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कोरोना के खिलाफ जंग जीत रहा है त्रिपुरा, बेहद कम डेथ रेट के साथ शानदार है रिकवरी | nation – News in Hindi

कोरोना के खिलाफ जंग जीत रहा है त्रिपुरा, बेहद कम डेथ रेट के साथ शानदार है रिकवरी

त्रिपुरा के महाराज बिक्रम एयरपोर्ट की तस्वीर. (मुख्यमंत्री बिल्पब देब की ट्विटर वॉल से साभार)

त्रिपुरा ने कोविड-19 के खिलाफ शानदार प्रयास किए हैं और शायद यही वहज है कि करीब 1400 मरीज होने के बावजूद त्रिपुरा में अब तक महामारी की वजह से सिर्फ 1 व्यक्ति की जान गई है.

नई दिल्ली. भारत में कोविड-19 (Covid-19) के खिलाफ सजग कदमों को लेकर केरल (Kerala) और कर्नाटक (Karnataka) जैसे दक्षिण भारतीय राज्यों की तारीफ होती रही है. केरल ने तो कोविड-19 को अपने यहां न बढ़ने देने के लिए अंतरराष्ट्रीय प्रशंसा भी हासिल की है. ‘पोस्टल ऑर्डर’ इकॉनमी के नाम से मशहूर केरल के निवासी बड़ी संख्या में विदेशों में रहते हैं. खतरा था कि महामारी यहां बहुत बढ़ेगी लेकिन ऐसा नहीं हुआ. कद्दावर कम्युनिस्ट नेता पिनराई विजयन राज्य के मुख्यमंत्री हैं.

अगर दक्षिण से अलग पूर्वोत्तर भारत की बात करें तो यहां के भी एक राज्य ने कोरोना के खिलाफ लड़ाई में जबरदस्त उम्मीद जगाई है. ये राज्य है त्रिपुरा. त्रिपुरा ने कोविड-19 के खिलाफ शानदार प्रयास किए हैं और शायद यही वहज है कि करीब 1400 मरीज होने के बावजूद त्रिपुरा में अब तक महामारी की वजह से सिर्फ 1 व्यक्ति की जान गई है.

मई में बहुत तेजी के साथ बढ़ी थी संख्या
गौरतलब है कि त्रिपुरा में मई महीने में कोरोना रोगियों की संख्या में बहुत तेजी के साथ इजाफा हुआ था. दरअसल बड़ी संख्या में सीमा सुरक्षा बलों के जवानों के कोरोना संक्रमित होने की वजह से राज्य में मामलों तेजी से बढ़े. भारत के दूरस्थ इलाके में पड़ने वाले त्रिपुरा में इसकी वजह से बड़ा संकट पैदा हो गया था क्योंकि मरीजों की संख्या बहुत ज्यादा होने पर स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी पड़ जाती. लेकिन राज्य सरकार ने कोरोना संबंधी नियमों का लोगों के बीच कड़ाई से पालन कराया. इस वक्त राज्य में कोरोना के कुल एक्टिव केस 302 हैं. 1,093 लोग ठीक होकर घर वापस जा चुके हैं. महज एक व्यक्ति की जान गई है. संभवत: त्रिपुरा भारत का इकलौता राज्य है जहां पर 1400 मरीजों में सिर्फ एक की मौत हुई है.

2 more BSF personnel in Tripura infected with covid 19

मई महीने में त्रिपुरा में बीएसएफ के जवानों में एकाएक कोरोना के मामले बढ़े थे. (प्रतीकात्मक तस्वीर)

अन्य राज्यों की स्थिति
अगर डेथ रेट की बात की जाए तो उत्तर-पूर्व के राज्यों में स्थिति काफी बेहतर है. मणिपुर में अब तक आए कुल 1260 मरीजों में एक की मौत भी नहीं हुई है. वहीं मेघालय, मिजोरम और नगालैंड की स्थिति भी काफी बेहतर है. लेकिन इन सबमें सबसे ज्यादा मरीज त्रिपुरा में ही सामने आए. उसके पीछे भी एक बड़ी वजह से बीएसएफ के जवानों में एकमुश्त मामले मिलना है.

उत्त्तर पूर्व के सबसे बड़े राज्य असम में भी कोविड-19 का डेथ रेट बेहतर रहा है. अब तक राज्य में 8582 केस आए हैं इनमें 5851 ठीक हो चुके हैं. वहीं राज्य में अब तक महामारी की वजह से 12 लोगों ने जान गंवाई है. गौरतलब है कि उत्तर-पूर्व के राज्य में कोरोना से लड़ाई के दौरान अफ्रीकी स्वाइन फ्लू की समस्या भी खड़ी हो गई थी. हजारों सुअरों की मौत इस बीमारी की वजह से हो गई थी.

अब लोगों की इम्यूनिटी बेहतर करने का सार्वजनिक अभियान
राज्य के मुख्यमंत्री बिप्लब कुमार देब ने एक ट्वीट कर कहा है कि किसी राज्य के सामाजिक-आर्थिक विकास में स्वस्थ समाज का बहुत बड़ा योगदान होता है. इसी के मद्देनजर हमारी सरकार अगले एक महीने तक इम्यूनिटी बूस्टर प्रोग्राम चलाएगी. गौरतलब है कि बिल्लब देब के पास ही त्रिपुरा के स्वास्थ्य मंत्रालय का भी प्रभार है. त्रिपुरा की सरकार भी लोगों के बीच इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए विटामिन-C से भरपूर फल बांटेगी.

राज्य सरकार के कानून और शिक्षा मंत्री रतन लाल नाथ ने कहा है कि राज्य सरकार लोगों की इम्यूनिटी बढ़ाने की इस योजना पर एक करोड़ रुपये खर्च करेगी. कैबिनेट ने इस योजना को मंगलवार को पास कर दिया है. योजना का क्रियान्वयन शहरी और ग्रामीण विकास मंत्रालयों द्वारा किया जाएगा. न्यू इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के मुताबिक इसके लिए स्वयं सहायता समूहों की मदद भी ली जाएगी.

First published: July 2, 2020, 7:39 PM IST



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