छत्तीसगढ़

पीएम आवास बनाए, अब किश्त को तरसे गरीब

सबका संदेश न्यूज छत्तीसगढ़ रायपुर- गांवों में आज भी गरीबों के पक्के आवास का सपना पूरा नहीं हो पाया है। वैसे केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी पीएम आवास योजना के तहत लगभग 25 हजार गरीबों को आशियाना मिल चुका है, लेकिन इनमें से अधिकांश के खाते में राशि नहीं आ पाई है। आकड़े और धरातल स्तर पर जमीन आसमान का अंतर है। वर्ष 2016-2017 व 2017-18 में कुल 13035 पीएम आवास बनाने का लक्ष्य था। इसमें से 12714 आवास पूर्ण हो चुके हैं, इसमें 321 का कार्य प्रगति पर है। 2018-19 में भी 12313 पीएम आवास बनाने की स्वीकृति मिली थी। इसमें 8314 आवास पूरे हो चुके हैं। बाकी 4001 आवास का कार्य अधर में है। वर्ष 2018-19 में 12 हजार 313 पीएम आवास के हितग्राहियों में से सिर्फ 7740 लोगों को ही प्रथम किश्त जारी की जा सकी है। हितग्राहियों को प्रथम किश्त के बाद दूसरी और तीसरी किश्त हासिल करने में साल-दर-साल लग जाते हैं। 2016-17 के करीब चार हजार ऐसे हितग्राही हैं, जिन्हें तीसरी किश्त का आज भी इंतजार है। ऐसे में हितग्राहियों ने उधारी लेकर किसी तरह अपने आवास पूरे करा लिए।

-विभागीय भौतिक सत्यापन में लेटलतीफी

जनपद पंचायतों के अधिकारियों द्वारा भौतिक सत्यापन में लेटलतीफी करने की वजह से हितग्राहियों की आगामी किश्तें अधर में लटक जाती हैं। लोग किसी तरह आवास को बनवा लेते हैं, उसके बाद भी किश्त नहीं मिल पाती। अधिकारी उनके आवासों की रिपोर्ट सिर्फ अपडेट करते हैं।

–इस वित्तीय वर्ष में 12879 लाख रुपये व्यय

2018-19 वित्तीय वर्ष में लक्ष्य के मुताबिक पीएम आवास निर्माण के लिए हितग्राहियों को 12879 लाख रुपये का फंड जारी किया गया। इसमें सिर्फ करीब 50 फीसद राशि सिर्फ पिछली किश्तों को देने में ही व्यय हुई है।

–चौथी किश्त सिर्फ 43 प्रतिशत हितग्राहियों को मिली

आकड़ों के लिहाज से चौथी किश्त सिर्फ 43 फीसद हितग्राहियों को ही मिल पाई है। इसके पीछे अधिकारियों का तर्क है कि भौतिक सत्यापन करने में देरी हो जाती है। मकान की नींव रखे जाने पर ही पहली किश्त जारी होती है। इसके बाद निर्माण की प्रगति रिपोर्ट के हिसाब से आगे की किश्तें जारी होती हैं।

–इन जनपद पंचायतों में इतने निर्माण का टॉरगेट

1-अभनपुर में 3286

2-आरंग-4894

3-धरसींवा-1564

4-तिल्दा-2569

निर्माण कार्य के सत्यापन के बाद किश्तें जारी होती हैं। इनकी सूची अपडेट कर केंद्र को भेजी जाती है। इसके बाद उनके खाते में किश्त की राशि आती है। भौतिक सत्यापन के अभाव में किश्तें रुक जाती हैं। -गौरव सिंह, सीईओ, जिला पंचायत

दिशा समिति की बैठक में अधूरे निर्माण को जल्द पूरा कराने के लिए किश्तें जारी करने के निर्देश दिए हैं। पीएम आवास से गरीबों को अब अपना मकान मिलने लगा है। -रमेश बैस, सांसद

 

 

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