आदर्ष छात्रावासों में आधारभूत संरचना के साथ गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा पर जोर देने के निर्देष
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कोण्डागांव। विगत 9 जुलाई को कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में कलेक्टर पुष्पेन्द्र कुमार मीणा ने आदिवासी विकास शाखा अंतर्गत चल रहे विेकास कार्यो की प्रगति की जानकारी लेने के लिए समीक्षा बैठक बुलाई। इस बैठक में सहायक आयुक्त जी0आर0शोरी, कार्यपालन अभियंता आर0ई0एस अरूण शर्मा, सहायक संचालक उद्यानिकी बी0आर0दर्रो, एसडीओ कृषि उग्रेश देवांगन, एसडीओ सचिन मिश्रा, सहायक संचालक रेशम वेणी कश्यप समेत सभी मण्डल संयोजक समेत अन्य अधिकारी कर्मचारी सम्मिलित हुए।
नीट, आईआईटी कोंचीग मे विद्यार्थियों की संख्या बढाने पर दिया जोर
इस बैठक में कलेक्टर ने कहा कि माॅडल छात्रावासो में बेहतर सुविधायें उपलब्ध कराना शासन की प्राथमिकता रही है। इन छात्रावासो में केवल आधारभूत संरचना के उत्तम होना मात्र पर्याप्त नही होगा बल्कि यहां अध्ययनरत छात्र छात्राओं के समुचे मानसिक एवं शारीरिक विकास को भी विशेषतः ध्यान दिया जाना है। इसके लिए छात्रावासो में अच्छी लाईबे्ररी, उत्तम पेयजल-भोजन, खेल-कूद की उत्तम व्यवस्था एवं लाईटों की उत्तम व्यवस्था के द्वारा पढ़ाई के उत्तम वातावरण को तैयार करने एवं पढ़ने के समय, पढ़ाई एवं स्वास्थ्य पर भी विशेष ध्यान दिया जायेगा। इसके साथ ही कलेक्टर ने कलेक्टेªट परिसर में संचालित नीट एवं आईआईटी की कोंचिग के प्रयास की सराहना करते हुए आगामी वर्ष में और भी उत्तम परिणामों के लिए प्रयास करने को कहा एवं इन कोचिंगो में सभी ऐेसे विद्यार्थी जो इस कार्यक्रम से जुड़ना चाहते है उन्हे जोड़कर कोचिंग में विद्यार्थियों की संख्या बढाने को कहा।
इसके अलावा इस बैठक मे स्वस्थ तन स्वस्थ मन योजना, वनअधिकार पट्टो के वितरण, नक्सल पीड़ितों के परिवारो को आर्थिक सहायता, नक्सल पुर्नवास योजना, देवगुड़ी निर्माण, अंतर्जातिय विवाह प्रोत्साहन योजना, टीकाकरण, फुलवारी योजना, छात्रावासों के संचालन एवं प्रबंधन आदि के साथ विभिन्न विभागों द्वारा अनुसूचित वर्ग के लोगों को रोजगार के विभिन्न माध्यमो जैसे जैविक खाद् निर्माण, लाॅख-हनी उत्पादन, सिल्क से धागाकरण, नगदी फसलो के उत्पादन, बिहान समुहो निर्माण आदि से जोड़ने के लिए चलाई जा रही योजनाओं के संदर्भ में विस्तृत चर्चा की।
इस संबंध में कलेक्टर ने अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि यदि हम स्वरोजगार से संबंधित कार्यक्रम से किसी व्यक्ति को जोड़ते है तो विभाग की भूमिका को केवल प्रशिक्षण तक सीमित नही रखना है अपितु प्रशिक्षण उपरान्त उसकी आय में वृद्धि के लिए उसके कार्य की क्षमता विकास से लेकर बाजार उपलब्ध कराने तक की पूर्ण कार्ययोजना लेकर अंत में परिणाम आने तक प्रयास करना है।
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