WHO ने COVID-19 से लड़ाई में भारत के प्रयास की सराहना की, लेकिन डेटा पर ध्यान देने को कहा | nation – News in Hindi
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विश्व स्वास्थ्य संगठन के कार्यालय की तस्वीर (फाइल फोटो)
डब्लूएचओ (WHO) की मुख्य वैज्ञानिक डॉ. सौम्या स्वामीनाथन ने कहा, “यह भारत के लिए एक बड़ी उपलब्धि है कि पिछले कुछ महीनों में भारत टेस्टिंग किट (Testing Kit) के मामले में आत्मनिर्भर बन गया है और बड़े पैमाने पर निर्माण में सक्षम हो रहा है.”
WHO ने भारत सरकार के मजबूत राजनीतिक नेतृत्व की सराहना की, जिसमें जांच की प्रक्रिया को विकसित करने और बड़े पैमाने पर व्यवस्थित होने के साथ-साथ, लॉकडाउन (Lockdown) के उपायों और व्यवस्थित तरीके से अनलॉक (Unlock) करने जैसी महत्वपूर्ण चीजों का ध्यान रखा गया. यह अब अगले चरण का भारत है और कई अन्य देश भी इसी का सामना कर रहे. और डब्ल्यूएचओ का कहना है कि हमें दीर्घकालिक रणनीति (Long Term Strategy) के बारे में सोचना चाहिए.
भारत टेस्टिंग किट के मामले में बना आत्मनिर्भर
डब्लूएचओ की मुख्य वैज्ञानिक डॉ. सौम्या स्वामीनाथन ने एएनआई के साथ एक विशेष साक्षात्कार में कहा, “भारत सरकार ने शुरुआत से ही बेहद गंभीर कदम उठाए और डब्ल्यूएचओ (WHO) की सिफारिशों के आधार पर जनवरी में ही कुछ उपाय किए थे. आज भारत एक दिन में 200 हजार से अधिक परीक्षण कर रहा है. अब भारत टेस्टिंग किट विकसित कर रहा है. यह भारत के लिए एक बड़ी उपलब्धि है कि पिछले कुछ महीनों में भारत टेस्टिंग किट के मामले में आत्मनिर्भर बन गया है और बड़े पैमाने पर निर्माण में सक्षम हो रहा है.”जब होता है केवल कुल मामलों और मौतों पर फोकस तो नहीं मिलती पूरी तस्वीर
डॉ. स्वामीनाथन ने कहा, “हालांकि मैं यह कहना चाहूंगी कि डेटा पर फोकस होना चाहिए. इससे मेरा मतलब है कि हमें डेटा को देखने के लिए एक व्यवस्थित दृष्टिकोण की आवश्यकता है.” उन्होंने कहा कि जब लोग केवल कुल मामलों और कुल मौतों की संख्या पर ध्यान देते रहते हैं- तो यह कहानी का केवल एक हिस्सा दिखाता है.
WHO ने मामलों की ठीक तरह से रिपोर्टिंग के लिए कुछ मानदंडों की सिफारिश की
एक उदाहरण का हवाला देते हुए उन्होंने बताया कि WHO ने कुछ मानदंडों की सिफारिश की है, सरकार जिनका महामारी के आकलन के लिए उपयोग कर सकती है कि महामारी कहां तक पहुंची है? उन्होंने कहा, “आप डेटा को रिपोर्ट कैसे करते हैं, इस पर कुछ तरह के राष्ट्रीय दिशानिर्देशों की आवश्यकता है. अन्यथा, आप तुलना नहीं कर सकते. हर कोई मामलों को अलग-अलग तरीकों से रिपोर्ट कर रहा है,” .
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उन्होंने कहा कि पहली बात जो किसी को जाननी चाहिए वह रोग का महामारी विज्ञान (Epidemiology) है, यानी प्रति मिलियन आबादी पर मामलों की संख्या कहां और क्या है और यह सभी परीक्षणों पर निर्भर करता है.
First published: July 4, 2020, 8:21 PM IST