बनाया जा रहा है। इस फिल्टर प्लांट से दुर्ग ग्रामीण विधानसभा के रहवासी जिनमें तालपुरी, मरोदा, रिसाली, रूआबांधा, डुण्डेरा, पुुरैना जैसे वार्डों में जलापूर्ति होगी लेकिन भिलाई निगम क्षेत्र को इसका मात्र 10 प्रतिशत ही लाभ होगा। इन दोनो फिल्टर प्लांट का संधारण और संचालन भिलाई निगम करेगा। आखिर रिसाली निगम से भिलाई को क्या मिलेगा? इसका स्पष्ट खुलासा होना चाहिए।
परिसीमन के बाद रिसाली नगर निगम भिलाई नगर निगम की तुलना में बड़ा हो गया है भिलाई छोटा हो गया हमने 20 वर्षों तक रिसाली क्षेत्र का विकास किया लेकिन दुर्भाग्य है कि 242 करोड़ की योजना संपादित करने वाला यह निगम पानी भी नहीं दे पा रहा है ये भिलाई निगम की बड़ी विफलता है। पूर्व में रहे आयुक्त एसके सुंदरानी ने अनियमितताओं संबंधित कई मामलों की जांच कमेटियां प्रशासनिक अफसरों की बनाई जिसकी जांच रिपोर्ट का आज तक पता नही है। जबकि सात दिवस के भीतर एसी, एई व टाइम कीपर को रिपोर्ट पेश करना था लेकिन यह रिपोर्ट अब सपना बन गया है क्योंकि आज तक रिपोर्ट नहीं सौंपे। पानी बिजली सड़क पुल पुलिया बनाने का काम जनता के प्रतिनिधि को करना होता है, वो भी विवेक पर लागू होता है, प्रतिनिधि के लिए किसी डिग्री पीएससी की परीक्षा या आई एस की परीक्षा उतीर्ण करना जरूरी नहीं है. जो हम बोलेंगे उसे बहुमत से हम स्वीकृत करेंगे। आज भी निगम में कई बड़ी योजनाएं चल रही है।
सेक्टर 3 के पार्षद इंदिरा वर्मा ने पूछा कि मेरे वार्ड में एलईडी लाइट क्यों नहीं लगी इस सवाल का जवाब सदन में बैठै भाजपा पार्षद और पूर्व मंत्री प्रेमप्रकाश पांडे बताएं। श्रीमती वर्मा इसका तख्ती लेकर अध्यक्ष की आसंदी तक चली गई, उस समय पूर्व मंत्री पाण्डेय के पार्षदों ने ढिढोंरा पीट कर कहा था कि टाउनशिप के सभी वार्डोँ में एलईडी लाईट लगेगी, लेकिन मेरे वार्ड में आज तक नही लगी। 88 लाख के एलईडी टेंडर 9000 लाइटिंग लगना था वह कहां गया और किस जगह लगाया गया। उधर एलईडी मामले में एमआईसी मेंबर लक्ष्मीपति राजू ने कहा कि तत्कालीन सरकार में जनप्रतिनिधि भाजपा पार्षदों के द्वारा उस समय विरोध और प्रश्न बाजी क्यों नहीं की गई। आखिरकार आज क्यों एलईडी का मुद्दा उठाया जा रहा है। उन्होंने तल्ख लहजे में कहा कि जब उनकी सरकार थी, उस समय अपना मुंह को क्यों नहीं खोलें। इससे साफ स्पष्ट है कि भ्रष्टाचार उनके कार्यकाल में ज्यादा हुआ है. पार्षद लक्ष्मीपति, सुभद्रा सिंह, साकेत चंद्राकर, राजेश चौधरी, जोहन सिन्हा सहित कई पार्षदों ने उस समय इस बात पर आपत्ति जताई जब सभापति ने सेक्टर 3 की पार्षद इंदिरा वर्मा द्वारा अध्यक्ष की आसंदी के पास तख्ती लेकर आने पर पार्षद इंदिरा वर्मा को सभापति ने यह कह दिया कि आंटी आप अपने स्थान पर जाकर बैठ जाओ। इसके कारण भी निगम के सामान्य सभा का माहौल काफी देर तक गर्माया रहा। इन पार्षदों का कहना था कि सभापति को अपने पद गरिमा की चिंता नहीं है वह सम्मानित पार्षद ना बोलकर आंटी शब्द का प्रयोग किया. इस दौरान सभापति श्याम सुंदर राव भी थोड़ा उग्र हो गए थे और कहा कि सत्ता पक्ष कुछ भी बोलेगा तो मैं सुनता रहूंगा क्या।?
इस दौरान महापौर ने हस्तक्षेप करते हुए लक्ष्मीपति राजू और अन्य पार्षदों को शांत कराने के साथ ही सभापति को भी उत्तेजित रूप नही अपनाने का आग्रह किया। पार्षद साकेत चन्द्राकर ने कहा कि कद्दावर नेता रहे पूर्व मंत्री प्रेमप्रकाश पाण्डेय भी विधानसभा अध्यक्ष व अन्य कई पदों में रहे लेकिन विपक्ष के भाजपा पार्षद उनसे कुछ सीख नही पाये। कि सदन कैसे चलाया जाता है, सदन की गरिमा कैसी होनी चाहिए और सदन में कैसे रहा जाता है मैं इस बात को इसलिए कह रहा हूं कि ये सभी पार्षद पाण्डेय जी के कटटर समर्थक और शिष्य है। उधर पार्षद सूर्यकांत सिन्हा ने भी सभापित पर सीधे भेदभाव करने का आरोप लगाया कि भाजपा विपक्ष को अधिक बोलने का समय देतेहै जबकि शहर सरकार को कम बोलने का समय देते हंै। वही पियुष मिश्रा ने अध्यक्ष से कहा कि सभापति सूर्यकांत को दो घंटे बोलने का विशेष समय दें। नेता प्रतिपक्ष रिकेश सेन क्वारांटाईन होने के कारण सामान्य सभा में नही दिखे। उनकी कमी को पूरा करने का प्रयास वशिष्ट मिश्रा, पियुष मिश्राऔर रिंकू साहू ने जमकर शहर सरकार को घेरने का किया। पियुष मिश्रा ने कहा कि हम सब एक है सभी भाजपा पार्षद नेता प्रतिपक्ष है, सदन में शहर सरकार के भ्रष्टाचार को उठाते रहंगेे।
कोसा नाला विकास के प्रस्ताव को बहुमत से गिरा या विपक्ष ने
सामान्य सभा में कोस नाला के 17 करोड़ 17 लाख 74 हजार से विकास कार्य पर चर्चा हुई। तब महापौर देवेंद्र यादव ने कहा कि आप बहुतमत के आधार पर अगर आप प्रस्ताव खारिज कर रहे है तो कर दिजीए। सभी प्रस्ताव को खरिज कर दे लेकिन भावनाओं की राजनीति मत करिए अगर आप शहर का विकास ही नहीं चाहते। ये मन बनाकर यहाँ आये है कि बहुत ज्यादा है और शहर सरकार के सभी प्रस्ताव आपको नही मानना तो कीजिए आप का अधिकार। हाउंसिंग बोर्ड पार्षद पियूष मिश्रा ने विकास कार्य को सिरे से नकारने लगा। बहुत मत के आधार पर विपक्ष ने एक सिरे से प्रस्ताव को खारिज कर दिया। पार्षद जेपी ने महापौर देवेंद्र पर आरोप लगाते हुए कहा कि कोस नाला का भूमिपूजन में उन्हें नही बुलाया गया। पूर्व पार्षद स्व. राकेस अरोरा को भी याद नही किये इसपर मेयर देवेंद्र ने कहा कि आरोप लगाना आसान है। तेलहा नाला का भूमिपूजन ही नही हुआ है। इस दौरान सभा पति श्याम सुंदर ने भी विपक्ष के पार्षदों को समझाने की कोशिश किए। इस दौरान कुछ देर के लिए सभापति और विपक्ष के बीच तीखी बहस हुई।
इस सामान्य सभा में नवनियुक्त सभी एल्डरमेनों का गुलदस्ता से स्वागत निगम के अधिकारियों ने किया। सामान्य सभा में एल्डर मेन सुनील गोयल, मोहम्मद शादाब खान, नरसिंग नाथ, राजीव, अरविंद रॉय सहित सभी एल्डरमेन एवं निगम के अधिकारी मौजूद थे।