छत्तीसगढ़

डाक्टर कात्यानी सिंह के द्वारा डॉक्टर संतोष पटेल के खिलाफ दुर्भावना वश फिर से एक कार्यवाही देखने मिली

डाक्टर कात्यानी सिंह के द्वारा डॉक्टर संतोष पटेल के खिलाफ दुर्भावना वश फिर से एक कार्यवाही देखने मिली ।

रिपोर्ट कान्हा तिवारी
मिली जानकारी के अनुसार सोमवार 6 जुलाई को मालखरौदा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में दो बच्चे तौलीपाली निवासी दिब्या चौहान,उम्र 12 वर्ष की लड़की और दूसरा विशाल चौहान उम्र 5 वर्षीय बालक जहरीले कीड़े के काटने से मृत्यु हो गई ।इन दो बच्चों का इलाज डॉ सुरेंद्र देवांगन के अंडर में हो रहा था और यह दोनों बच्चों की मृत्यु सोमवार को हुई जिसका पोस्टमार्टम डॉ सुरेंद्र देवांगन को स्वास्थ्य विभाग की गाइड लाइन के अनुसार करना था जैसा कि नियम है आपातकालीन ड्यूटी में जिस भी डॉक्टर की डयूटी रहतीा है उसी डॉक्टर को उसका पोस्टमार्टम करना पड़ता है अतः डा. देवागन को यह पोस्टमार्टम करना था ।अब मामले में मोड़ तब आया जब डॉ.संतोष पटेल शनिवार 4 तारीख को सी एच सी मालखरौदा पहुँचे । वे जांजगीर से कोविड 19 की ड्यूटी करके लौटे थे और शनिवार को उन्होंने मालखरौदा सी एच सी में ड्यूटी ज्वाइन की और अपनी आपातकालीन ड्यूटी के विषय में बीएमओ कात्यायनी से जानकारी ली और उस दिन अपनी. डयूटी निभाई । सोमवार को बीएमओ द्वारा डाक्टर सुरेन्द्र देवांगन के माध्यम से सन्तोष पटेल को दोपहर 12 बजे ओपीडी में बताया गया कि आपका आपातकालीन डियूटी सोमवार एवं गुरुवार को ही रहेगी इसके साथ ही डॉ.कत्यायनी सिंह ने डॉ सुरेंद्र देवांगन से डॉक्टर पटेल को सोमवार को जहरीले कीड़े के काटने से मृत बच्चों के पोस्टमार्टम के लिए आदेश दिया अब चुकी उल्लेखनीय है कि 12:00 बजे संतोष पटेल ने उन्हें मृत बच्चों का पोस्टमार्टम करने के लिए आदेश मिला जबकि नियमानुसार इन बच्चों का इलाज डॉ सुरेंद्र देवांगन के अंडर एडमिशन व् एम एल सी हुआ था मृतकों का पोस्टमार्टम भी डॉ सुरेंद्र देवांगन के हाथों होना चाहिए था परंतु डॉक्टर कात्यानी सिंह ने नियम को परे रखते हुए डॉक्टर पटेल को इस पोस्टमार्टम के लिए आदेश दिया जिसे डॉक्टर पटेल ने मौखिक रूप से डॉक्टर सुरेंद्र देवांगन से मना किया कि मै.यह पोस्टमार्टम नहीं कर सकता क्योंकि आपातकालीन डयूटी आपकी थी अतः यह काम भी आपको ही करना है परंतु डॉक्टर कात्यायनी सिहं पोस्टमार्टम के लिए दबाव बनाया तो डॉक्टर संतोष पटेल ने पूर्व में उनके साथ घटे षड्यंत्र को सोचकर विधायक राम कुमार यादव एवं कलेक्टर व् मुख्य चिकित्सा अधिकारी को इसकी सूचना दी और उसके बाद उन्होंने तत्काल पोस्टमार्टम किया,यहाँ पर डाक्टर सन्तोष पटेल ने इंसानियत की मिसाल पेश किया लेकिन अब यहां प्रश्न यह उठता है कि डॉक्टर कात्यानी सी स्वास्थ्य विभाग के नियमों के परे जाकर यह सब क्यों कर रहे हैं और लगातार डाक्टर कत्यायनी सिंह लापरवाही दर लापरवाही षड्यंत्र डॉक्टर संतोष पटेल के खिलाफ कर रही हैं और इसकी सूचना जनप्रतिनिधियों से लेकर स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों तक है फिर भी कात्यायनी को इन सब लापरवाही से कोई फर्क नहीं पड़ रहा है अब ना ही फर्क पड़ रहा है उनके उच्चाधिकारियों को स्वास्थ्य विभाग का यह दोहरा रवैया सभी के समझ से परे है ।

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