पति के निधन की खबर सुनते ही, पत्नी ने भी त्याग
पति के निधन की खबर सुनते ही, पत्नी ने भी त्याग
गांव में एक साथ उठी दो अर्थी
पूरे गांव ने दी नम आंखों से विदाई
पामगढ/कोनारगढ। शादी के वक्त पति-पत्नी ने साथ फेरे लेते समय एक साथ जीने मरने की कसमें खाई थी। हालात कुछ ऐसे बने यह कुदरत का करिश्मा है। शादी के चार दशक बाद भी वही हुआ। दरअसल पामगढ़ ब्लॉक के ग्राम कोसाका आश्रित ग्राम पैधार के मनमोहन यादव की शनिवार को अचानक तबीयत खराब हो गई।परिजन उसका इलाज करवाने अस्पताल लेकर गये। वहा अचानक और उसकी तबीयत खराब हो गई और अस्पताल पर ही मौत हो गई। घर में मातम का आलम था। सभी रोने लगे इसी वक्त मनमोहन की पत्नी दुखनी बाई भी रोने लगी। रोते-रोते वह अचानक सदमे में पड़ गई और बेहोश होकर लेट गई।आसपास के लोगों ने डॉक्टर को घर पर बुलाया। डॉक्टर ने चेक करने के बाद उसे भी मृत घोषित कर दिया। घर में एक साथ दो दो की मौत के बाद घर में बेटे बेटियों के ऊपर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा। घर में पहले एक अर्थी सजाने की प्रक्रिया चल रही थी। कुछ घंटे बाद दो-दो अर्थी सजानी पड़ी एक ही घर से दो दो अर्थियां साथ साथ निकलने से गांव में शोक की लहर दौड़ गई। गांव में एक साथ दो अर्थी देखकर सबकी आंखें नम हुए जा रही थीं। जिनका अंतिम संस्कार शनिवार को देर शाम किया गया।