छत्तीसगढ़

जिले के सभी लेम्पसों में खाद, बीज का पर्याप्त भण्डारण, फसलों का बीमा कराने किसानों से अपील!

कांकेर 

जिले के सभी लेम्पसों में खाद, बीज का पर्याप्त भण्डारण,
फसलों का बीमा कराने किसानों से अपील!

मानसून के आगमन के साथ ही जिले में खेती-किसानी संबंधी कार्यो में तेजी आई है। सभी किसान अपने-अपने खेतों की तैयारी में जुट गये हैं। कृषि विभाग द्वारा

 

कार्ययोजना बनाकर खरीफ फसल की तैयारी के लिए सम्पूर्ण व्यवस्था कर ली गई है। कलेक्टर के.एल. चौहान द्वारा प्रति सप्ताह खाद बीज के भण्डारण, वितरण एवं खरीफ फसल की तैयारी एवं कृषकों की समस्याओं के निराकरण के संबंध में बैठक लेकर कृषि एवं उद्यानिकी विभाग के अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश दिये जा रहे हैं। समस्त मैदानी अमलों को निर्देशित किया गया है कि किसानों को होने वाली समस्याओं का त्वरित निराकरण किया जावे तथा उन्हें गुणवत्तायुक्त कृषि आदान सामग्री मिलने में किसी प्रकार की परेशानी ना हो। किसानों को बीज एवं खाद उपलब्ध कराने के लिए सहकारी समितियों में पर्याप्त मात्रा में खाद एवं बीज का भण्डारण किया जा चुका है तथा वितरण का कार्य भी सुचारू रूप से चल रहा है। कृषि विभाग के उप संचालक एन.के. नागेश ने बताया कि जिले के 35 सहकारी समितियों में 37 हजार 300 क्विंटल धान बीज का भण्डारण किया जाकर 30 हजार 213 क्विंटल धान बीज का वितरण किया जा चुका है। सहकारी समितियों में यूरिया, डीएपी., पोटाश, इफको एवं सुपर फॉस्फेट इत्यादि उर्वरकों का 35 हजार 658 टन भण्डारण तथा 28 हजार 177 टन वितरण किया जा चुका है।
कृषि विभाग द्वारा खरीफ में धान का रकबा कम करके दलहन, तिलहन एवं मक्का लगाने एवं मेड़ो पर दलहन, तिलहन तथा गौठान ग्रामों में कृषकों को अधिक से अधिक संख्या में बीजोत्पादन कार्यक्रम से जोड़ने के लिए विशेष कार्ययोजना बनाकर सघन अभियान चलाया जा रहा है। उप संचालक श्री नागेश ने बताया कि पिछले वर्ष जिले में धान का रकबा 1 लाख 83 हजार 620 हेक्टेयर था जिसे इस वर्ष 4 हजार 300 हेक्टेयर कम करके धान के बदले दलहन, तिलहन एवं मक्का की फसल लिये जाने का लक्ष्य रखा गया है। खरीफ सीजन में जिले में 2 लाख 41 हजार 760 हेक्टयर क्षेत्राच्छादन का लक्ष्य रखा गया है, वर्तमान में 1 लाख 03 हजार 296 हेक्टयर में धान की बुआई की जा चुकी है।
जिले के सभी निजी कृषि आदान सामग्री विक्रेताओं के विक्रय परिसर का कृषि विभाग के अधिकारियों द्वारा निरीक्षण कर अनियमितता पाये जाने पर तत्काल कार्यवाही की जा रही है। उप संचालक नरेन्द्र नागेश ने बताया कि आदान सामाग्री की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिये बीज के 125 एवं उर्वरक के 96 सेम्पल लेकर जांच हेतु रायपुर स्थित लैब भेजे गये हैं। उन्होंने कहा कि खरीफ सीजन के लिए प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना की अधिसूचना जारी हो चुकी है, योजनांतर्गत ऋणी एवं अऋणी कृषकों के बीमा कराने की अंतिम तिथि 15 जुलाई निर्धारित की गई है। कलेक्टर श्री के.एल. चौहान ने जिले के सभी कृषकों से अपील किया है कि फसलों को जोखिम से बचाने के लिये अधिक से अधिक संख्या में फसल बीमा का लाभ उठायें। फसल बीमा हेतु अपने क्षेत्र के ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी एवं किसान मित्रों से संपर्क किया जा सकता है।

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