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भारतीय इलाकों को अपने नक्शे में शामिल करने के बाद नेपाल बॉर्डर पर तेजी से बढ़ा रहा है BOP | pithoragarh – News in Hindi

भारतीय इलाकों को अपने नक्शे में शामिल करने के बाद नेपाल बॉर्डर पर तेजी से बढ़ा रहा है BOP

बीओपी का उद्घाटन नेपाल के सशस्त्र सीमा प्रहरी बल के महानिदेशक हरिशंकर बूढ़ाथोकी ने किया

नेपाल की एक बीओपी (BOP) में सशस्त्र सीमा प्रहरी बल के 35 जवानों के साथ 1 इंस्पेक्टर रैंक का अधिकारी हर वक्त मौजूद रहता है. अभी नेपाल की ज्यादातर बीओपी अस्थाई कैंपों में संचालित हो रही हैं, लेकिन इनको खोलने के साथ सभी जगहों पर बिल्डिंग बनाने का काम भी तेजी से किया जा रहा है.

पिथौरागढ़. भारत और नेपाल के बीच इन दिनों सीमा विवाद (India-Nepal Dispute) काफी बढ़ गया है. चीन सीमा (China) को जोड़ने वाली लिपुलेख सड़क के उद्घाटन के बाद नेपाल ने लिपुलेख (Lipulekh), लिम्पियाधूरा और कालापानी (Kalapani) को नेपाल (Nepal) का हिस्सा बताया है. यही नहीं इन इलाकों को अपने नक्शे में दिखाते हुए इस नक्शे को नेपाली संसद से पास भी करवाया है. बता दें कि ये तीनों इलाके उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले के उच्च हिमालय में मौजूद हैं. नेपाली सरकार ने नए राजनीतिक नक्शे में भारत के इन हिस्सों को भी शामिल कर लिया है.

एक ही दिन में तीन नई BOP
नेपाल ने नया राजनीतिक नक्शा जारी करने के बाद अब पिथौरागढ़ से सटी अपनी सीमा के चप्पे-चप्पे पर बीओपी खोलने की योजना को धरातल पर उतारना शुरू कर दिया है. मई माह में नेपाल ने छांगरू में पहली बीओपी स्थापित की थी. जिसके बाद खलंगा और झूलाघाट में भी बीओपी खोलीं गई थीं. बुधवार को ही पंचेश्वर में भी नेपाल ने चौथी बीओपी बनाई. जिसके बाद एक ही दिन में जौलजीबी, लाली और डमलिंग में 3 बीओपी खोल दी हैं. नेपाल की इन बीओपी का उद्घाटन नेपाल के सशस्त्र सीमा प्रहरी बल के महानिदेशक हरिशंकर बूढ़ाथोकी ने किया. इस मौके पर बूढ़ाथोकी ने कहा कि भारत से लगे बॉर्डर इलाकों में बीओपी स्थापित करने से जहां सीमाओं की निगरानी तेज होगी, वहीं अवैध कारोबार पर भी लगाम लगाना आसान हो जाएगा. यही नहीं भारत से होने वाली तस्करी पर भी आसानी से रोक लगाई जा सकती है. पिथौरागढ़ से सटे बॉर्डर इलाकों में नेपाल लिपुलेख सड़क के उद्घाटन के बाद कुल 7 बीओपी स्थापित कर चुका है. एक बीओपी में नेपाल के सशस्त्र सीमा प्रहरी बल के 35 जवानों के साथ 1 इंस्पेक्टर रैंक का अधिकारी हर वक्त मौजूद रहता है. अभी नेपाल की ज्यादातर बीओपी अस्थाई कैंपों में संचालित हो रही हैं, लेकिन इनको खोलने के साथ सभी जगहों पर बिल्डिंग बनाने का काम भी तेजी से किया जा रहा है. लिपुलेख सड़क के उद्घाटन से पहले इस इलाके में नेपाल की सिर्फ एक बीओपी धारचूला में मौजूद थी.

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लेकिन मात्र 2 महीने के भीतर इनकी संख्या 8 पहुंच गई है. असल में नेपाल इस इलाके को लेकर काफी गंभीर नजर आ रहा है. यही वजह है कि बीते दिनों नेपाली आर्मी चीफ ने भी इस इलाके का हवाई दौरा किया था. उत्तराखंड में 275 किलोमीटर की खुली सीमा नेपाल से लगी है. जिसमें आने-वाले दिनों में नेपाल सरकार अभी और भी बीओपी खोलने जा रही है.

First published: July 2, 2020, 11:58 PM IST



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