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धान के नर्सरी में ब्लास्ट की समस्या का होगा समाधान
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धान के नर्सरी में ब्लास्ट की समस्या का होगा समाधान कांकेर- जिले में वर्षा तथा उष्ण जलवायु के कारण धान की नर्सरी में ब्लास्ट की समस्या देखी गई है। किसान ब्लास्ट की पहचान आसानी से कर सकते हैं, शुरूवाती दिनों में नाव या आंख की आकार के भूरे धब्बे पत्तियों पर दिखाई देते है तथा पांच से छः दिन बाद धब्बों के मध्य राख के समान सफेद दिखाई देते हैं। इसके रोकथाम के लिए कृषि विज्ञान केन्द्र कांकेर के वैज्ञानिकों ने बताया कि कवकनाशी दवा
टेबूकोनाजोल या आइसोप्रोथ्योनॉल 1.5 ग्राम प्रति लीटर पानी के साथ घोल बनाकर नर्सरी में छिडकाव करें। इससे नर्सरी में होने वाली धान में ब्लास्ट की समस्या से निजाद पा सकते हैं।